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धमतरी नगर निगम में सियासी दंगल, बीजेपी के नो कॉन्फिडेन्स मोशन वाली चाल ने बढ़ाया सियासी पारा ! - विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत

No confidence motion For Remove Dhamtari mayor: धमतरी के महापौर को हटाने के लिए बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है. पार्टी इसके लिए खास प्लानिंग भी कर रही है.

no confidence motion For Remove Dhamtari mayor
महापौर को हटाने के लिए बीजेपी लाएगी अविश्वास प्रस्ताव
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 7, 2023, 8:15 PM IST

धमतरी नगर निगम में सियासी दंगल

धमतरी: छत्तीसगढ के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत मिली है. वहीं, कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गई है. इस बीच प्रदेश के नगर निगमों में भी सत्ता काबिज के लिए बीजेपी ने तैयारी शुरू कर चुकी है. वर्तमान में धमतरी नगर निगम में कांग्रेस की सत्ता है. ऐसे में यहां के भाजपाई पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाकर महापौर को हटाने की तैयारी में जुट गए है.

महापौर के बदलाव की चर्चा तेज: दरअसल, धमतरी नगर निगम महापौर की कुर्सी पर भाजपा की पैनी नजर है. इसका प्लान अंदर ही अंदर चल रहा है. हालांकि आगे क्या होगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. साल 2018 में प्रदेश में जब कांग्रेस सत्ता में आई थी. तब कांग्रेस ने धमतरी नगर निगम में भी इतिहास बदला था. वर्षों से यहां भाजपा काबिज थी. उस धमतरी नगर निगम की चाभी अपने कब्जे में ले ली थी. हालांकि इसके लिए कांग्रेस को काफी मशक्कत करनी भी पड़ी थी. लेकिन मौजूदा परिस्थिति कुछ और ही है. प्रदेश में भाजपा सत्ता में है. ऐसे में महापौर के बदलाव की चर्चा तेज हो गई है.

बीजेपी के बयान पर कांग्रेस का पलटवार: इस बारे में बीजेपी के पार्षदों का कहना है कि, "नगर निगम में जब से कांग्रेस सत्ता में आई है, तब से भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी बढ़ी है. आपदा को अवसर में बदलने का काम नगर निगम ने किया है. नगर निगम में भी अब BJP का कब्जा होगा." इधर, कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा. सभी कांग्रेस के पार्षद एक साथ हैं."

बता दें कि नगर निगम धमतरी में कांग्रेस के 21 पार्षद थे. लेकिन कांग्रेस के एक पार्षद ने बगावत कर दिया. विधायक प्रत्याशी के रूप में निर्दलीय चुनाव लड़ा. इस कारण पार्टी ने उस महिला पार्षद को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. ऐसे में अब कांग्रेस के पास मात्र 20 पार्षद बच गए हैं. जबकि भाजपा के पार्षदों की संख्या 19 है. वहीं, अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 26 पार्षद का होना जरूरी है. ऐसे में देखना होगा कि बीजेपी अपने मिशन में कामयाब हो पाती है या नहीं.

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महापौर के बदलाव की चर्चा तेज: दरअसल, धमतरी नगर निगम महापौर की कुर्सी पर भाजपा की पैनी नजर है. इसका प्लान अंदर ही अंदर चल रहा है. हालांकि आगे क्या होगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. साल 2018 में प्रदेश में जब कांग्रेस सत्ता में आई थी. तब कांग्रेस ने धमतरी नगर निगम में भी इतिहास बदला था. वर्षों से यहां भाजपा काबिज थी. उस धमतरी नगर निगम की चाभी अपने कब्जे में ले ली थी. हालांकि इसके लिए कांग्रेस को काफी मशक्कत करनी भी पड़ी थी. लेकिन मौजूदा परिस्थिति कुछ और ही है. प्रदेश में भाजपा सत्ता में है. ऐसे में महापौर के बदलाव की चर्चा तेज हो गई है.

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बता दें कि नगर निगम धमतरी में कांग्रेस के 21 पार्षद थे. लेकिन कांग्रेस के एक पार्षद ने बगावत कर दिया. विधायक प्रत्याशी के रूप में निर्दलीय चुनाव लड़ा. इस कारण पार्टी ने उस महिला पार्षद को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. ऐसे में अब कांग्रेस के पास मात्र 20 पार्षद बच गए हैं. जबकि भाजपा के पार्षदों की संख्या 19 है. वहीं, अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 26 पार्षद का होना जरूरी है. ऐसे में देखना होगा कि बीजेपी अपने मिशन में कामयाब हो पाती है या नहीं.

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