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दिव्यांग के परिजन को मदद की आस, किसी योजना का नहीं मिला लाभ - need help from administration at dhamtari

धमतरी में एक गरीब परिवार अपने दिव्यांग बच्चे के इलाज के लिए प्रशासन से मदद मांग रहा है, लेकिन परिवार को प्रशासन की ओर से अब तक उसे कोई मदद नहीं मिल सकी है. बता दें कि, 11 साल का दिव्यांग बच्चा चल और बोल नहीं सकता है.

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दिव्यांग के परिजनों को मदद की आस
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Published : Jun 18, 2020, 7:40 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 10:21 PM IST

धमतरी: नगरी ब्लॉक के ग्राम बनोरा का एक ग्रामीण परिवार प्रशासन की अनदेखी से परेशान है. दरअसल, परिवार में एक 11 साल का दिव्यांग बच्चा है. जो चल और बोल नहीं सकता है. परिवार बेहद गरीबी हालत में गुजर-बसर कर रहा है. फिर भी शासन की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है. फिलहाल बच्चे की हालत नाजुक है. परिवार बच्चे के इलाज के लिए प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठा है.

दिव्यांग के परिजन को मदद की आस

परिवार की माली हालत ऐसी है कि, उसे खाने के लिए दो वक्त की रोटी का बंदोबस्त करना भी मुश्किल हो रहा है. दिव्यांग प्रदीप के माता-पिता परिवार चलाने के लिए मजदूरी करते हैं. परिवार ने स्थानीय स्तर पर प्रदीप का इलाज कराया, लेकिन कई साल से चल रहे इलाज के बावजूद उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. बच्चे के अच्छे इलाज के लिए परिवार प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है.

पढ़ें: बालोद: ऑटो चलाने की मिली परमिशन, लेकिन नहीं मिल रही सवारी, कैसे होगा गुजारा?

सारी पूंजी खर्च, कर्जा अलग

परिजन ने बताया कि वो लगातार इलाज करवा रहे हैं, उनकी पूरी जमा पूंजी. लेकिन प्रदीप ठीक नहीं हो सका. इसके अलावा प्रदीप की देखभाल के लिए परिवार ने कर्ज भी लिया था. माता-पिता में से किसी एक को हर समय उनके पास रहना पड़ता है. इसलिए कोई एक काम पर जाता है तो दूसरा उसकी देखभाल करता है. बच्चे के पिता बसदेव का कहना है कि शासन की किसी भी योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है. उन्होने बताया कि न तो उन्हे राशन मिलता है और न ही पेंशन. परिवार की गुहार सुनने के बाद कलेक्टर जयप्रकाश मौर्या ने मदद का आश्वासन दिया है.

धमतरी: नगरी ब्लॉक के ग्राम बनोरा का एक ग्रामीण परिवार प्रशासन की अनदेखी से परेशान है. दरअसल, परिवार में एक 11 साल का दिव्यांग बच्चा है. जो चल और बोल नहीं सकता है. परिवार बेहद गरीबी हालत में गुजर-बसर कर रहा है. फिर भी शासन की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है. फिलहाल बच्चे की हालत नाजुक है. परिवार बच्चे के इलाज के लिए प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठा है.

दिव्यांग के परिजन को मदद की आस

परिवार की माली हालत ऐसी है कि, उसे खाने के लिए दो वक्त की रोटी का बंदोबस्त करना भी मुश्किल हो रहा है. दिव्यांग प्रदीप के माता-पिता परिवार चलाने के लिए मजदूरी करते हैं. परिवार ने स्थानीय स्तर पर प्रदीप का इलाज कराया, लेकिन कई साल से चल रहे इलाज के बावजूद उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. बच्चे के अच्छे इलाज के लिए परिवार प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है.

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सारी पूंजी खर्च, कर्जा अलग

परिजन ने बताया कि वो लगातार इलाज करवा रहे हैं, उनकी पूरी जमा पूंजी. लेकिन प्रदीप ठीक नहीं हो सका. इसके अलावा प्रदीप की देखभाल के लिए परिवार ने कर्ज भी लिया था. माता-पिता में से किसी एक को हर समय उनके पास रहना पड़ता है. इसलिए कोई एक काम पर जाता है तो दूसरा उसकी देखभाल करता है. बच्चे के पिता बसदेव का कहना है कि शासन की किसी भी योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है. उन्होने बताया कि न तो उन्हे राशन मिलता है और न ही पेंशन. परिवार की गुहार सुनने के बाद कलेक्टर जयप्रकाश मौर्या ने मदद का आश्वासन दिया है.

Last Updated : Jun 18, 2020, 10:21 PM IST
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