धमतरी: मुश्किल समय में हौसला हारने के बजाए सूझबूझ से काम किया जाए तो बड़ी से बड़ी आपत्ति को टाला जा सकता है. ऐसी ही सूझबूझ दिखाकर लोगों को हैरत में डालने वाली साहसी बालिका जाह्नवी राजपूत को राज्य वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा. रायपुर में 26 जनवरी को राज्यपाल के हाथो जाह्नवी को राज्य वीरता पुरस्कार दिया जाएगा.
दरअसल, धमतरी जिले के कुरूद में रहने वाली जाह्नवी राजपूत ने न सिर्फ सूझबूझ का परिचय दिया था बल्कि अपनी जान पर खेलकर करंट से चिपक रहे अपने भाई की जान बचाई थी. तब जाह्नवी के अदम्य साहस और सूझबूझ को हर किसी ने सलाम किया था. वहीं अब वीरता पुरस्कार की जानकारी मिलते ही जाह्नवी के परिवार और आसपास क्षेत्रों में खुशी का माहौल है.
भाई की बचाई थी जान
कई बार खेल-खेल में बच्चों की जान आफत में पड़ जाती है. ऐसा ही वाक्या धमतरी के कुरूद में देखने को मिला था. 15 अगस्त 2020 को 11.30 बजे के आसपास ऐसी घटना घटी कि सब हैरत में पड़ गए. कारगिल चौक निवासी भारत भूषण राजपूत का 5 वर्षीय बेटा शिवांश राजपूत छत के पास खेल रहा था, छत की ऊंचाई करीब 14 फीट है. खेलते-खेलते शिवांश छत से गुजरने वाले बिजली के तार की चपेट में आ गया.
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शिवांश को बचाने की कोशिश में उसकी मां और बहन भी बिजली के झटके से दूर गिर गई. शिवांश बिजली की तार से चिपका तड़प रहा था. इसी दौरान शिवांश की 12 वर्षीय बड़ी बहन जाह्नवी राजपूत ने सूझबूझ से छत में रखे बांस को उठा लिया और तार पर जोर जोर से मारने लगी. इससे शिवांश बिजली के तार से छूट गया, लेकिन छत से वह गिरने लगा. बहन जाह्नवी ने हिम्मत दिखाते हुए शिवांश का हाथ पकड़कर उसे ऊपर खींचा और उसकी जान बचा ली.
फौजी बनकर देश सेवा करना चाहती है जाह्नवी
साहसी बालिका जाह्नवी का कहना है कि वह भविष्य में फौज में शामिल होकर देश की सेवा करनी चाहती है. पिता भी अपनी बेटी के इस साहस पर गर्व रहे हैं. वे कहते हैं कि उनकी बेटी ने उनका सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है. राज्य वीरता पुरुस्कार मिलने पर वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.