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धमतरी: कोरोना मृतकों के लिए अस्थाई मुक्तिधाम बनाने की उठी मांग - कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार

धमतरी में ज्यादातर मुक्तिधाम शहर के रिहायशी इलाके में आते हैं. कोरोना से मृत व्यक्तियों के शव को अंतिम संस्कार के लिए घनी बस्तियों से लेकर मुक्तिधाम तक ले जाना पड़ता है. जिसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है. वार्ड में लोगों का विरोध देखते हुए स्थानीय पार्षद और जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से कोरोना से मरने वाले व्यक्तियों के अंतिम संस्कार शहर से बाहर कराने की मांग की है.

Demand to build temporary Muktidham
अस्थाई मुक्तिधाम बनाने की मांग
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Published : Sep 5, 2020, 10:39 PM IST

धमतरी: जिले में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया है. वहीं कोरोना से मौत का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित 11 मरीजों की मौत हो गई है. सभी का स्थानीय मुक्तिधामों में अंतिम संस्कार किया गया है. जानकारी के मुताबिक ये सभी मुक्तिधाम शहर के रिहायशी इलाके में आते हैं. ऐसे में आसपास के लोगों को अब संक्रमण का डर सता रहा है.

धमतरी में अस्थाई मुक्तिधाम बनाने की मांग

दरअसल, शहर के सोरिद वार्ड, हटकेशर वार्ड और दानीटोला वार्ड में मुक्तिधाम स्थित है. जहां आए दिन मृतकों के अंतिम संस्कार कार्यक्रम होते रहते हैं. वहीं अब कोरोना से मरने वाले मरीजों का भी अंतिम संस्कार इन्हीं मुक्तिधामों में किया जा रहा है. इससे वार्डवासियों में काफी दहशत है. इन वार्डों में मरीजों के अंतिम संस्कार को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है. वार्ड में रहने वाले लोगों का कहना है कि कोरोना से मृत व्यक्तियों के शव को अंतिम संस्कार के लिए घनी बस्तियों से लेकर मुक्तिधाम तक ले जाना पड़ता है. इससे संक्रमण फैलने का डर है.

पढ़ें: रायपुर: कोविड-19 मरीजों से निजी अस्पताल वसूल रहे लाखों रुपए, संसदीय सचिव ने सीएम से की लाइसेंस रद्द करने की मांग

वार्ड में लोगों का विरोध देखते हुए स्थानीय पार्षद और जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से कोरोना से मरने वाले व्यक्तियों के अंतिम संस्कार शहर से बाहर कराने की मांग की है. उन्होंने शहर से बाहर अलग अस्थाई मुक्तिधाम बनाने की मांग भी रखी है. ताकि लोगों के मन से डर निकल सके. बता दें कि हाल ही में एक अंतिम संस्कार के दौरान एक वार्ड में विवाद की स्थिति भी बन गई थी.

मुक्तिधाम में किया गया अंतिम संस्कार

बता दें कि सोरिद के मुक्तिधाम में कोरोना से मृत कुछ लोगों का अंतिम संस्कार किया गया. इस मुक्तिधाम के आसपास वार्ड और कुछ परिवारों का घर लगा हुआ है. ऐसे में यहां अंतिम संस्कार न करने के लिए विरोध शुरू हो गया. इसके विरोध में शहर के 3 वार्डों के लोगों की बैठक भी हुई. जहां अंतिम संस्कार वार्ड के मुक्तिधाम में नहीं करने का निर्णय लिया गया है. जिले में फिलहाल रोज करीब 40 कोरोना संक्रमितों की पहचान हो रही है. सितंबर महीने के अंतिम हफ्ते तक कुल आंकड़ा 1500 के पार भी जा सकता है. ऐसे में जिला प्रशासन को जल्द फैसला लेना होगा.

धमतरी: जिले में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया है. वहीं कोरोना से मौत का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित 11 मरीजों की मौत हो गई है. सभी का स्थानीय मुक्तिधामों में अंतिम संस्कार किया गया है. जानकारी के मुताबिक ये सभी मुक्तिधाम शहर के रिहायशी इलाके में आते हैं. ऐसे में आसपास के लोगों को अब संक्रमण का डर सता रहा है.

धमतरी में अस्थाई मुक्तिधाम बनाने की मांग

दरअसल, शहर के सोरिद वार्ड, हटकेशर वार्ड और दानीटोला वार्ड में मुक्तिधाम स्थित है. जहां आए दिन मृतकों के अंतिम संस्कार कार्यक्रम होते रहते हैं. वहीं अब कोरोना से मरने वाले मरीजों का भी अंतिम संस्कार इन्हीं मुक्तिधामों में किया जा रहा है. इससे वार्डवासियों में काफी दहशत है. इन वार्डों में मरीजों के अंतिम संस्कार को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है. वार्ड में रहने वाले लोगों का कहना है कि कोरोना से मृत व्यक्तियों के शव को अंतिम संस्कार के लिए घनी बस्तियों से लेकर मुक्तिधाम तक ले जाना पड़ता है. इससे संक्रमण फैलने का डर है.

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वार्ड में लोगों का विरोध देखते हुए स्थानीय पार्षद और जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से कोरोना से मरने वाले व्यक्तियों के अंतिम संस्कार शहर से बाहर कराने की मांग की है. उन्होंने शहर से बाहर अलग अस्थाई मुक्तिधाम बनाने की मांग भी रखी है. ताकि लोगों के मन से डर निकल सके. बता दें कि हाल ही में एक अंतिम संस्कार के दौरान एक वार्ड में विवाद की स्थिति भी बन गई थी.

मुक्तिधाम में किया गया अंतिम संस्कार

बता दें कि सोरिद के मुक्तिधाम में कोरोना से मृत कुछ लोगों का अंतिम संस्कार किया गया. इस मुक्तिधाम के आसपास वार्ड और कुछ परिवारों का घर लगा हुआ है. ऐसे में यहां अंतिम संस्कार न करने के लिए विरोध शुरू हो गया. इसके विरोध में शहर के 3 वार्डों के लोगों की बैठक भी हुई. जहां अंतिम संस्कार वार्ड के मुक्तिधाम में नहीं करने का निर्णय लिया गया है. जिले में फिलहाल रोज करीब 40 कोरोना संक्रमितों की पहचान हो रही है. सितंबर महीने के अंतिम हफ्ते तक कुल आंकड़ा 1500 के पार भी जा सकता है. ऐसे में जिला प्रशासन को जल्द फैसला लेना होगा.

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