ETV Bharat / state

दो महीने बाद भी नहीं हुआ समर्थन मूल्य पर बेचे गए धान का भुगतान, पैसे-पैसे को मोहताज है किसान - किसानों को नहीं हुआ भुगतान

धमतरी के किसानों को दो महीने बीत जाने के बाद भी समर्थन मूल्य पर बेचे गए धान का भुगतान नहीं हुआ है. इसकी वजह से किसानों के सामने आर्थिक समस्या आ खड़ी हुई है.

धान के बोरे
author img

By

Published : Mar 28, 2019, 7:14 PM IST

धमतरी: जिले में धान की खेती ही इलाके के किसानों की पूंजी है. यहां के किसान इसी से सालभर जीवन यापन करते हैं. लेकिन समर्थन मूल्य पर धान बेचने के दो महीने बाद भी किसानों को इसका भुगतान नहीं हुआ है.


17 लाख रुपये है बकाया
किसानों के तकरीबन 17 लाख रुपये बकाया हैं. जबकि किसानों ने इस उम्मीद में समर्थन मूल्य पर धान बेचा था कि 'उन्हें बहुत जल्द पसीने की कमाई का मोल मिल जाएगा, जिससे वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे, लेकिन धान को बेचे दो महीने बीत जाने के बाद किसानों के खाते में अब तक राशि नहीं आई है. किसानों ने जब इस बात की शिकायत जिला प्रशासन से की तो वो भरोसा दिलाता नजर आया.


सोसायटी और बैंक के चक्कर काट रहे किसान
दरअसल आमदी सोसायटी के तकरीबन 45 किसानों का 17 लाख रुपए बकाया है. बताया जा रहा है कि रत्नाबांधा, हटकेशर, आमदी, पोटियाडीह सहित मुजगहन गांवों के किसानों ने जनवरी महीने में समर्थन मूल्य पर धान बेचा था और अब तक उसका भुगतान नहीं हो सका है. भुगतान के लिए पीड़ित किसान लगातार सोसायटी और बैंक का चक्कर काट रहे हैं.

किसानों को नहीं हुआ भुगतान


मजदूरों को नहीं कर पा रहे भुगतान
रुपए के अभाव में पीड़ित किसान खाद, बीज, दवाई और मजदूरों के भुगतान के लिए साहूकारों से कर्ज़ लेकर भुगतान कर रहे हैं. मौजूदा वक्त में किसानों ने सीजन आधारित खेतों में धान की फसल लगाई है. जिसके लिए उन्हें पैसे सख्त जरूरत है.


गोलमोल जवाब दे रहे बैंक के अफसर
किसानों का कहना है कि 'उन्हें घर खर्च सहित खेती-किसानी के लिए मजबूरन साहूकारों और परिजनों से कर्ज़ लेना पड़ा था जो रुपए वापस करने के लिए दबाव बना रहे हैं. बैंकों से जानकारी लेने पर बैंक अधिकारी गोलमोल जवाब दे रहे हैं. मामले की शिकायत बाद प्रशासन अब इसपर संज्ञान में लेकर जल्द ही समस्या दूर करने की बात कर रहा है.

धमतरी: जिले में धान की खेती ही इलाके के किसानों की पूंजी है. यहां के किसान इसी से सालभर जीवन यापन करते हैं. लेकिन समर्थन मूल्य पर धान बेचने के दो महीने बाद भी किसानों को इसका भुगतान नहीं हुआ है.


17 लाख रुपये है बकाया
किसानों के तकरीबन 17 लाख रुपये बकाया हैं. जबकि किसानों ने इस उम्मीद में समर्थन मूल्य पर धान बेचा था कि 'उन्हें बहुत जल्द पसीने की कमाई का मोल मिल जाएगा, जिससे वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे, लेकिन धान को बेचे दो महीने बीत जाने के बाद किसानों के खाते में अब तक राशि नहीं आई है. किसानों ने जब इस बात की शिकायत जिला प्रशासन से की तो वो भरोसा दिलाता नजर आया.


सोसायटी और बैंक के चक्कर काट रहे किसान
दरअसल आमदी सोसायटी के तकरीबन 45 किसानों का 17 लाख रुपए बकाया है. बताया जा रहा है कि रत्नाबांधा, हटकेशर, आमदी, पोटियाडीह सहित मुजगहन गांवों के किसानों ने जनवरी महीने में समर्थन मूल्य पर धान बेचा था और अब तक उसका भुगतान नहीं हो सका है. भुगतान के लिए पीड़ित किसान लगातार सोसायटी और बैंक का चक्कर काट रहे हैं.

किसानों को नहीं हुआ भुगतान


मजदूरों को नहीं कर पा रहे भुगतान
रुपए के अभाव में पीड़ित किसान खाद, बीज, दवाई और मजदूरों के भुगतान के लिए साहूकारों से कर्ज़ लेकर भुगतान कर रहे हैं. मौजूदा वक्त में किसानों ने सीजन आधारित खेतों में धान की फसल लगाई है. जिसके लिए उन्हें पैसे सख्त जरूरत है.


गोलमोल जवाब दे रहे बैंक के अफसर
किसानों का कहना है कि 'उन्हें घर खर्च सहित खेती-किसानी के लिए मजबूरन साहूकारों और परिजनों से कर्ज़ लेना पड़ा था जो रुपए वापस करने के लिए दबाव बना रहे हैं. बैंकों से जानकारी लेने पर बैंक अधिकारी गोलमोल जवाब दे रहे हैं. मामले की शिकायत बाद प्रशासन अब इसपर संज्ञान में लेकर जल्द ही समस्या दूर करने की बात कर रहा है.

Intro:वैसे तो धमतरी जिले में धान की खेती ही इलाके के किसानों की पूंजी है धान की खेती से ही इस इलाक़े के किसान सालभर जींवन यापन करते है लेकिन सरकार की अव्यवस्था और विभागीय लापरवाही के कारण समर्थन मूल्य पर धान बेचने के 2 माह गुजर जाने बाद भी अभी तक किसानों की उनके राशि का भुगतान नहीं हुआ है.किसानों के तकरीबन 17 लाख रु बकाया है जबकि किसानो ने इस उम्मीद में समर्थन मूल्य पर धान बेचा था कि उन्हें बहुत जल्द पसीने की कमाई का मोल मिल जाएगा ताकि वे अपने जरूरतों को पूरा कर सके.इसके आलावा खेती किसानों के खर्च में काम आ सके.पर दो माह बीत जाने के बाद भी किसानों उनको हक नही मिला.ऐसे में किसान अब दर-दर की भटकने मजबूर होना पड़ रहा है तो वही किसानों की शिकायत पर जिला प्रशास उचित कार्रवाई का भरोसा दिला रहे है.


Body:दरअसल आमदी सोसायटी के तकरीबन 45 किसानों का 17 लाख रुपए बकाया है बताया जा रहा है कि रत्नाबांधा,हटकेशर आमदी,पोटियाडीह सहित मुजगहन गांवों के किसानों ने जनवरी महीने में समर्थन मूल्य पर धान बेचा था और अब तक उनका भुगतान नहीं हो सका है.भुगतान पाने के लिए पीड़ित किसान लगातार सोसायटी और बैंक का चक्कर काट रहे हैं वहीं रुपए के अभाव में पीड़ित किसान खाद,बीज,दवाई और मजदूरों के भुगतान के लिए साहूकारो से कर्ज़ लेकर भुगतान कर रहे है.मौजूदा वक़्त में इन किसानों ने सीजन आधारित खेतों में धान की फसल लगाई है जिसके लिए उन्हें पैसे सख्त जरूरत हो रही है.किसानों का कहना है कि उन्हें घर खर्च सहित खेती किसानी के लिए मजबूरन में उन्हें साहूकारों और परिजनों से कर्ज़ लेना पड़ा था जो अब रुपए वापस करने तगादा कर रहे है.इधर बैंको से जानकारी लेने पर बैंक अधिकारी संतुष्टिपूर्वक जवाब नही मिलता.वैसे मामले की शिकायत बाद प्रशासन अब इसे संज्ञान में लेने की बात कहते हुए जल्द ही समस्या दूर कर लेने की बात कही है.


बाईट...नरेंद्र साहू,किसान
बाईट...सन्तोष साहू,किसान
बाईट...रजत बंसल,कलेक्टर

रामेश्वर मरकाम धमतरी


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.