धमतरी: जिले में धान की खेती ही इलाके के किसानों की पूंजी है. यहां के किसान इसी से सालभर जीवन यापन करते हैं. लेकिन समर्थन मूल्य पर धान बेचने के दो महीने बाद भी किसानों को इसका भुगतान नहीं हुआ है.
17 लाख रुपये है बकाया
किसानों के तकरीबन 17 लाख रुपये बकाया हैं. जबकि किसानों ने इस उम्मीद में समर्थन मूल्य पर धान बेचा था कि 'उन्हें बहुत जल्द पसीने की कमाई का मोल मिल जाएगा, जिससे वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे, लेकिन धान को बेचे दो महीने बीत जाने के बाद किसानों के खाते में अब तक राशि नहीं आई है. किसानों ने जब इस बात की शिकायत जिला प्रशासन से की तो वो भरोसा दिलाता नजर आया.
सोसायटी और बैंक के चक्कर काट रहे किसान
दरअसल आमदी सोसायटी के तकरीबन 45 किसानों का 17 लाख रुपए बकाया है. बताया जा रहा है कि रत्नाबांधा, हटकेशर, आमदी, पोटियाडीह सहित मुजगहन गांवों के किसानों ने जनवरी महीने में समर्थन मूल्य पर धान बेचा था और अब तक उसका भुगतान नहीं हो सका है. भुगतान के लिए पीड़ित किसान लगातार सोसायटी और बैंक का चक्कर काट रहे हैं.
मजदूरों को नहीं कर पा रहे भुगतान
रुपए के अभाव में पीड़ित किसान खाद, बीज, दवाई और मजदूरों के भुगतान के लिए साहूकारों से कर्ज़ लेकर भुगतान कर रहे हैं. मौजूदा वक्त में किसानों ने सीजन आधारित खेतों में धान की फसल लगाई है. जिसके लिए उन्हें पैसे सख्त जरूरत है.
गोलमोल जवाब दे रहे बैंक के अफसर
किसानों का कहना है कि 'उन्हें घर खर्च सहित खेती-किसानी के लिए मजबूरन साहूकारों और परिजनों से कर्ज़ लेना पड़ा था जो रुपए वापस करने के लिए दबाव बना रहे हैं. बैंकों से जानकारी लेने पर बैंक अधिकारी गोलमोल जवाब दे रहे हैं. मामले की शिकायत बाद प्रशासन अब इसपर संज्ञान में लेकर जल्द ही समस्या दूर करने की बात कर रहा है.