धमतरी: जिला पंचायत सदस्यों के लिए शासन से आने वाला फंड लंबे समय से नहीं मिला है. फंड के अभाव के चलते वे जनता के काम नहीं करा पा रहे हैं. उनके हाथों में काम कराने लोगों से मिले आवेदनों की लंबी सूची है. फंड के अभाव के बीच लोगों का काम कराना जिला पंचायत सदस्यों के लिए इन दिनों किसी चुनौती से कम नहीं है.
जिला पंचायत धमतरी में जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति और जिला पंचायत सदस्यों समेत 13 जनप्रतिनिधि हैं. इन जनप्रतिनिधियों पर क्षेत्र की जनता विकास और निर्माण कार्य कराने के लिए उम्मीद कर रही है. लेकिन जिला पंचायत सदस्यों के लिए शासन से मिलने वाली जिला पंचायत विकास निधि की राशि लंबे समय से प्राप्त नहीं हुई है. ऐसे में कुछ भी काम नहीं करा पा रहे हैं.
हर साल जिले में यह राशि करीब दो करोड़ आती है, जिसे सभी सदस्यों को अपने-अपने क्षेत्र में विकास व निर्माण कराने के लिए बराबर राशि दी जाती है. लेकिन शासन से यह राशि नहीं मिलने से इन दिनों जिला पंचायत सदस्य फंड के अभाव से गुजर रहा है. वहीं मनरेगा योजना में काम स्वीकृत कराने के लिए इन सदस्यों को अनुमोदन का अधिकार नहीं है. गौण खनिज से भी राशि नहीं दी जा रही है.
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फंड की कमी से काम नहीं हो पा रहे स्वीकृत
जिला खनिज न्यास निधि में भी राशि कम होने की वजह से जिला प्रशासन इस फंड से इन सदस्यों के काम स्वीकृत नहीं कर पा रहे हैं. वहीं जिला पंचायत में वित्त संबंधी कार्यों के लिए जिला पंचायत के सदस्यों का अनुमोदन अनिवार्य नहीं है. ऐसे में जिला पंचायत सदस्यों के अधिकार पर सवाल उठ गया है. फंड नहीं होने की वजह से जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियों में मायूसी है.
ग्रामीणों से लगातार मिल रहे आवेदन
जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत सभी सदस्यों को उनके क्षेत्र के ग्रामीणों ने विभिन्न माध्यमों से विकास और निर्माण कार्य कराने के लिए प्रस्ताव के तौर पर आवेदन दिए हैं. कोई रोड निर्माण तो कोई सामुदायिक भवन, नाली निर्माण आदि के लिए आवेदन किए हैं. जिसपर जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों को काम कराने का आश्वासन भी दे रखे हैं. लेकिन फंड के अभाव के चलते ग्रामीणों से मिले आवेदन जिला पंचायत सदस्यों के चेंबर में ही पड़ा हुआ है. अब इन आवेदनों पर काम कराने के लिए जिला पंचायत सदस्यों को चुनौती से गुजरना पड़ रहा है.
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पिछले दिनों जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति समेत कुछ जिला पंचायत सदस्य अपने अधिकार को लेकर कलेक्टर जेपी मौर्य से मुलाकात की. फिलहाल सदस्यों को जनता के विश्वास पर खरा उतरने के लिए कलेक्टर ने आश्वासन तो दिया है, लेकिन फंड के अभाव के चलते यह आश्वासन हकीकत में बदल पाएगा या नहीं यह तो समय ही बताएगा.