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Magha Purnima 2023: कड़ाके की ठंड में धमतरी के रुद्रेश्वर घाट पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, की ये कामना

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Published : Feb 5, 2023, 4:43 PM IST

माघ पूर्णिमा की तिथि को सुबह सूरज उगने से पहले ही धमतरी के रुद्रेश्वर घाट पर आस्थावानों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों ने कड़ाके की ठंड की परवाह न करते हुए महानदी में डुबकी लगाई और आस्था के जोत जलाए. स्नान के बाद प्राचीन महादेव का मंदिर में दर्शन पूजन किया. Ancient Mahadev Temple

Magha Purnima 2023
रुद्रेश्वर घाट पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

धमतरी: छत्तीसगढ़ में माघ पूर्णिमा पर रविवार सुबह से धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. कड़ाके की ठंड पर आस्थावानों का उत्साह हावी रहा. माघ पूर्णिमा पर रविवार को सूर्योदय से पहले ही भक्तों का रेला धमतरी के महानदी रुद्रेश्वर घाट पर उमड़ पड़ा. लोगों ने महानदी में आस्था की डुबकी लगाते हुए जोत प्रज्ज्वलित किए. इस घाट पर प्राचीन महादेव का मंदिर है. स्नान के बाद दर्शन के लिए मंदिर के बाहर कतार भी लगी रही. स्नान के बाद इसी घाट पर हर साल की ही भव्य मेले का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में लोग पहुंचे.

मनोकामना के लिए दीपदान: धमतरी के रुद्रेश्वर महादेव घाट पर दर्शन-पूजन के साथ ही महानदी में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर मनोकामना पूरी करने के लिए दीप दान किया. धमतरी स्थित रुद्रेश्वर महादेव मंदिर में माघ पूर्णिमा के अवसर पर आस्था की ज्योत भी जलाई गई. महानदी में पुण्य स्नान के लिए तड़के ही श्रद्धालु उमड़ने लगे थे. इस दौरान स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर सुख समृद्धि की कामना की.

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कर्णेश्वर, डोंगेश्वर और कुलेश्ववर महादेव में भी लगा मेला: रुद्री में रुद्रेश्वर महादेव घाट में सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और मंदिर में दर्शन पूजन किया. रुद्री के अलावा तीन अन्य स्थानों सिहावा में कर्णेश्वर महादेव मंदिर, देवपुर के डोंगेश्वर महादेव मंदिर और धमतरी से लगे कुलेश्वर महादेव घाट में भव्य मेले का आयोजन किया गया है.

रुदेश्वर में 52 गांव से पहुंचे देवी देवता : रुद्रेश्वर महादेव मंदिर काफी पुराना है. यहां हर वर्ष माघ पूर्णिमा पर मेला मड़ई का आयोजन किया जाता है. सुबह से ही आसपास के गांव से 52 गांव से देवी देवता प्रतीक पहुंचते हैं. पुण्य स्नान के बाद स्थल भ्रमण के बाद मड़ई मेला शुरू होता है. शिव भक्तों के मुताबिक आज के दिन दान पुण्य और स्नान का अलग ही महत्व है. हर वर्ष यहां दूर-दराज से श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं और आस्था की डुबकी लगाकर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने महानदी का जल, बेल, धतूरा और नारियल लेकर दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हैं.

श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

धमतरी: छत्तीसगढ़ में माघ पूर्णिमा पर रविवार सुबह से धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. कड़ाके की ठंड पर आस्थावानों का उत्साह हावी रहा. माघ पूर्णिमा पर रविवार को सूर्योदय से पहले ही भक्तों का रेला धमतरी के महानदी रुद्रेश्वर घाट पर उमड़ पड़ा. लोगों ने महानदी में आस्था की डुबकी लगाते हुए जोत प्रज्ज्वलित किए. इस घाट पर प्राचीन महादेव का मंदिर है. स्नान के बाद दर्शन के लिए मंदिर के बाहर कतार भी लगी रही. स्नान के बाद इसी घाट पर हर साल की ही भव्य मेले का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में लोग पहुंचे.

मनोकामना के लिए दीपदान: धमतरी के रुद्रेश्वर महादेव घाट पर दर्शन-पूजन के साथ ही महानदी में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर मनोकामना पूरी करने के लिए दीप दान किया. धमतरी स्थित रुद्रेश्वर महादेव मंदिर में माघ पूर्णिमा के अवसर पर आस्था की ज्योत भी जलाई गई. महानदी में पुण्य स्नान के लिए तड़के ही श्रद्धालु उमड़ने लगे थे. इस दौरान स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर सुख समृद्धि की कामना की.

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कर्णेश्वर, डोंगेश्वर और कुलेश्ववर महादेव में भी लगा मेला: रुद्री में रुद्रेश्वर महादेव घाट में सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और मंदिर में दर्शन पूजन किया. रुद्री के अलावा तीन अन्य स्थानों सिहावा में कर्णेश्वर महादेव मंदिर, देवपुर के डोंगेश्वर महादेव मंदिर और धमतरी से लगे कुलेश्वर महादेव घाट में भव्य मेले का आयोजन किया गया है.

रुदेश्वर में 52 गांव से पहुंचे देवी देवता : रुद्रेश्वर महादेव मंदिर काफी पुराना है. यहां हर वर्ष माघ पूर्णिमा पर मेला मड़ई का आयोजन किया जाता है. सुबह से ही आसपास के गांव से 52 गांव से देवी देवता प्रतीक पहुंचते हैं. पुण्य स्नान के बाद स्थल भ्रमण के बाद मड़ई मेला शुरू होता है. शिव भक्तों के मुताबिक आज के दिन दान पुण्य और स्नान का अलग ही महत्व है. हर वर्ष यहां दूर-दराज से श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं और आस्था की डुबकी लगाकर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने महानदी का जल, बेल, धतूरा और नारियल लेकर दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हैं.

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