धमतरी: शहर में आज लोग बदलते दौर के साथ पुरानी परंपरा को भूलते जा रहे हैं, लेकिन गांव की परम्परा बदस्तूर जारी है. दीवाली खत्म होने के बाद धमतरी के गांवों में मातर तिहार (Matar Tihar was celebrated in villages of Dhamtari) मनाया गया. ये ग्रामीण क्षेत्रों का प्रमुख पर्व होता है. इसमे खास तौर पर ग्राम देवता, गोधन की पूजा होती है, करतब दिखाए जाते है और पूरा गांव उत्सव मनाता है. matar tihar 2022
क्या है मातर: दीपावली का पर्व सारे देश में धूमधाम से मनाया जााता है. लेकिन छत्तीसगढ़िया ग्रामीण परिवेश में इस पर्व का अलग स्वरूप देखने को मिलता है. मातर तिहार में ही दीवाली उत्सव चरम पर रहता है. ये पर्व ग्रामीण परंपरा, सामाजिक ताना बाना और रहन सहन से जुड़ा हुआ है. इसमें ग्राम देवता की पूजा होती है. साथ ही गोधन की भी पूजा होती है. इस दिन पूरा गांव एक साथ एक जगह पर इकट्ठा होता है. जहाँ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है.
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एक से बढ़ कर एक करतब का हुआ प्रदर्शन: धमतरी के भटगांव में मातर अनूठे तरीके से मनाया गया. गांव के युवाओं की टीम ने एक से बढ़ कर एक करतब दिखाए. कोई साइकल को दांतों से उठा कर घुमाता दिखा. कोई पानी से भरे गुंडी को दांतों से उठा कर सीढ़ी पर चढ़ गया. कोई कील के ऊपर सो कर अपने ऊपर अपने साथी को चढ़ा कर करतब दिखाता रहा. एक युवक ने तो अपने सर में आग जला कर, उस आग से भजिया तलवाता दिखा. ये अनोखे साहसिक करतब देख कर लोग हैरान होते रहे और तालियों से उत्साह बढ़ाते रहे.
गांव के प्रमुख लोगों ने बताया कि "यह परंपरा पिछले कई सालों से चल रही है. इसका सारा प्रशिक्षण और खर्च की व्यवस्था भी गांव वाले ही करते हैं."