धमतरी : बीते दिनों गंगरेल बांध में तीन लोगों की मौत के बाद आया प्रशासन का फरमान, अब कागजी साबित हो रहा है. गंगरेल डैम में नाव हादसे के बाद, जो गाइडलाइन जारी हुई थी उसका कोई असर जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा है.
दरअसल, यहां सैलानी जोखिम उठाकर नाव की सवारी करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं. जबकि कुछ दिनों पहले ही गंगरेल बांध में नौकायान के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद प्रशासन ने निर्देश जारी किए थे कि, बिना सुरक्षा मानकों के नाव में सवारी नहीं कराई जाए, बावजूद इसके लोग इन निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं'.
हादसे के बाद गाइडलाइन के साथ फरमान जारी हुआ था, जो भविष्य में इस तरह की अनहोनी को रोकने के लिए पहला जरूरी कदम था. लेकिन प्रशासन ने इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
लाइफ जैकेट नहीं किया जा रहा उपयोग
बांध के सभी तटीय घाटों पर मौजूद नावों के नाविक को गाइडलाइन की जानकारी तक नहीं है. इसके अलावा सवारी क्षमता की जानकारी भी नहीं दी गई है. नौका विहार करने की इजाजत और लाइफ जैकेट के उपयोग की अनिवार्यता के आदेश का भी पालन नहीं हो रहा है.
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अभी तक नहीं हुई बैठक
गाइडलाइन में नाव में सवार होने से पहले सैलानी का नाम और पता लिखने की बात कही गई है, लेकिन इस निर्देश का पालन नहीं हो रहा. तीसरी गाइडलाइन का पालन कैसे हो, इसके लिए एसडीएम, तहसीलदारों को सभी मछुआरों की लिस्ट तैयार कर बैठक ली जानी थी, लेकिन इस बैठक का भी कोई अता-पता नहीं है.
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प्रशासन के निर्देश का नहीं हो रहा पालन
बहरहाल प्रशासन के फरमान और लापरवाही का ही नतीजा है कि 'अभी भी पुराना ढर्रा जारी है. सैलानी किसी भी घाट में जाकर जान का खतरा उठाकर नौकाविहार कर रहे हैं. ऐसे में जरूरत है कि जो निर्णय प्रशासन ने लिया है उसका जल्द पालन हो.