धमतरी: बस्तर से उठे धर्मांतरण मुद्दे पर गांधी मैदान में सोमवार को भाजपाइयों ने धरना दिया. भाजपा नेताओं ने कहा कि "बस्तर संभाग सहित पूरे छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार की शह पर बढ़ते अवैध धर्मांतरण और आदिवासी समाज पर पुलिस की एकतरफा कार्रवाई के कारण पूरे प्रदेश में आदिवासी समाज आहत है." धरना के बाद महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया.
पीड़ित आदिवासी समाज पर ही कार्रवाई: भाजपा नेताओं ने कहा कि "1 जनवरी 2023 को जिस प्रकार से नारायणपुर में अवैध धर्मांतरित लोगों ने 1000-1500 की संख्या में जुटकर न केवल आदिवासी समाज के लोगों पर धारदार हथियार, लाठी-डण्डा से वार किया गया बल्कि मौके पर पहुंची पुलिस पर भी हमला किया. इस घटना के खिलाफ आदिवासी समाज द्वारा कारवाई करने की मांग पर राज्य सरकार के मंशा अनुरूप उलटे आदिवासी समाज के ही मुखिया, सीधे-सीधे आदिवासी भाइयों, सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को झूठे व गंभीर धाराओं के तहत गिफ्तार कर जेल भेज दिया गया."
टकराव की आशंका को लेकर पुलिस अधीक्षक ने लिखे थे पत्र: भाजपाइयों ने दावा किया कि "पूर्व में सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक ने अवैध धर्मांतरण के कारण समाज में टकराव की आशंका से संबंधित पत्र अपने मातहतों को लिखकर मिशनरियों की अवैध गतिविधियों के बारे में उल्लेखित किया था. बस्तर कमिश्नर ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर इसे बेहद संवेदनशील मुद्दा बताते हुए अवैध धर्मांतरण के रोकथाम के लिए गाइडलाइन जारी की थी. लेकिन राज्य सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के चलते अवांछित रूप से अवैध धर्मांतरण होने दिया."
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अवैध रूप से चर्चों का करा दिया निर्माण: भाजपा नेताओं ने कहा कि "मिशनरियों ने पूरे प्रदेश में हजारों की संख्या में अवैध रूप से चर्चों का निर्माण करा दिया है. इस अवैध ढंग से संचालित चर्चों के उद्घाटन में राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक एवं नेता बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते हैं. कांग्रेस लगातार ऐसे विभिन्न उपायों द्वारा न केवल आदिवासी संस्कृति को तबाह करने में सहयोग कर रही है बल्कि राजनीतिक कारणों से उन क्षेत्रों में धर्मांतरण को एक तरह से शासकीय संरक्षण दिया जा रहा है."