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SPECIAL: हे विघ्नहर्ता! कोरोना काल में 'भगवान' को बनाने वाला भी सो रहा है भूखा

कोरोना ने मूर्तिकारों की रोजी-रोटी पर भी असर डाला है. कोरोना के कारण गणेश उत्सव पर अब भी संशय बना हुआ है. गणेश उत्सव में अब महज एक महीना बचा बावजूद इसके मूर्तिकारों को एक भी ऑर्डर नहीं मिला है.

effect of corona on the livelihood of sculptors
मूर्तिकारों के आजीविका पर कोरोना का असर
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Published : Jul 8, 2020, 6:55 PM IST

धमतरी: कोरोना महामारी के चलते लोग कई कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. इसके चलते लोगों के व्यापार भी असर पड़ा है, तो वहीं इसका असर अब गणेश मूर्तियों के कारोबार पर भी पड़ रहा है. मूर्तिकारों को गणेश चतुर्थी के लिए मूर्तियों का ऑर्डर अप्रैल महीने से ही मिलना शुरू हो जाता था, लेकिन मूर्तिकारों के पास इस साल अब तक एक भी ऑर्डर नहीं आया है. ऐसे में कोरोना संकट का असर मूर्तिकारों के काम पर भी पड़ा है.

मूर्तिकारों पर रोजी रोटी का संकट

मूर्तिकारों की आजीविका पर कोरोना का खतरा
एक माह बाद गणेश उत्सव होना है. इसके लिए मूर्तिकारों ने प्रतिमाओं को आकार देना शुरू कर दिया है, लेकिन मूर्तिकारों की आजीविका पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है. धमतरी जिले में 3000 से ज्यादा मूर्तिकार हैं. जिसमें गणेश की मूर्ति बनाने वाले की संख्या ज्यादा है, लेकिन कोरोना की वजह से अभी धार्मिक आयोजन पर पाबंदी को देखते हुए मूर्तिकार सिर्फ घर में बैठाने के लिए ही छोटी-छोटी गणेश की प्रतिमाएं बना रहे हैं. पिछले साल तक बंगाल से भी मूर्तिकार यहां आकर मूर्ति बनाया करते थे लेकिन इस बार वो भी नहीं आए हैं.

effect of corona on the livelihood of sculptors in dhamtari
मूर्तिकारों पर रोजी रोटी का संकट

50 लाख से ज्यादा का कारोबार प्रभावित
जिले में 6 शहरी क्षेत्र और 350 से ज्यादा गांव है. शहरी क्षेत्र में हर एक वार्ड में गणपति बप्पा की मूर्ति हर साल सार्वजनिक स्थलों स्थापित की जा रही है. इसके अलावा समितियां उत्साह के साथ गणपति की प्रतिमा स्थापित करती थी. वहीं पंडाल में विविध आयोजन भी किए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार स्थिति विपरीत है. इसके साथ ही उत्साह भी कम है. इस वजह से तकरीबन 50 लाख से ज्यादा का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है.

सरकार से मूर्तिकारों को उम्मीद

effect of corona on the livelihood of sculptors in dhamtari
मूर्तिकारों के आजीविका पर कोरोना का असर
कलाकारों को उम्मीद है कि जब सरकार ने लॉकडाउन में राहत दी है. तो नियम बनाकर गणेश पर्व मनाने का भी फैसला लेगी. वहीं अगर अनुमति नहीं मिलती है तो मूर्तिकारों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. मूर्तिकारों ने बताया कि गणेश उत्सव से 4 माह पहले ही उनके पास ऑर्डर आ जाते थे, लेकिन इस बार बड़ी मूर्तियों को लेकर एक भी ऑर्डर नहीं आया है. कोरोना ने उनका रोजगार छीन लिया है. लिहाजा छोटी मूर्तियां बनाने को मजबूर हैं.

धमतरी: कोरोना महामारी के चलते लोग कई कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. इसके चलते लोगों के व्यापार भी असर पड़ा है, तो वहीं इसका असर अब गणेश मूर्तियों के कारोबार पर भी पड़ रहा है. मूर्तिकारों को गणेश चतुर्थी के लिए मूर्तियों का ऑर्डर अप्रैल महीने से ही मिलना शुरू हो जाता था, लेकिन मूर्तिकारों के पास इस साल अब तक एक भी ऑर्डर नहीं आया है. ऐसे में कोरोना संकट का असर मूर्तिकारों के काम पर भी पड़ा है.

मूर्तिकारों पर रोजी रोटी का संकट

मूर्तिकारों की आजीविका पर कोरोना का खतरा
एक माह बाद गणेश उत्सव होना है. इसके लिए मूर्तिकारों ने प्रतिमाओं को आकार देना शुरू कर दिया है, लेकिन मूर्तिकारों की आजीविका पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है. धमतरी जिले में 3000 से ज्यादा मूर्तिकार हैं. जिसमें गणेश की मूर्ति बनाने वाले की संख्या ज्यादा है, लेकिन कोरोना की वजह से अभी धार्मिक आयोजन पर पाबंदी को देखते हुए मूर्तिकार सिर्फ घर में बैठाने के लिए ही छोटी-छोटी गणेश की प्रतिमाएं बना रहे हैं. पिछले साल तक बंगाल से भी मूर्तिकार यहां आकर मूर्ति बनाया करते थे लेकिन इस बार वो भी नहीं आए हैं.

effect of corona on the livelihood of sculptors in dhamtari
मूर्तिकारों पर रोजी रोटी का संकट

50 लाख से ज्यादा का कारोबार प्रभावित
जिले में 6 शहरी क्षेत्र और 350 से ज्यादा गांव है. शहरी क्षेत्र में हर एक वार्ड में गणपति बप्पा की मूर्ति हर साल सार्वजनिक स्थलों स्थापित की जा रही है. इसके अलावा समितियां उत्साह के साथ गणपति की प्रतिमा स्थापित करती थी. वहीं पंडाल में विविध आयोजन भी किए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार स्थिति विपरीत है. इसके साथ ही उत्साह भी कम है. इस वजह से तकरीबन 50 लाख से ज्यादा का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है.

सरकार से मूर्तिकारों को उम्मीद

effect of corona on the livelihood of sculptors in dhamtari
मूर्तिकारों के आजीविका पर कोरोना का असर
कलाकारों को उम्मीद है कि जब सरकार ने लॉकडाउन में राहत दी है. तो नियम बनाकर गणेश पर्व मनाने का भी फैसला लेगी. वहीं अगर अनुमति नहीं मिलती है तो मूर्तिकारों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. मूर्तिकारों ने बताया कि गणेश उत्सव से 4 माह पहले ही उनके पास ऑर्डर आ जाते थे, लेकिन इस बार बड़ी मूर्तियों को लेकर एक भी ऑर्डर नहीं आया है. कोरोना ने उनका रोजगार छीन लिया है. लिहाजा छोटी मूर्तियां बनाने को मजबूर हैं.
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