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धमतरी में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के बाद प्रशासन ने दिए सख्त निर्देश

कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए जीवनरक्षक माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन का संकट गहरा गया है. धमतरी में रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी के बीच कालाबाजारी रोकने के लिए कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने सख्त निर्देश दिए हैं.

health department suffer due to shortage of Remadecivir
धमतरी में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी
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Published : Apr 14, 2021, 7:32 PM IST

धमतरी: कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी ने मरीजों और स्वास्थ्य विभाग की परेशानियों को और बढ़ा दिया है. आरोप है कि जिले के निजी अस्पतालों में कोरोना के गंभीर मरीजों को भर्ती करने के पहले उनके परिजनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग की जा रही है. इसके बिना मरीजों को रायपुर रेफर किया जा रहा है.

बिगड़ रहे हैं हालात

कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए जीवनरक्षक माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन का संकट गहरा गया है. रोज लगभग 700 डोज रेमडेसिविर की डिमांड है, लेकिन इसकी आपूर्ति नहीं होने से मरीजों पर जान का खतरा मंडरा रहा है. जानकारी के मुताबिक धमतरी जिले के सभी शासकीय अस्पतालों में प्रतिदिन औसतन 125 और निजी अस्पतालों में करीब 7 रेमडेसिविर की खपत हो रही है लेकिन जिले के किसी भी मेडिकल स्टोर में दवाइयां नहीं मिल रही है. वहीं दवाइयों की आपूर्ति नहीं होने से निजी अस्पतालों के डॉक्टरों को भी इलाज करने में पसीने छूट रहे है.

बेटे का फर्ज निभाते हुए बेटी ने दी पिता की चिता को मुखाग्नि

कोरोना संक्रमण का ग्राफ अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है. 40 दिनों में रिकॉर्ड दो हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिले है. वही 40 से अधिक मरीजों की मौत हुई है. ऐसे में शासन के निर्देश पर 11 निजी अस्पतालों में 50 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है. इसके अलावा अन्य निजी अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है. लेकिन जहां मरीजों को भर्ती करने के पहले उनके परिजनों को रेमडेसिविर इंजेक्शन और जीवन रक्षक दवाइयों की डिमांड की जा रही है.

क्यों जरूरी है रेमडेसिविर इंजेक्शन

रेमडेसिविर इंजेक्शन फेफड़े में संक्रमण को फैलने से रोकता है. यदि इसका डोज कोरोना संक्रमित मरीज को लग जाए तो उसके बचने की संभावना बढ़ जाती है. इसके बिना इलाज करने में डॉक्टरों को भी परेशानी होती है. यही वजह है कि निजी अस्पतालों के डॉक्टर भी कोई रिस्क लेना नहीं चाह रहे हैं. मौजूदा समय में इंजेक्शन का डोज नहीं मिलने से कई मरीजों की सांस अटकी हुई है. जिले के कुछ डॉक्टरों की मानें तो संक्रमित मरीज को अधिकतम रेमडेसिविर का शेड्यूल लगाना आवश्यक है. संक्रमण बढ़ने पर इसका डोज और भी बढ़ाया जा सकता है. समय पर रोज नहीं लगाने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. जिससे मरीजों की असमय मौत हो रही है.

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कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने दिए निर्देश

कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए जिले में पंजीकृत डीलरों को निर्माता कंपनी से जितनी मात्रा में आपूर्ति होती है उसका पूरा ब्योरा देना होगा. वहीं इंजेक्शन की आपूर्ति किसी भी परिस्थिति में निजी अस्पतालों में नहीं किए जाने को कहा है. कलेक्टर ने कहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई शासकीय अस्पतालों और जिला प्रशासन द्वारा स्थापित निजी डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर में ही की जाएगी. यदि किसी डीलर के द्वारा इस निर्देश का पालन नहीं किया जाता है तो उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.

धमतरी में बिगड़ रहे हालात

धमतरी जिले में मंगलवार को 232 कोरोना संक्रमित मरीज की पहचान हुई है. 12 हजार 235 संक्रमित मरीज मिल चुके है. 7 हजार 710 संक्रमित होम आईसोलेशन में हैं. अब तक 9 हजार 179 मरीज स्वस्थ होकर लौट चुके हैं. वहीं जिले में अब तक कोरोना से 185 लोगों की मौत हुई है.

धमतरी: कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी ने मरीजों और स्वास्थ्य विभाग की परेशानियों को और बढ़ा दिया है. आरोप है कि जिले के निजी अस्पतालों में कोरोना के गंभीर मरीजों को भर्ती करने के पहले उनके परिजनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग की जा रही है. इसके बिना मरीजों को रायपुर रेफर किया जा रहा है.

बिगड़ रहे हैं हालात

कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए जीवनरक्षक माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन का संकट गहरा गया है. रोज लगभग 700 डोज रेमडेसिविर की डिमांड है, लेकिन इसकी आपूर्ति नहीं होने से मरीजों पर जान का खतरा मंडरा रहा है. जानकारी के मुताबिक धमतरी जिले के सभी शासकीय अस्पतालों में प्रतिदिन औसतन 125 और निजी अस्पतालों में करीब 7 रेमडेसिविर की खपत हो रही है लेकिन जिले के किसी भी मेडिकल स्टोर में दवाइयां नहीं मिल रही है. वहीं दवाइयों की आपूर्ति नहीं होने से निजी अस्पतालों के डॉक्टरों को भी इलाज करने में पसीने छूट रहे है.

बेटे का फर्ज निभाते हुए बेटी ने दी पिता की चिता को मुखाग्नि

कोरोना संक्रमण का ग्राफ अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है. 40 दिनों में रिकॉर्ड दो हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिले है. वही 40 से अधिक मरीजों की मौत हुई है. ऐसे में शासन के निर्देश पर 11 निजी अस्पतालों में 50 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है. इसके अलावा अन्य निजी अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है. लेकिन जहां मरीजों को भर्ती करने के पहले उनके परिजनों को रेमडेसिविर इंजेक्शन और जीवन रक्षक दवाइयों की डिमांड की जा रही है.

क्यों जरूरी है रेमडेसिविर इंजेक्शन

रेमडेसिविर इंजेक्शन फेफड़े में संक्रमण को फैलने से रोकता है. यदि इसका डोज कोरोना संक्रमित मरीज को लग जाए तो उसके बचने की संभावना बढ़ जाती है. इसके बिना इलाज करने में डॉक्टरों को भी परेशानी होती है. यही वजह है कि निजी अस्पतालों के डॉक्टर भी कोई रिस्क लेना नहीं चाह रहे हैं. मौजूदा समय में इंजेक्शन का डोज नहीं मिलने से कई मरीजों की सांस अटकी हुई है. जिले के कुछ डॉक्टरों की मानें तो संक्रमित मरीज को अधिकतम रेमडेसिविर का शेड्यूल लगाना आवश्यक है. संक्रमण बढ़ने पर इसका डोज और भी बढ़ाया जा सकता है. समय पर रोज नहीं लगाने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. जिससे मरीजों की असमय मौत हो रही है.

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कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने दिए निर्देश

कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए जिले में पंजीकृत डीलरों को निर्माता कंपनी से जितनी मात्रा में आपूर्ति होती है उसका पूरा ब्योरा देना होगा. वहीं इंजेक्शन की आपूर्ति किसी भी परिस्थिति में निजी अस्पतालों में नहीं किए जाने को कहा है. कलेक्टर ने कहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई शासकीय अस्पतालों और जिला प्रशासन द्वारा स्थापित निजी डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर में ही की जाएगी. यदि किसी डीलर के द्वारा इस निर्देश का पालन नहीं किया जाता है तो उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.

धमतरी में बिगड़ रहे हालात

धमतरी जिले में मंगलवार को 232 कोरोना संक्रमित मरीज की पहचान हुई है. 12 हजार 235 संक्रमित मरीज मिल चुके है. 7 हजार 710 संक्रमित होम आईसोलेशन में हैं. अब तक 9 हजार 179 मरीज स्वस्थ होकर लौट चुके हैं. वहीं जिले में अब तक कोरोना से 185 लोगों की मौत हुई है.

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