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धमतरी: धड़ल्ले से चल रहा अवैध रेत उत्खनन का खेल, प्रशासन को नहीं है कोई खबर

रेत माफियाओं पर लगाम कसने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार ने भले ही कड़े फैसले लिए हो, लेकिन इन दावों के बीच हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. नई सरकार आने के बाद धमतरी जिले में एक बार फिर रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं.

धड़ल्ले से चल रहा अवैध रेत उत्खनन का खेल
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Published : Apr 24, 2019, 8:19 PM IST

धमतरी: रेत माफियाओं पर लगाम कसने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार ने भले ही कड़े फैसले लिए हो, लेकिन इन दावों के बीच हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. नई सरकार आने के बाद धमतरी जिले में एक बार फिर रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं. अवैध रेत उत्खनन का कारोबार पहले की तरह फिर से चलने लगा है.

धड़ल्ले से चल रहा अवैध रेत उत्खनन का खेल

नियम कायदों की धज्जियां उड़ा रहे खनिज माफिया
जिले में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद खनिज माफिया नियम कायदों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. बीते कुछ दिनों से महानदी पर रेत के अवैध उत्खनन का कारोबार धड़ल्ले से जारी है. इसमें मशीनों का भी इस्तेमाल जमकर किया जा रहा है. आलम ये है कि अभी ये खेल दिन के उजाले में भी चल रहा है. इधर प्रशासन भी मामले में चुप्पी साधे बैठा है.

सैकड़ों हाईवा से ढोते हैं रेत
महानदी के किनारे रेत के परिवहन का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो जाता है जो देर शाम तक चलता है. इस काम के लिए 10-20 गाड़ियों का नहीं बल्कि सैकड़ों हाईवा और टिप्परों से रेत ढोया जाता है. ये दिगर बात है कि इनमें से कुछ कायदे-कानून के मुताबिक होते हैं, लेकिन इनकी आड़ में ज्यादातर अवैध तरीके से परिवहन किया जाता है.

खदानों में जेसीबी का इस्तेमाल
इसके साथ ही खदानों में जेसीबी का इस्तेमाल भी धड़ल्ले से किया जा रहा है, जो नदी में 20 से 25 फीट तक की खुदाई करने से भी गुरेज नहीं करते. कहा जा रहा है कि इसे खनिज माफिया अंजाम दे रहे हैं. साथ ही राजस्व की चोरी कर सरकार को लाखों रुपयों का चूना लगा रहे हैं.

फल-फूल रहा रेत उत्खन्न का अवैध कारोबार
यही वजह है कि महानदी के किनारे बसे गांव अमेठी, सारंगपुरी, परसूली, लड़ेर, सोनेवारा, तेंदुकोना समेत कुछ गांवों में रेत उत्खनन का अवैध कारोबार बदस्तूर फल-फूल रहा है. लोगों की माने, तो खदानों में मशीनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध होने के बावजूद प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल
हैरानी की बात है कि रोज सैकड़ों गाड़ियां रेत परिवहन कर रही हैं. ऐसे में लगातार हो रहे अवैध उत्खनन से लोग प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. इधर जिला प्रशासन पूरे मामले से बेखबर हैं और मामले में कार्रवाई की बात कह रहा है.

धमतरी: रेत माफियाओं पर लगाम कसने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार ने भले ही कड़े फैसले लिए हो, लेकिन इन दावों के बीच हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. नई सरकार आने के बाद धमतरी जिले में एक बार फिर रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं. अवैध रेत उत्खनन का कारोबार पहले की तरह फिर से चलने लगा है.

धड़ल्ले से चल रहा अवैध रेत उत्खनन का खेल

नियम कायदों की धज्जियां उड़ा रहे खनिज माफिया
जिले में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद खनिज माफिया नियम कायदों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. बीते कुछ दिनों से महानदी पर रेत के अवैध उत्खनन का कारोबार धड़ल्ले से जारी है. इसमें मशीनों का भी इस्तेमाल जमकर किया जा रहा है. आलम ये है कि अभी ये खेल दिन के उजाले में भी चल रहा है. इधर प्रशासन भी मामले में चुप्पी साधे बैठा है.

सैकड़ों हाईवा से ढोते हैं रेत
महानदी के किनारे रेत के परिवहन का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो जाता है जो देर शाम तक चलता है. इस काम के लिए 10-20 गाड़ियों का नहीं बल्कि सैकड़ों हाईवा और टिप्परों से रेत ढोया जाता है. ये दिगर बात है कि इनमें से कुछ कायदे-कानून के मुताबिक होते हैं, लेकिन इनकी आड़ में ज्यादातर अवैध तरीके से परिवहन किया जाता है.

खदानों में जेसीबी का इस्तेमाल
इसके साथ ही खदानों में जेसीबी का इस्तेमाल भी धड़ल्ले से किया जा रहा है, जो नदी में 20 से 25 फीट तक की खुदाई करने से भी गुरेज नहीं करते. कहा जा रहा है कि इसे खनिज माफिया अंजाम दे रहे हैं. साथ ही राजस्व की चोरी कर सरकार को लाखों रुपयों का चूना लगा रहे हैं.

फल-फूल रहा रेत उत्खन्न का अवैध कारोबार
यही वजह है कि महानदी के किनारे बसे गांव अमेठी, सारंगपुरी, परसूली, लड़ेर, सोनेवारा, तेंदुकोना समेत कुछ गांवों में रेत उत्खनन का अवैध कारोबार बदस्तूर फल-फूल रहा है. लोगों की माने, तो खदानों में मशीनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध होने के बावजूद प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल
हैरानी की बात है कि रोज सैकड़ों गाड़ियां रेत परिवहन कर रही हैं. ऐसे में लगातार हो रहे अवैध उत्खनन से लोग प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. इधर जिला प्रशासन पूरे मामले से बेखबर हैं और मामले में कार्रवाई की बात कह रहा है.

Intro:रेत माफियाओं पर लगाम लगाने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार ने भले ही कड़े फैसले लिए हो और रेत खदानों का संचालन अपने नियंत्रण में रखने की दम भरती भी नजर आती हो.पर इन दावों के बीच हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है.नई सरकार आने के बाद धमतरी जिले में एक बार फिर रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं और अवैध रेत उत्खनन का कारोबार पहले की तरह फिर से चलने लगा है.यहां सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद खनिज माफिया नियम कायदों की धज्जियां उड़ा रहे है जबकि इन्हें सरकारी अमले का जरा भी परवाह नहीं रह गया है.बीते कुछ दिनों से महानदी पर रेत का अवैध उत्खनन का कारोबार धड़ल्ले से जारी है जिसमें मशीनों का भी इस्तेमाल जमकर किया जा रहा है.आलम तो यह है कि अभी यह खेल दिन के उजाले में भी चल रहा है.इधर पूरे वाक्य से बाख़बर होने के बाद भी प्रशासन खामोश बैठा है.


Body:खनिज माफियाओं की गिरफ्त में धमतरी भी अछूता नही है महानदी के किनारे रेत के परिवहन का सिलसिला शुरू अलसुबह से ही शुरू हो जाता है जो देर शाम तक चलता रहता है.मामला 10-20 गाड़ियों का नहीं है बल्कि सैकड़ों हाईवा और टिप्परों से ढूलाई का है.यह दिगर बात है कि इनमें से कुछ कायदे कानून के मुताबिक होते है पर उसके आड़ में ज्यादातर अवैध तरीके से परिवहन किया जाता है.इसके साथ ही खदानों में जेसीबी का इस्तेमाल भी धड़ल्ले से किया जा रहा है जो नदी में 20 से 25 फीट तक की खुदाई करने से भी गुरेज नहीं करते.कहा जा रहा है कि इसे खनिज माफिया अंजाम दे रहे है और राजस्व की चोरी कर सरकार को लाखों रु का चूना लगा रहे है.यही वजह है कि महानदी किनारे बसे गांव अमेठी,सारँगपुरी,परसूली,लड़ेर,सोनेवारा,तेंदुकोना सहित कुछ गांवों में रेत उत्खनन का अवैध कारोबार बदस्तूर फल फूल रहा है.लोगों की माने तो खदानों में मशीनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध होने के बावजूद प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रही है.

बाईट...पिंटू अग्रवाल,शिकायतकर्ता

हैरानी की बात है कि रोज सैकड़ों गाड़ी का रेत परिवहन कर रही है लेकिन अवैध परिवहन का महज कुछ ही मामला नहीं बनता है ऐसे प्रशासन के कार्यशैली को लेकर लोगों में सवाल उठ रहा है. इधर जिला प्रशासन इस पर लगाने के बजाए पूरे मामले से बेखबर नजर आते है वही अवैध उत्खनन के मामले में कार्रवाई करने की बात कर रही है.

बाईट...रजत बंसल, कलेक्टर धमतरी


Conclusion:बहरहाल धमतरी में महानदी किनारे चलती इस अवैध कारोबार पर वक्त रहते कानूनी शिकंजा कसना जरूरी है क्योंकि इससे न केवल सरकार के लाखों रुपए की रॉयल्टी की चोरी हो रही है बल्कि बेतरतीब खुदाई से नदी की धार और पर्यावरण को भी खासा नुकसान पहुंच रहा है.

रामेश्वर मरकाम धमतरी
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