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छत्तीसगढ़ के इमरान को वो अवार्ड मिला जो देश में सिर्फ एक मत्स्य कृषक को मिलता है

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Published : Dec 29, 2020, 12:12 PM IST

Updated : Dec 29, 2020, 12:25 PM IST

जिले में संचालित एमआईके फिश कंपनी के संचालक को मछली पालन और उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. ये सम्मान अब अन्य मत्स्य कृषकों को प्रेरणा देगा.

Imran Khan received national award in the field of fisheries
इमरान को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

धमतरी: जिले में संचालित एमआईके फिश कंपनी के संचालक को मछली पालन और उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इन्हें बेस्ट प्रोफाइल ट्री फर्म संवर्ग के तहत सम्मानित किया गया है. दरअसल सिहावा क्षेत्र के साथ पूरे देश में मत्स्य पालन के क्षेत्र में एमआईके फिश कंपनी ने एक नया मुकाम स्थापित किया है. यही वजह है कि हाल ही में विश्व मत्स्य दिवस के मौके पर भारत सरकार ने एपीसी म्यूजियम हॉल पूसा कैंपस, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में इमरान खान को इस राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है.

धमतरी के इमरान को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

एमआईके कंपनी के संचालक इमरान खान को गरिमामयी समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी के हाथों एक लाख नगद पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया. इस पुरस्कार से न सिर्फ सिहावा का नाम रोशन हुआ, बल्कि पूरा छत्तीसगढ़ इससे गौरवान्वित हुआ है.

30 साल से मत्स्य पालन कर रहा परिवार

कंपनी के संचालक इमरान खान ने बताया कि 30 साल पहले इनके पिता अब्दुल जब्बार खान ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में कदम रखा था. पहले लोगों ने कहा कि यह क्षेत्र खतरों से भरा है, लेकिन कहते हैं न कि हौसले बुलंद हों तो हर मुश्किल राह आसान हो जाती है. इमरान और उनका परिवार 30 साल से मत्स्य पालन के क्षेत्र में काम कर रहा है. नतीजन इस व्यवसाय के साथ जुड़कर इमरान और उनके परिवार ने नाम और शोहरत दोनों कमाई.

Imran Khan received national award in the field of fisheries
पुरस्कार समारोह में इमरान

पढ़ें: कोरोना काल में साइकिल बनी इम्यूनिटी बूस्ट करने की 'मेडिसिन' !

एक ही मत्स्य कृषक को मिलता है ये पुरस्कार

यह पुरस्कार पूरे भारत में केवल एक ही मत्स्य कृषक को मिलता है. ये उन्हें दिया जाता है, जो उच्चतम खतरे उठाकर मत्स्य पालन की ज्यादातर पद्धतियों पर काम करते हैं. एमआईके कंपनी ने देश में सर्वाधिक अधिकतम पद्धति पर कार्य करने के साथ ही जलाशय से प्रबंधन में पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है. मत्स्य पालन के क्षेत्र में काम करते हुए इस कंपनी का काम अब 3 अन्य राज्यों में भी फैल चुका है.

Imran Khan received national award in the field of fisheries
मछली पालन

कई पुरस्कार किए अपने नाम

एमआईके कंपनी को 2012 में भारत के राष्ट्रपति के हाथों और 2013 में गुजरात के मुख्यमंत्री, 2014 में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, 2015 में भारत सरकार से राष्ट्रीय पुरस्कार और छत्तीसगढ़ सरकार से कई पुरस्कार मिल चुके हैं. इमरान खान कहते हैं कि आदिवासी अंचल में रहकर अपने पिता के सपनों को साकार करते हुए अपनी टीम के साथियों की कड़ी मेहनत और क्षेत्रवासियों की बदौलत उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है. वह इस पुरस्कार को सभी मत्स्य पालकों को समर्पित करते हैं.

Imran Khan received national award in the field of fisheries
इमरान के पिता

पिता बने इमरान की प्रेरणा

इमरान के पिता जी आज भी सुबह से जलाशय जाते हैं. इमरान खान का कहना है कि पिताजी का पूरा समय और मार्गदर्शन उन्हें मिलता रहता है. पिता से ही कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है. वर्तमान में वे युवा पीढ़ी को संदेश देना चाहते हैं कि मत्स्य उद्योग में अपार संभावनाएं हैं. इसे अपनाकर आत्मनिर्भर बना जा सकता है.

पुरस्कार से कृषकों को मिलेगा बल

बहरहाल इमरान की इस फिश कंपनी में कई बेरोजगारों को रोजगार मिल रहा है. यहां करीब दो हजार से ज्यादा मजदूर काम करते हैं और अब मत्स्य पालन के क्षेत्र में मिल रहे राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से जिले के अन्य मत्स्य कृषकों को भी बल मिलेगा.

धमतरी: जिले में संचालित एमआईके फिश कंपनी के संचालक को मछली पालन और उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इन्हें बेस्ट प्रोफाइल ट्री फर्म संवर्ग के तहत सम्मानित किया गया है. दरअसल सिहावा क्षेत्र के साथ पूरे देश में मत्स्य पालन के क्षेत्र में एमआईके फिश कंपनी ने एक नया मुकाम स्थापित किया है. यही वजह है कि हाल ही में विश्व मत्स्य दिवस के मौके पर भारत सरकार ने एपीसी म्यूजियम हॉल पूसा कैंपस, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में इमरान खान को इस राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है.

धमतरी के इमरान को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

एमआईके कंपनी के संचालक इमरान खान को गरिमामयी समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी के हाथों एक लाख नगद पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया. इस पुरस्कार से न सिर्फ सिहावा का नाम रोशन हुआ, बल्कि पूरा छत्तीसगढ़ इससे गौरवान्वित हुआ है.

30 साल से मत्स्य पालन कर रहा परिवार

कंपनी के संचालक इमरान खान ने बताया कि 30 साल पहले इनके पिता अब्दुल जब्बार खान ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में कदम रखा था. पहले लोगों ने कहा कि यह क्षेत्र खतरों से भरा है, लेकिन कहते हैं न कि हौसले बुलंद हों तो हर मुश्किल राह आसान हो जाती है. इमरान और उनका परिवार 30 साल से मत्स्य पालन के क्षेत्र में काम कर रहा है. नतीजन इस व्यवसाय के साथ जुड़कर इमरान और उनके परिवार ने नाम और शोहरत दोनों कमाई.

Imran Khan received national award in the field of fisheries
पुरस्कार समारोह में इमरान

पढ़ें: कोरोना काल में साइकिल बनी इम्यूनिटी बूस्ट करने की 'मेडिसिन' !

एक ही मत्स्य कृषक को मिलता है ये पुरस्कार

यह पुरस्कार पूरे भारत में केवल एक ही मत्स्य कृषक को मिलता है. ये उन्हें दिया जाता है, जो उच्चतम खतरे उठाकर मत्स्य पालन की ज्यादातर पद्धतियों पर काम करते हैं. एमआईके कंपनी ने देश में सर्वाधिक अधिकतम पद्धति पर कार्य करने के साथ ही जलाशय से प्रबंधन में पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है. मत्स्य पालन के क्षेत्र में काम करते हुए इस कंपनी का काम अब 3 अन्य राज्यों में भी फैल चुका है.

Imran Khan received national award in the field of fisheries
मछली पालन

कई पुरस्कार किए अपने नाम

एमआईके कंपनी को 2012 में भारत के राष्ट्रपति के हाथों और 2013 में गुजरात के मुख्यमंत्री, 2014 में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, 2015 में भारत सरकार से राष्ट्रीय पुरस्कार और छत्तीसगढ़ सरकार से कई पुरस्कार मिल चुके हैं. इमरान खान कहते हैं कि आदिवासी अंचल में रहकर अपने पिता के सपनों को साकार करते हुए अपनी टीम के साथियों की कड़ी मेहनत और क्षेत्रवासियों की बदौलत उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है. वह इस पुरस्कार को सभी मत्स्य पालकों को समर्पित करते हैं.

Imran Khan received national award in the field of fisheries
इमरान के पिता

पिता बने इमरान की प्रेरणा

इमरान के पिता जी आज भी सुबह से जलाशय जाते हैं. इमरान खान का कहना है कि पिताजी का पूरा समय और मार्गदर्शन उन्हें मिलता रहता है. पिता से ही कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है. वर्तमान में वे युवा पीढ़ी को संदेश देना चाहते हैं कि मत्स्य उद्योग में अपार संभावनाएं हैं. इसे अपनाकर आत्मनिर्भर बना जा सकता है.

पुरस्कार से कृषकों को मिलेगा बल

बहरहाल इमरान की इस फिश कंपनी में कई बेरोजगारों को रोजगार मिल रहा है. यहां करीब दो हजार से ज्यादा मजदूर काम करते हैं और अब मत्स्य पालन के क्षेत्र में मिल रहे राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से जिले के अन्य मत्स्य कृषकों को भी बल मिलेगा.

Last Updated : Dec 29, 2020, 12:25 PM IST
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