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सूखे से जूझ रहे किसानों के लिए खोला गया गंगरेल बांध का गेट, मिलेगा 507 क्यूसेक पानी - गंगरेल बांध ताजा खबर

इस साल अनुमान से कम बारिश के चलते धमतरी के किसान पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. इसकों ध्यान में रखते हुए कृषि मंत्री ने किसानों को पानी देने का फैसला किया है.

किसानों के लिए खोला गया गंगरेल बांध का गेट.
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Published : Aug 17, 2019, 9:53 PM IST

Updated : Aug 17, 2019, 11:22 PM IST

धमतरी: शनिवार को गंगरेल बांध का एक गेट खोला गया, जिसमे से लगभग 507 क्यूसेक पानी रूद्री बैराज में छोड़ा जा रहा है. बैराज से ये पानी मुख्य नहर के जरिए उन जिलों में भेजा जाएगा, जहां फसलें पानी की कमी से जूझ रही हैं.

जानकारी देते जलसंसाधन विभाग के ई ई अजय ठाकुर.

कृषि मंत्री ने किया था ऐलान
आपको बताते चलें कि शुक्रवार को आरंग की सभा में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने किसानों को पानी देने का ऐलान किया था. इसके बाद ये कदम उठाया गया है. दरअसल धमतरी में इस साल वर्षा अनुमान से काफी कम हुई, जिसके चलते किसान पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं.

इस साल अनुमान से कम हुई बारिश
अगर पिछले साल की बात करें तो 20 अगस्त तक सभी बांध 80 फीसदी तक भर चुके थे. इसके चलते इन बांधों का पानी महानदी में छोड़ा जा रहा था. वहीं इस साल बारिश कम होने के कारण जिले का कोई भी बांध आधा भी नहीं भर पाया है.

मात्र 20 हजार एकड़ फसल की हो सकेगी सिचाई
इस तरह से रिजर्व पानी के अलावा सिर्फ 100 मिलियन घन मीटर पानी ही छोड़ा जा सकता है. राहत की बात सिर्फ इतनी है कि इतने पानी से लगभग 20 हजार एकड़ में फसल की सिंचाई की जा सकेगी.

धमतरी: शनिवार को गंगरेल बांध का एक गेट खोला गया, जिसमे से लगभग 507 क्यूसेक पानी रूद्री बैराज में छोड़ा जा रहा है. बैराज से ये पानी मुख्य नहर के जरिए उन जिलों में भेजा जाएगा, जहां फसलें पानी की कमी से जूझ रही हैं.

जानकारी देते जलसंसाधन विभाग के ई ई अजय ठाकुर.

कृषि मंत्री ने किया था ऐलान
आपको बताते चलें कि शुक्रवार को आरंग की सभा में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने किसानों को पानी देने का ऐलान किया था. इसके बाद ये कदम उठाया गया है. दरअसल धमतरी में इस साल वर्षा अनुमान से काफी कम हुई, जिसके चलते किसान पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं.

इस साल अनुमान से कम हुई बारिश
अगर पिछले साल की बात करें तो 20 अगस्त तक सभी बांध 80 फीसदी तक भर चुके थे. इसके चलते इन बांधों का पानी महानदी में छोड़ा जा रहा था. वहीं इस साल बारिश कम होने के कारण जिले का कोई भी बांध आधा भी नहीं भर पाया है.

मात्र 20 हजार एकड़ फसल की हो सकेगी सिचाई
इस तरह से रिजर्व पानी के अलावा सिर्फ 100 मिलियन घन मीटर पानी ही छोड़ा जा सकता है. राहत की बात सिर्फ इतनी है कि इतने पानी से लगभग 20 हजार एकड़ में फसल की सिंचाई की जा सकेगी.

Intro:शनिवार को गंगरेल बांध का एक गेट खोला गया जिसमे से लगभग 507 क्युसेक पानी रूद्री बैराज में छोड़ा जा रहा है.बैराज से ये पानी मुख्य नहर के जरिये उन जिलो में भेजा जाएगा.जहां फसल पानी की कमी से खतरे में है.

Body:बता दे कि शुक्रवार को आरंग की सभा में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने किसानो को पानी देने का ऐलान किया था लेकिन यहां ये भी बताना जरूरी है कि धमतरी में भी वर्षा इस साल काफी कमजोर रही है.बीते साल जहां 20 अगस्त तक सभी बांध 80 फीसदी से ज्यादा भर चुके थे और पानी महानदी में छोड़ा जा रहा था.वहीं इस साल जिले का कोई भी बांध आधा भी नहीं भर पाया है.गंगरेल बांध की स्थिति भी नाजुक ही है जिसमे अभी तक सिर्फ 46 फीसदी ही पानी भर पाया है.जलसंसाधन विभाग से साफ साफ कहा है कि बांधो से 100 मिलियन क्युबिक मीटर पानी छोड़ा जा सकेगा.इसके बाद बचा पानी भिलाई इस्पात संयंत्र के लिये और राजधानी सहित धमतरी में पेयजल
के लिये संरक्षित रखा जाएगा.वहीं हर साल लगभग 60 मिलियन घन मीटर पानी वाष्प बन कर उड़ता है.


Conclusion:इस तरह से रिजर्व पानी के अलावा सिर्फ 100 मिलियन घन मीटर पानी ही.छोड़ा जा सकता है.राहत की बात सिर्फ इतनी है कि इतने पानी से लगभग 20 हजार एकड़ में फसल की सिंचाई की जा सकेगी.

बाईट_अजय ठाकुर, ईई जलसंसाधन विभाग धमतरी

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी
Last Updated : Aug 17, 2019, 11:22 PM IST
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