धमतरी : गांधी मैदान जिले के तमाम बड़े आंदोलनो का गवाह रहा है, चाहे वह राजनीतिक आंदोलन हो या किसी संगठन का या किसी समाज का आंदोलन हो. जब महात्मा गांधी धमतरी जिले में आए थे तब इसी मंच से उन्होंने भाषण दिया था , जिसके कारण इसका नाम गांधी मैदान पड़ा. निगम प्रशासन ने 50 लाख रुपए खर्च कर गांधी मैदान को सुंदर और व्यवस्थित बनाया, ताकि यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो सके, लेकिन निर्माण के बाद से ही ये जगह सिर्फ अवैध पार्किंग के काम आ रही है.
इस मैदान के खास होने की वजह इसका लोकेशन है. शहर के बीचों-बीच इस मैदान के चारो तरफ कोतवाली थाना, एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, पोस्ट ऑफिस, नगर निगम और मुख्य बाजार स्थित है.
निगम और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
यहां लोगों को पहुंचना सहज होता है, लेकिन कुछ वक्त पहले प्रशासन ने इस जगह से धरना स्थल को हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया है.इसके बाद गांधी मैदान का सौंदर्यीकरण किया गया,मैदान में टाइल्स लगाया गया है, ताकि कीचड़ न हो. वही चारों तरफ रेलिंग लगाई गई और खूबसूरत प्रवेश द्वार बनाया गया है. इस तरह कुल 50 लाख की राशि नगर निगम के कोटे से खर्च हुई.उद्देश्य यह था कि शहर के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अच्छा और व्यवस्थित जगह मिल सके, लेकिन आज इस मैदान पर गाड़ियां खड़ी रहती है. मंच पर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है, जिस काम के लिए यह सब कुछ किया गया है. वही नहीं हो पा रहा है.आम लोग निगम और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.
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अवैध पार्किंग को लेकर महापौर का कहना है कि निगम में चर्चा करने के बाद जल्द ही इस मामले मे फैसला लिया जा सकता है. बहरहाल शहर की विरासत को लेकर लापरवाही साफ नजर आती है. वहीं जनता के पैसो का दुरूपयोग भी साथ में हो ही रहा है.इसे रोकने के लिए सरकारी संस्थाओ के साथ जनप्रतिनिधियो को भी आगे आना जरूरी है.