धमतरी: बेरोजगारी के कारण सीएम हाउस के सामने खुद को आग लगाने वाले हरदेव की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है. घटना के बाद पूरा परिवार गमगीन है तो वहीं पत्नी बेबस है, और बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है. इधर हरदेव की मौत के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है. बीजेपी ने सरकार से परिवार को रोजगार देने की मांग की है.
सीएम हाउस के सामने 29 जून को खुद को लगाई थी आग
खेती पर निर्भर हरदेव बीते कुछ वर्षों से रोजगार के लिए भटक रहा था. गरीबी और बेरोजगारी की मार से परेशान हरदेव बीते 29 जून को अपनी समस्याओं को बताने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पहुंच गया. जहां सीएम भूपेश से उसकी मुलाकात नहीं हुई. जिसके बाद परेशान युवक ने सीएम हाउस के सामने खुद को आग के हवाले कर दिया. मुख्यमंत्री के बंगले के सामने हुई इस घटना से पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
मासूम बच्चों से छिना पिता का साया
युवक की मौत के बाद गांव में शोक का माहौल है.गमगीन माहौल के बीच युवक हरदेव के मासूम बेटे ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी.मृतक युवक के पिता के आंसू नहीं थम रहे है. इस घटना के बाद विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाया है. और पीड़ित परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग की है.
विपक्ष हुआ हमलावर
बहरहाल हरदेव की मौत ने एक बार फिर से सियासत में उबाल ला दिया है. विपक्ष फिर से सरकार को घेरते हुए उन्हें मौत का जिम्मेदार बता रहा है. वहीं इस घटना ने बेरोजगारों के आवाज को हवा दे दी है. बता दें कि हादसे के बाद सरकार ने मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे. जिस पर कलेक्टर ने जांच के लिए एसडीएम, तहसीलदार को जांच अधिकारी बनाया और एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे.