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'जागो भूपेश सरकार', कोर्ट के फैसले बाद भी वनवासियों को नहीं मिला उनका अधिकार

सिंगपुर, दर्रीडबरी, कासावाही के सैकड़ों वनवासी जनपद पंचायत मगरलोड में वन अधिकार पट्टा लेने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ा. कई घंटे इंतजार के बाद भी अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं पहुंचे. वनवासी परिवार प्रशासन से वनाधिकार पट्टा दिलाने की मांग किए हैं. मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

वनाधिकार पट्टा दिलाने की मांग
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Published : May 19, 2019, 6:11 PM IST

धमतरी: आजादी के सालों बाद भी अंग्रेजों के बनाए कई कानून बदस्तूर जारी है. इन्हीं में शामिल है वन अधिकार कानून. मामला धमतरी जिले के मगरलोड इलाके के वनांचल के गांवों का है. सिंगपुर वनपरिक्षेत्र में रहने वाले वनवासी कोर्ट के फैसले बाद भी अपने अधिकारों से वंचित हैं.

वनवासियों को नहीं मिला उनका अधिकार

दरअसल, सिंगपुर, दर्रीडबरी, कासावाही के सैकड़ों वनवासी जनपद पंचायत मगरलोड में वन अधिकार पट्टा लेने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ा. कई घंटे इंतजार के बाद भी अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं पहुंचे.

वनवासी कर रहे पट्टा दिलाने की मांग
बताया जा रहा है कि मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी में यह मामला चल रहा था और कई सालों की सुनवाई के बाद मजिस्ट्रेट निर्मल मिश्र ने इन वनवासी परिवारों के पक्ष में फैसला सुनाया था. वनवासियों का कहना है कि ग्राम पंचायत सिंगपुर सहित आस-पास के करीब 20 गांवों के ग्रामीण वनभूमि पर सालों से रह रहे हैं और खेती-बाड़ी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन कोर्ट के फैसले बाद भी ग्राम पंचायत सिंगपुर ने इन वनवासियों को अपात्र घोषित कर दिया. फिलहाल ये वनवासी परिवार प्रशासन से वनाधिकार पट्टा दिलाने की मांग किए हैं. मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

धमतरी: आजादी के सालों बाद भी अंग्रेजों के बनाए कई कानून बदस्तूर जारी है. इन्हीं में शामिल है वन अधिकार कानून. मामला धमतरी जिले के मगरलोड इलाके के वनांचल के गांवों का है. सिंगपुर वनपरिक्षेत्र में रहने वाले वनवासी कोर्ट के फैसले बाद भी अपने अधिकारों से वंचित हैं.

वनवासियों को नहीं मिला उनका अधिकार

दरअसल, सिंगपुर, दर्रीडबरी, कासावाही के सैकड़ों वनवासी जनपद पंचायत मगरलोड में वन अधिकार पट्टा लेने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ा. कई घंटे इंतजार के बाद भी अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं पहुंचे.

वनवासी कर रहे पट्टा दिलाने की मांग
बताया जा रहा है कि मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी में यह मामला चल रहा था और कई सालों की सुनवाई के बाद मजिस्ट्रेट निर्मल मिश्र ने इन वनवासी परिवारों के पक्ष में फैसला सुनाया था. वनवासियों का कहना है कि ग्राम पंचायत सिंगपुर सहित आस-पास के करीब 20 गांवों के ग्रामीण वनभूमि पर सालों से रह रहे हैं और खेती-बाड़ी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन कोर्ट के फैसले बाद भी ग्राम पंचायत सिंगपुर ने इन वनवासियों को अपात्र घोषित कर दिया. फिलहाल ये वनवासी परिवार प्रशासन से वनाधिकार पट्टा दिलाने की मांग किए हैं. मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

Intro:भारत में अंग्रेजो व्दारा बनाए गए कानून आज भी बदस्तूर जारी है.देश आजाद होने के बाद कई कानून में कोई बदलाव नही किया गया जिनमे से एक है वन अधिकार कानून.अब इस कानून के नियमों के चलते वनांचल इलाके में रहने वाले लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.मामला धमतरी जिले के मगरलोड इलाके के वनांचल गांवों का है.सिंगपुर वनपरिक्षेत्र में रहने वाले वनवासियों को कोर्ट के फैसले बाद भी उनके अधिकारो से वंचित किया जा रहा है.

सिंगपुर वनपरिक्षेत्र के वनवासियों को उस वक्त बैरंग लौटना पड़ा जब भूखे प्यासे घंटो इंतजार बाद भी एक भी अधिकारी उनकी सुध लेने नही पहुँचे.दरअसल सिंगपुर,दर्रीडबरी,कासावाही के सैकड़ों वनवासी मगरलोड जनपद पंचायत में वन अधिकार पट्टा लेने पहुँचे हुए थे.घण्टो इंतजार बाद अधिकारी के नही आने के कारण निराश होकर वापस लौटना पड़ा.

बताया जा रहा है कि मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी में यह मामला चल रहा था और कई वर्षो की सुनवाई के बाद मजिस्ट्रेट निर्मल मिश्र ने इन वनवासी परिवारों के पक्ष में फैसला सुनाया था.लेकिन कोर्ट के फैसले बाद भी ग्राम पंचायत सिंगपुर द्वारा इन वनवासियो को अपात्र घोषित कर दिया.

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वनवासियों का कहना है कि ग्राम पंचायत सिंगपुर सहित आसपास के करीब 20 गांवों के ग्रामीण वनभूमि पर वर्षो से काबिज है और खेती-बाड़ी कर अपना जीवन यापन करते है.वही जंगल में काबिज होने के कारण उन्हें तरह तरह की प्रताड़ित किया जा रहा है.वनविभाग के अधिकारियों के द्वारा बार-बार जेसीबी से उनके आशियाने उजाड़ दिए जाते है जिससे परिवार चलाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

फिलहाल शासन प्रशासन से वनाधिकार पट्टा दिलाने की मांग कर रहे है वही मांग पूरी नही होने पर ये वनवासी उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दे रहे है.
इस सम्बंध में जनपद सीईओ से जानकारी लेने का प्रयास किया गया पर जिला मुख्यालय में आयोजित बैठक में होने से उनसे संपर्क नही हो पायाBody:बाइट...1 भगवनतिन बाई
बाइट...2थनवार मरकाम

अभिमन्यु नेताम कुरूद 9907441955Conclusion:
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