धमतरी : शहर को प्रदूषणमुक्त करने के लिए जिला प्रशासन ई-रिक्शा को बढ़ावा दे रहा है. श्रम विभाग के माध्यम से अब तक जिले में 180 ई-रिक्शा का वितरण किया जा चुका है, क्योंकि ई-रिक्शा बैटरी से चलता है और शहर में कहीं भी अचानक चार्जिंग खत्म हो जाने पर चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वॉइंट की सुविधा नहीं है. इस वजह से ई-रिक्शा चालकों को सड़कों पर अपनी गाड़ी खड़ी करना मजबूरी बन जाती है.
गाड़ियों की संख्या बना प्रदूषण का कारण
शहर में हर साल गाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसका असर यहां के वातावरण पर पड़ने लगा है. वाहनों से निकलने वाले धुएं के चलते प्रदेश में प्रदूषण का ग्राफ काफी बढ़ गया है, जिससे कई तरह की बीमारियां हो रही हैं और आए दिन लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
प्रदूषण को देखते हुए शासन के निर्देश पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जोर दिया जा रहा है. ई-रिक्शे को बढ़ावा देने का मकसद प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करना है. ई-रिक्शा के लिए श्रम विभाग की तरफ से 50 हजार का अनुदान भी दिया जा रहा है.
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जल्द बनाए जाएंगे ई-रिक्शा चार्जिंग प्वॉइंट
ई-रिक्शा चालकों के मुताबिक, शहर में बैटरी को चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वॉइंट नहीं होने से उनकी परेशानी बढ़ गई है. चालकों की मानें, तो वो ई-रिक्शा के सहारे अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं, लेकिन रास्ते पर बैटरी खत्म हो जाने से मुश्किल बढ़ जाती है और रिक्शे को कहीं पर भी खड़ा करना पड़ जाता है. परेशानी को देखते हुए जिला प्रशासन शहर में जल्द ही ई-रिक्शों के लिए चार्जिंग प्वॉइंट बनाने की बात कह रहा है.