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धमतरी में छठ व्रतियों ने दिया संध्या अर्घ्य, सोमवार को देंगी उगते सूर्य को अर्घ्य

धमतरी में छठ व्रतियों ने रविवार को संध्या अर्घ्य दिया है. इसके बाद सोमवार को उगते हुए सूर्य को व्रती अर्घ्य देंगी. इसके बाद छठ महापर्व का समापन होगा. धमतरी के घाटों पर भारी संख्या में छठ व्रती शाम के समय पहुंची थी. सभी ने संध्या अर्घ्य देकर छठ मैया से सुख समृद्धि की कामना की.

Chhath Vrati gave Sandhya Arghya
छठ व्रतियों ने दिया संध्या अर्घ्य
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 19, 2023, 9:08 PM IST

धमतरी में छठ व्रतियों ने दिया संध्या अर्घ्य

धमतरी: धमतरी में रविवार को छठ व्रतियों ने छठ घाट पर संध्या अर्घ्य दिया. अब सोमवार को उषा अर्घ्य के के बाद व्रती पारण करेंगी. दरअसल, 4 दिनों के इस महापर्व में 36 घंटे तक व्रती निर्जला रहती हैं. पहले दिन नहाय खाय से ही इस व्रत की शुरूआत हो जाती है. इसके बाद दूसरे दिन खरना होता है. खरना के बाद वाले दिन को संध्या अर्घ्य कहते हैं. रविवार को संध्या अर्घ्य का दिन है. सभी व्रतियों ने सुबह से ही मिट्टी के चूल्हे पर ठेकुआ, पुआ पुड़ी सहित कई पकवान बनाए. इन पकवानों के साथ मौसमी फलों को सूप में सजा कर व्रतियों ने संघ्या अर्घ्य दिया.

श्रद्धालुओं की दिखी भारी भीड़: धमतरी में रविवार को छठ घाट पर व्रतियों की भारी भीड़ देखने को मिली. व्रती सूप और दौरा सजाकर घाट पहुंची थी. इसके बाद घाट पर मंडप सजा कर छठ मैया की व्रतियों ने पूजा की. इसके बाद डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने छठ मैया की आराधना की. धमतरी शहर के आमातलाब और रूद्री महानदी घाट में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी.

जानिए क्या कहते हैं श्रद्धालु: घाट पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने ईटीवी भारत को बताया कि, "अपने परिवार की सुख शांति के लिए इस व्रत को करते हैं. सुबह से ही हम ठेकुआ, पुआ, पुड़ी पकाए हैं. सभी फलों को सजाकर हम घाट पर संध्या अर्घ्य दिए." इसके साथ ही घाट पर मौजूद पुजारी ने कहा कि, " ये व्रत काफी कठिन है. पहले दिन नहाय खाय के दिन नियम से लौकी चावल पकाया जाता है. उसे खाकर व्रती व्रत शुरू करती हैं, इसके बाद खरना के दिन सुबह से निर्जल रहकर व्रती खीर और रोटी पकाकर खीर का प्रसाद छठ मैया को अर्पित करते हैं. फिर उसी खीर को खाकर खरना करती हैं, इसके बाद व्रतियों का निर्जल उपवास शुरू होता है. फिर संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं."

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बता दें कि छठ महापर्व 4 दिवसीय होता है. पहले दिन नहाय खाय होता है, फिर खरना होता है. खरना के बाद संध्या अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद सप्तमी को उषा अर्घ्य के बाद व्रती पारण करती हैं.

धमतरी में छठ व्रतियों ने दिया संध्या अर्घ्य

धमतरी: धमतरी में रविवार को छठ व्रतियों ने छठ घाट पर संध्या अर्घ्य दिया. अब सोमवार को उषा अर्घ्य के के बाद व्रती पारण करेंगी. दरअसल, 4 दिनों के इस महापर्व में 36 घंटे तक व्रती निर्जला रहती हैं. पहले दिन नहाय खाय से ही इस व्रत की शुरूआत हो जाती है. इसके बाद दूसरे दिन खरना होता है. खरना के बाद वाले दिन को संध्या अर्घ्य कहते हैं. रविवार को संध्या अर्घ्य का दिन है. सभी व्रतियों ने सुबह से ही मिट्टी के चूल्हे पर ठेकुआ, पुआ पुड़ी सहित कई पकवान बनाए. इन पकवानों के साथ मौसमी फलों को सूप में सजा कर व्रतियों ने संघ्या अर्घ्य दिया.

श्रद्धालुओं की दिखी भारी भीड़: धमतरी में रविवार को छठ घाट पर व्रतियों की भारी भीड़ देखने को मिली. व्रती सूप और दौरा सजाकर घाट पहुंची थी. इसके बाद घाट पर मंडप सजा कर छठ मैया की व्रतियों ने पूजा की. इसके बाद डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने छठ मैया की आराधना की. धमतरी शहर के आमातलाब और रूद्री महानदी घाट में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी.

जानिए क्या कहते हैं श्रद्धालु: घाट पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने ईटीवी भारत को बताया कि, "अपने परिवार की सुख शांति के लिए इस व्रत को करते हैं. सुबह से ही हम ठेकुआ, पुआ, पुड़ी पकाए हैं. सभी फलों को सजाकर हम घाट पर संध्या अर्घ्य दिए." इसके साथ ही घाट पर मौजूद पुजारी ने कहा कि, " ये व्रत काफी कठिन है. पहले दिन नहाय खाय के दिन नियम से लौकी चावल पकाया जाता है. उसे खाकर व्रती व्रत शुरू करती हैं, इसके बाद खरना के दिन सुबह से निर्जल रहकर व्रती खीर और रोटी पकाकर खीर का प्रसाद छठ मैया को अर्पित करते हैं. फिर उसी खीर को खाकर खरना करती हैं, इसके बाद व्रतियों का निर्जल उपवास शुरू होता है. फिर संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं."

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बता दें कि छठ महापर्व 4 दिवसीय होता है. पहले दिन नहाय खाय होता है, फिर खरना होता है. खरना के बाद संध्या अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद सप्तमी को उषा अर्घ्य के बाद व्रती पारण करती हैं.

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