धमतरी: जिले के मगरलोड क्षेत्र के पाहंदा गांव के किसान ने खेती के लिए केसीसी के माध्यम से कर्ज लिया था. किसान ने कर्ज को मई महीने में जमा कर दिया, लेकिन महीनों बाद भी बैंकवाले जमीन को गिरवी बता रहे हैं. जिसकी वजह से किसान अपनी जमीन छुड़ाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं.
किसान सुन्दर सिंह ने स्टेट बैंक शाखा धमतरी से खेती के लिए करीब 3 लाख रुपये का कर्ज लिया था. सुन्दर सिंह इस बैंक से 5 सालों से लगातार लेन-देन करता आ रहा है. वहीं किसान ने बैंक की राशि ब्याज सहित जमा कर दी है. बावजूद इसके उसे अब तक उसकी गिरवी जमीन नहीं मिली है.
किसान ने दी आत्महत्या की चेतावनी
जब किसान बी-1 नक्शा-खसरा निकालने के लिए गया तो उसे जानकारी मिली कि उसकी जमीन गिरवी है. जिसके बाद किसान के लिए असमंजस की स्थिति पैदा हो गई. किसान अपनी गिरवी जमीन को छुड़ाने के लिए मजबूर है और शासन-प्रशासन से जमीन वापस दिलाने की मांग कर रहा है. गिरवी जमीन वापस नहीं मिलने की सूरत में किसान ने खुदकुशी करने की चेतावनी दी है.
अब भी बैंक मैनेजर जांच की कर रहे बात
वहीं इस पर बैंक मैनेजर अमित रंजन का कहना है कि, 'जो केसीसी लोन लिया जाता है, वो जमीन पर जो एग्रीकल्चर लैंड रहता है उस पर चार्ज लिया जाता है और जब किसान उसको पूरा चुकता करता है, तभी उससे चार्ज क्रिएशन हट जाता है. वहीं बैंक मैनेजर ने कहा कि इस केस की जांच पूरी की जाएगी.