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Dhamtari Old Tree: सरई बाबा करते हैं हर मुराद पूरी, उम्र है 400 साल के पार

Dhamtari News धमतरी के सिहावा में एक पेड़ लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस पेड़ की उम्र चार सौ साल से ज्यादा की बताई जा रही है. पूरे छत्तीसगढ़ में उम्र के मामले में इस पेड़ का स्थान दूसरा है.400 year old tree

Four hundred years old Sarai tree
सरई बाबा करते हैं हर मुराद पूरी
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Published : Jun 9, 2023, 1:16 PM IST

Updated : Jun 9, 2023, 3:01 PM IST

सरई बाबा करते हैं हर मुराद पूरी

धमतरी : भारत देश में ऐसे कई जीवित वृक्ष हैं जो सदियों पुराने हैं. ऐसा ही एक वृक्ष छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के दुगली गांव में है. रहवासियों की माने तो ये पेड़ करीब 400 साल पुराना है. वन विभाग इस पेड़ को वनधरोहर का दर्जा दिलाने की कोशिश में जुटा हुआ है. ये वृक्ष छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे उम्रदराज वृक्ष है.

कहां है ये वृक्ष : धमतरी से 50 किलोमीटर दूर दुगली गांव के जंगलों के बीच ये सरई पेड़ है. जो उम्र के मामले में छत्तीसगढ़ के दूसरे पेड़ों के मुकाबले अव्वल है.इस वृक्ष को दुगली गांव के लोग सरई बाबा के नाम से पुकारते हैं. ये पेड़ 4 सौ सावन देख चुका है. दरख्त सेहत के नजरिये से आज भी दुरूस्त नजर आता है और लोगों को साफ हवा के साथ फल भी दे रहा है.

गांववालों ने माना पेड़ को देवता : दुगली इलाके के लोग इस पेड़ को देवता का रूप मानकर पूजा पाठ करते हैं. साथ ही लोग इस पेड़ को सरई बाबा के नाम से पुकारते हैं. इस पेड़ को अपना पूर्वज मानते हैं.लोगों के घर पर यदि कोई परेशानी या तकलीफ होती है तो इस सरई बाबा के साथ साझा करते हैं. हैरानी की बात है कि पेड़ से मांगी गई फरियाद पूरी भी होती है. जिससे लोगों की सारी परेशानियां दूर हो जाती है.आलम ये है कि यदि घर में शादी ब्याह, जन्मोत्सव, कोई भी नया काम शुरू करना हो तो इलाके के लोग इस पेड़ के पास हाजिरी लगाना नहीं भूलते.

वनधरोहर का दर्जा दिलाने की कोशिश: किसी अजूबे की तरह लगने वाले इस पेड़ को वन महकमे ने अब एक धरोहर मान लिया है. वन विभाग पेड़ के रख रखाव में कोई कसर बाकी नहीं रख रहा है. रोजाना महकमे के मुलाजिम दरख्त की निगहबानी करते हैं. जिसका नतीजा ये है कि आज तक कोई भी इस पेड़ पर कुल्हाड़ी चलाने की जुर्रत नहीं कर पाया. महकमे के अफसरों की माने तो इस पेड़ लम्बाई और मोटाई ही इसके उम्र की गवाही देते हैं.इस पेड़ की लम्बाई 45 मीटर और गोलाई 446 सेमी है.अफसर इसे मदर ट्री बताते हैं.

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छत्तीसगढ़ में सरकारी जॉब पाने का सुनहरा अवसर
केंद्र ने खरीफ की फसलों की बढ़ाई एमएसपी,धान और दलहन किसानों का फायदा


साल के बीज इकट्ठा करने से पहले लोग इस पेड़ की पूजा करना नहीं भूलते. वनविभाग ने सरई बाबा के पेड़ की खासियत को लोगों तक पहुंचाने के लिए एलबम भी बनाया है.जिसमें इस पेड़ की उपलब्धि बताई गई है.अब बस इंतजार है पेड़ को वन धरोहर का दर्जा मिलने का.जिसके बाद इस पेड़ की ख्याति दूर-दूर तक मशहूर हो जाएगी.

सरई बाबा करते हैं हर मुराद पूरी

धमतरी : भारत देश में ऐसे कई जीवित वृक्ष हैं जो सदियों पुराने हैं. ऐसा ही एक वृक्ष छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के दुगली गांव में है. रहवासियों की माने तो ये पेड़ करीब 400 साल पुराना है. वन विभाग इस पेड़ को वनधरोहर का दर्जा दिलाने की कोशिश में जुटा हुआ है. ये वृक्ष छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे उम्रदराज वृक्ष है.

कहां है ये वृक्ष : धमतरी से 50 किलोमीटर दूर दुगली गांव के जंगलों के बीच ये सरई पेड़ है. जो उम्र के मामले में छत्तीसगढ़ के दूसरे पेड़ों के मुकाबले अव्वल है.इस वृक्ष को दुगली गांव के लोग सरई बाबा के नाम से पुकारते हैं. ये पेड़ 4 सौ सावन देख चुका है. दरख्त सेहत के नजरिये से आज भी दुरूस्त नजर आता है और लोगों को साफ हवा के साथ फल भी दे रहा है.

गांववालों ने माना पेड़ को देवता : दुगली इलाके के लोग इस पेड़ को देवता का रूप मानकर पूजा पाठ करते हैं. साथ ही लोग इस पेड़ को सरई बाबा के नाम से पुकारते हैं. इस पेड़ को अपना पूर्वज मानते हैं.लोगों के घर पर यदि कोई परेशानी या तकलीफ होती है तो इस सरई बाबा के साथ साझा करते हैं. हैरानी की बात है कि पेड़ से मांगी गई फरियाद पूरी भी होती है. जिससे लोगों की सारी परेशानियां दूर हो जाती है.आलम ये है कि यदि घर में शादी ब्याह, जन्मोत्सव, कोई भी नया काम शुरू करना हो तो इलाके के लोग इस पेड़ के पास हाजिरी लगाना नहीं भूलते.

वनधरोहर का दर्जा दिलाने की कोशिश: किसी अजूबे की तरह लगने वाले इस पेड़ को वन महकमे ने अब एक धरोहर मान लिया है. वन विभाग पेड़ के रख रखाव में कोई कसर बाकी नहीं रख रहा है. रोजाना महकमे के मुलाजिम दरख्त की निगहबानी करते हैं. जिसका नतीजा ये है कि आज तक कोई भी इस पेड़ पर कुल्हाड़ी चलाने की जुर्रत नहीं कर पाया. महकमे के अफसरों की माने तो इस पेड़ लम्बाई और मोटाई ही इसके उम्र की गवाही देते हैं.इस पेड़ की लम्बाई 45 मीटर और गोलाई 446 सेमी है.अफसर इसे मदर ट्री बताते हैं.

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साल के बीज इकट्ठा करने से पहले लोग इस पेड़ की पूजा करना नहीं भूलते. वनविभाग ने सरई बाबा के पेड़ की खासियत को लोगों तक पहुंचाने के लिए एलबम भी बनाया है.जिसमें इस पेड़ की उपलब्धि बताई गई है.अब बस इंतजार है पेड़ को वन धरोहर का दर्जा मिलने का.जिसके बाद इस पेड़ की ख्याति दूर-दूर तक मशहूर हो जाएगी.

Last Updated : Jun 9, 2023, 3:01 PM IST
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