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सेहत और स्वाद में बड़े काम की है ये भाजी - छत्तीसगढ़ की बोहार भाजी

छत्तीसगढ़ में मैदानी और जंगली इलाके ज्यादा हैं. लिहाजा सब्जियों में भाजी का खूब इस्तेमाल होता है. यहां आमतौर पर भाजियों में अमारी, चेंच भाजी, चना भाजी, प्याज भाजी, पालक, चौलाई, मेथी, लालभाजी तो खाई ही जाती है. साथ में कई तरह की और भी लोकल भाजी यहां लोकप्रिय है. इन्हीं में से एक है बोहार भाजी (bohar bhaji). बोहार भाजी छत्तीसगढ़ की सबसे महंगी और लोकप्रिय भाजी है. यह भाजी साल के कुछ ही दिन मिलती है. इस भाजी को खाने से कई रोग दूर हो जाते हैं.

बोहार भाजी bohar  bhaji
बोहार भाजी bohar bhaji
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Published : Apr 3, 2021, 9:07 PM IST

धमतरी: वैसे तो छत्तीसगढ़ में लोग खूब भाजी खाते हैं और इन भाजियों में सबसे महंगी होती है बोहार भाजी (bohar bhaji). हालांकि ये साल भर में कुछ दिनों तक ही मिल पाती है, लेकिन इसके लाजवाब स्वाद के कारण लोग हर कीमत देने को तैयार रहते हैं. यही वजह है ये भाजी 150 से लेकर 400 रुपए तक बिकती है.

इस भाजी में छिपा है सेहत का खजाना, जानें इसकी क्या-क्या हैं खूबियां

छत्तीसगढ़ की भाजियां

कहते हैं कि खानपान का तरीका किसी भी जगह की प्राकृतिक और भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करता है. छत्तीसगढ़ में मैदानी और जंगली इलाके ज्यादा हैं. लिहाजा सब्जियों में भाजी का खूब इस्तेमाल होता है. यहां आमतौर पर भाजियों में अमारी, चेंच भाजी, चना भाजी, प्याज भाजी, पालक, चौलाई, मेथी, लालभाजी तो खाई ही जाती है. साथ में कई तरह की और भी लोकल भाजी यहां लोकप्रिय है. इन्हीं में से एक है बोहार भाजी.

बोहार भाजी सबसे लोकप्रिय

बोहार भाजी कई मामलों में खास है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसका स्वाद बेमिसाल है. यह भाजी बाजार में 150 से लेकर 400 तक बिकती है. महंगी कीमत में बिकने के पीछे वजह है कि यह भाजी साल भर में कुछ दिनों के लिए ही मिलती है. हर साल मार्च-अप्रैल माह में कभी-कभी यह बाजार पहुंचती है. इसके स्वाद के लिए लोग उचित कीमत चुकाने को भी तैयार रहते हैं.

SPECIAL: छत्तीसगढ़ के कृषि वैज्ञानिकों ने सीजी लाल भाजी 1 और सीजी चौलाई भाजी 1 की किस्में विकसित की

साल में कुछ ही दिन मिलती है बोहार भाजी

बोहार भाजी ऊंचे पेड़ों में पेड़ की कलियां और कोमल पत्तों पर बनती है, लेकिन इन्हें फूल बनने से पहले ही तोड़ना होता है. तभी यह खाने के काम आती है. धमतरी में रहने वाले रामनाथ सोनकर के घर में भी एक पेड़ है. ये पेड़ करीब 200 साल पुराना है. परिवार के लोग इसे तोड़कर अपने जान-पहचान वालों को देने सहित बाजार में भी बेचते हैं, जिससे हर सीजन में इसकी भाजी से उनकी मोटी कमाई हो जाती है.

भाजी पकाने की विधि

बोहार भाजी बनाने को लेकर गृहणियां बताती हैं कि अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है. इन्हें पहले छंटनी किया जाता है, फिर उसे पानी में धोकर अलग से निकाल लिया जाता है. इसके बाद हरी मिर्च, प्याज, लहसुन का तड़का लगाकर उसमें बोहार भाजी को डालकर सुनहरा होने तक पकने दिया जाता है. इसमें इमली या दही भी मिलाकर बनाया जाता है.

चिकन से भी महंगी होती है भाजियों की 'रानी', सालभर इंतजार करते हैं लोग

बोहार भाजी में छिपा है सेहत का खजाना

कृषि विभाग से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि बोहार भाजी और उनके फल में पाचन शक्ति होती है. इस भाजी की तासीर ठंडी किस्म की होती है. इसके अलावा खाने में भी इसका स्वाद अच्छा होता है. साथ ही ये पित्त का संतुलन बनाए रखने में मददगार साबित होती है.

बहरहाल बोहार भाजी छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्य में भी पाई जाती है, जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इस भाजी को खाने का प्रचलन सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही ज्यादा पाया जाता है. वहीं गिने-चुने पेड़ होने के कारण इसकी कीमत भी ज्यादा होती है. फिर भी लोग इसे शौक से खरीदते हैं और खूब चाव से खाते भी है.

धमतरी: वैसे तो छत्तीसगढ़ में लोग खूब भाजी खाते हैं और इन भाजियों में सबसे महंगी होती है बोहार भाजी (bohar bhaji). हालांकि ये साल भर में कुछ दिनों तक ही मिल पाती है, लेकिन इसके लाजवाब स्वाद के कारण लोग हर कीमत देने को तैयार रहते हैं. यही वजह है ये भाजी 150 से लेकर 400 रुपए तक बिकती है.

इस भाजी में छिपा है सेहत का खजाना, जानें इसकी क्या-क्या हैं खूबियां

छत्तीसगढ़ की भाजियां

कहते हैं कि खानपान का तरीका किसी भी जगह की प्राकृतिक और भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करता है. छत्तीसगढ़ में मैदानी और जंगली इलाके ज्यादा हैं. लिहाजा सब्जियों में भाजी का खूब इस्तेमाल होता है. यहां आमतौर पर भाजियों में अमारी, चेंच भाजी, चना भाजी, प्याज भाजी, पालक, चौलाई, मेथी, लालभाजी तो खाई ही जाती है. साथ में कई तरह की और भी लोकल भाजी यहां लोकप्रिय है. इन्हीं में से एक है बोहार भाजी.

बोहार भाजी सबसे लोकप्रिय

बोहार भाजी कई मामलों में खास है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसका स्वाद बेमिसाल है. यह भाजी बाजार में 150 से लेकर 400 तक बिकती है. महंगी कीमत में बिकने के पीछे वजह है कि यह भाजी साल भर में कुछ दिनों के लिए ही मिलती है. हर साल मार्च-अप्रैल माह में कभी-कभी यह बाजार पहुंचती है. इसके स्वाद के लिए लोग उचित कीमत चुकाने को भी तैयार रहते हैं.

SPECIAL: छत्तीसगढ़ के कृषि वैज्ञानिकों ने सीजी लाल भाजी 1 और सीजी चौलाई भाजी 1 की किस्में विकसित की

साल में कुछ ही दिन मिलती है बोहार भाजी

बोहार भाजी ऊंचे पेड़ों में पेड़ की कलियां और कोमल पत्तों पर बनती है, लेकिन इन्हें फूल बनने से पहले ही तोड़ना होता है. तभी यह खाने के काम आती है. धमतरी में रहने वाले रामनाथ सोनकर के घर में भी एक पेड़ है. ये पेड़ करीब 200 साल पुराना है. परिवार के लोग इसे तोड़कर अपने जान-पहचान वालों को देने सहित बाजार में भी बेचते हैं, जिससे हर सीजन में इसकी भाजी से उनकी मोटी कमाई हो जाती है.

भाजी पकाने की विधि

बोहार भाजी बनाने को लेकर गृहणियां बताती हैं कि अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है. इन्हें पहले छंटनी किया जाता है, फिर उसे पानी में धोकर अलग से निकाल लिया जाता है. इसके बाद हरी मिर्च, प्याज, लहसुन का तड़का लगाकर उसमें बोहार भाजी को डालकर सुनहरा होने तक पकने दिया जाता है. इसमें इमली या दही भी मिलाकर बनाया जाता है.

चिकन से भी महंगी होती है भाजियों की 'रानी', सालभर इंतजार करते हैं लोग

बोहार भाजी में छिपा है सेहत का खजाना

कृषि विभाग से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि बोहार भाजी और उनके फल में पाचन शक्ति होती है. इस भाजी की तासीर ठंडी किस्म की होती है. इसके अलावा खाने में भी इसका स्वाद अच्छा होता है. साथ ही ये पित्त का संतुलन बनाए रखने में मददगार साबित होती है.

बहरहाल बोहार भाजी छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्य में भी पाई जाती है, जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इस भाजी को खाने का प्रचलन सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही ज्यादा पाया जाता है. वहीं गिने-चुने पेड़ होने के कारण इसकी कीमत भी ज्यादा होती है. फिर भी लोग इसे शौक से खरीदते हैं और खूब चाव से खाते भी है.

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