ETV Bharat / state

धमतरी में हरदेव का हुआ अंतिम संस्कार,  BJP ने सरकार पर बोला हमला

रायपुर में सीएम हाउस के सामने खुदकुशी की कोशिश करने वाले हरदेव सिन्हा की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिससे प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है. बीजेपी हरदेव के परिवार को रोजगार देने की मांग कर रही है.

hardev sinha
हरदेव सिन्हा की मौत
author img

By

Published : Jul 22, 2020, 4:06 PM IST

Updated : Jul 22, 2020, 4:56 PM IST

धमतरी: बेरोजगारी के कारण सीएम हाउस के सामने खुद को आग लगाने वाले हरदेव की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है. घटना के बाद पूरा परिवार गमगीन है तो वहीं पत्नी बेबस है, और बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है. इधर हरदेव की मौत के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है. बीजेपी ने सरकार से परिवार को रोजगार देने की मांग की है.

हरदेव सिन्हा की मौत

सीएम हाउस के सामने 29 जून को खुद को लगाई थी आग

खेती पर निर्भर हरदेव बीते कुछ वर्षों से रोजगार के लिए भटक रहा था. गरीबी और बेरोजगारी की मार से परेशान हरदेव बीते 29 जून को अपनी समस्याओं को बताने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पहुंच गया. जहां सीएम भूपेश से उसकी मुलाकात नहीं हुई. जिसके बाद परेशान युवक ने सीएम हाउस के सामने खुद को आग के हवाले कर दिया. मुख्यमंत्री के बंगले के सामने हुई इस घटना से पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

hardev sinha
हरदेव सिन्हा की मौत

मासूम बच्चों से छिना पिता का साया

युवक की मौत के बाद गांव में शोक का माहौल है.गमगीन माहौल के बीच युवक हरदेव के मासूम बेटे ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी.मृतक युवक के पिता के आंसू नहीं थम रहे है. इस घटना के बाद विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाया है. और पीड़ित परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग की है.

विपक्ष हुआ हमलावर

बहरहाल हरदेव की मौत ने एक बार फिर से सियासत में उबाल ला दिया है. विपक्ष फिर से सरकार को घेरते हुए उन्हें मौत का जिम्मेदार बता रहा है. वहीं इस घटना ने बेरोजगारों के आवाज को हवा दे दी है. बता दें कि हादसे के बाद सरकार ने मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे. जिस पर कलेक्टर ने जांच के लिए एसडीएम, तहसीलदार को जांच अधिकारी बनाया और एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे.

धमतरी: बेरोजगारी के कारण सीएम हाउस के सामने खुद को आग लगाने वाले हरदेव की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है. घटना के बाद पूरा परिवार गमगीन है तो वहीं पत्नी बेबस है, और बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है. इधर हरदेव की मौत के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है. बीजेपी ने सरकार से परिवार को रोजगार देने की मांग की है.

हरदेव सिन्हा की मौत

सीएम हाउस के सामने 29 जून को खुद को लगाई थी आग

खेती पर निर्भर हरदेव बीते कुछ वर्षों से रोजगार के लिए भटक रहा था. गरीबी और बेरोजगारी की मार से परेशान हरदेव बीते 29 जून को अपनी समस्याओं को बताने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पहुंच गया. जहां सीएम भूपेश से उसकी मुलाकात नहीं हुई. जिसके बाद परेशान युवक ने सीएम हाउस के सामने खुद को आग के हवाले कर दिया. मुख्यमंत्री के बंगले के सामने हुई इस घटना से पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

hardev sinha
हरदेव सिन्हा की मौत

मासूम बच्चों से छिना पिता का साया

युवक की मौत के बाद गांव में शोक का माहौल है.गमगीन माहौल के बीच युवक हरदेव के मासूम बेटे ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी.मृतक युवक के पिता के आंसू नहीं थम रहे है. इस घटना के बाद विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाया है. और पीड़ित परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग की है.

विपक्ष हुआ हमलावर

बहरहाल हरदेव की मौत ने एक बार फिर से सियासत में उबाल ला दिया है. विपक्ष फिर से सरकार को घेरते हुए उन्हें मौत का जिम्मेदार बता रहा है. वहीं इस घटना ने बेरोजगारों के आवाज को हवा दे दी है. बता दें कि हादसे के बाद सरकार ने मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे. जिस पर कलेक्टर ने जांच के लिए एसडीएम, तहसीलदार को जांच अधिकारी बनाया और एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे.

Last Updated : Jul 22, 2020, 4:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.