धमतरी: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए प्रदेश के कई जिलों में टोटल लॉकडाउन लगाया गया है, जिसका असर व्यापारी वर्ग पर पड़ा है. लॉकडाउन से रक्षाबंधन के त्योहार में राखी बेचने वाले व्यापारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है.
भाई बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व 3 अगस्त को मनाया जाएगा, लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर कोरोना का साया मंडरा रहा है ऐसे में भाई की कलाई पर बांधे जाने वाली राखी का बाजार ठंडा पड़ा हुआ है.
व्यापारियों को हो रहा नुक्सान
व्यापारी बताते हैं कि, रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए राखियों की दुकानें सज कर तैयार है, लेकिन अब व्यापारी शाम 6 बजे तक दुकाने समेटने के लिए मजबूर हो गए हैं. जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है.
व्यापारियों में मायूसी
वे बताते हैं कि इस बार पर्याप्त मात्रा में सामान सप्लाई नहीं होने से राखी के कीमतों में इजाफा हुआ है. ऐसे में शाम के वक्त दुकानें बंद कराने से व्यापारियों में मायूसी है.
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शहर के गोलबाजार सहित विभिन्न चौक चौराहों में करीब 150 से अधिक राखियों का स्टॉल सजाया गया है. व्यापारी सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक राखियों की बिक्री कर रहे हैं. सुबह से लेकर दोपहर में शहरवासी तो खरीदारी कर लेते हैं, लेकिन शाम 4 बजे के बाद ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले ग्राहकों को खरीदी करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा है.
राखियों की कीमत में इजाफा
व्यापारियों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल राखी का बाजार काफी मंदा चल रहा है. उन्होंने प्रशासन से दुकान बंद करने के समय को एक घंटे बढ़ाने की मांग की है. बहरहाल पिछले साल की तुलना में इस साल राखियों की कीमत में 20 से 30 फीसदी का इजाफा हुआ है. उम्मीद है कि रक्षाबंधन पर्व के पहले बाजार फिर से गुलजार होगा.