धमतरी/कुरुद: छत्तीसगढ़ में प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी रोका-छेका योजना को कुरुद विधायक अजय चंद्रकार ने डब्बा बताया है. उन्होंने कहा कि योजना का न तो इनपुट है और न आउटपुट है. उन्होंने इस योजना को विफल बताते हुए कहा कि भूपेश सरकार की किसी भी योजना और उनके कार्यों का कोई आधार ही नहीं हैं. अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश की सड़कें मवेशियों के खून से लाल हो रही हैं.
बता दें कि धमतरी में सरकार की योजना और अभियान चलाने के बावजूद आए दिन सड़क में मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है. जो दुर्घटनाओं को खुला आमंत्रण दे रहे हैं. प्रदेश के कई क्षेत्रों में मवेशियों की मौत की खबरें लगातार आ रहीं हैं. अजय चंद्राकर ने कहा कि राज्य सरकार ने एक नियम जारी करते हुए कहा था कि पंचायत सचिव को गौठान में मवेशियों को गोधन(गोबर) को गौठान तक पहुंचाने का काम करना होगा, क्या अब यही काम रह गया है.
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इस संबंध में पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि हमारी सरकार गरीब मजदूर किसान की सरकार है. रोका-छेका योजना हमारे किसान भाइयों के हित में कार्य करने का काम रही है. ग्रामीण क्षेत्र और नगरीय क्षेत्रों में रोका-छेका अभियान अच्छे तरीके से चल रहा है. इसमें किसानों की भागीदारी आवश्यक है.
विफल हो रहा रोका-छेका अभियान
बता दें राज्य सरकार ने फसलों की सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि की पुरानी परंपरा रोका-छेका अभियान की शुरुआत विगत 19 जून को की थी. इसका मकसद था कि फसलों को मवेशियों से बचाया जा सके, साथ ही सरकार शहर की सड़कों पर घूम रहे मवेशियों से होने वाले हादसों को भी कम करना चाहती थी. सड़कों से पकड़े गए मवेशियों को कांजी हाउस और गौठान में रखने के भी निर्देश दिए गए थे. दुधारू मवेशियों के जरिए किसानों की आय बढ़ाने की भी योजना थी. जिसपर सरकार ने काम शुरू भी किया था.