धमतरी: जिले के मगरलोड क्षेत्र के कई गांवों में अभी तक पक्की सड़क नहीं पहुंची है और न ही पुलिया बनी है. घने जंगलों के बीच बसे गांवों में आज भी समस्याएं बरकरार है. लेकिन शासन-प्रशासन ने कभी इनकी सुध नहीं ली. लिहाजा यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए अभी भी जद्दोजहद कर रहे हैं.
मगरलोड ब्लॉक के परसाबुड़ा, कोरगांव, राजडेरा गांव के ग्रामीण चाहते हैं कि उनके गांव में भी विकास हो पर ऐसा नहीं हो पाया. ग्रामीणों को उम्मीद थी कि उनके जीवन में सुधार आएगा. लेकिन यह उम्मीदें धरी की धरी रह गई. इन गांवों में आने जाने के लिए दो सड़क है. लेकिन वह कच्ची है. वहीं दो सड़कों के बीच में हमेशा पानी भरा रहता है. साथ ही पूरा रास्ता उबड़-खाबड़ है, जिसके कारण यहां आवागमन में बहुत मुश्किलें आती है.
जंगली जानवरों का खतरा
ग्रामीण बताते है कि यहां बरसात के दिनों में बड़ी समस्या होती है. इलाके में राजडेरा बांध होने की वजह से यहां जंगली जानवर गर्मी के दिनों में प्यास बुझाने आते है. वहीं विचरण करते जानवर गांव तक पहुंच जाते है. जिसके कारण यहां के लोग शाम होते ही बाहर नहीं निकलते क्योंकि बिजली के खम्भो में लाइट की व्यवस्था नहीं की गई है.
मूलभूत समस्याओं की दिक्कत
जंगली क्षेत्र होने के कारण सांप, बिच्छू का खतरा भी बना रहता है. वहीं ग्रामीणों का ये भी कहना है कि यहां पानी की समस्या नहीं है, क्योंकि पास में ही बांध से पानी आसानी से लाया जा सकता है. समस्या तो लाने के साधन की है. बता दें कि ग्रामीण नल जल योजना की लंबे समय से मांग कर रहे है. पक्की सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीण सुविधाओं से वंचित है. उन्हें स्वास्थ्य लाभ भी नहीं मिल पाता क्योंकि सड़क खराब होने से आने-जाने में दिक्कत होती है. कुल मिलाकर यहां मूलभूत समस्याओं की काफी दिक्कत है.
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ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से फरियाद लगाई है कि उनकी समस्याओं को संज्ञान में लेकर गांव में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाए. वहीं प्रशासन के आलाधिकारियों ने मौके का मुआयना कर ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिलाया है.