धमतरी : एक तरफ पूरे देश में नए व्हिकल एक्ट को लेकर हंगामा मचा हुआ है.वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के गांव में आज भी काले कानून और उनके नियमों का दंश परिवार के लोग झेलने को मजबूर हैं.जिले के एक गांव में 15 परिवारों का हुक्का पानी बंद कर दिया गया.परिवार के लोगों से ना ही कोई बात करता है, और ना ही गांव से उन्हें किसी भी तरह की जरुरत की चीजें मिलती है.इस बात की शिकायत जब एसपी कलेक्टर तक पहुंची तब सारा मामला सामने आया.
क्या है पूरा मामला ? : ये पूरा मामला गांव की हरियाली से जुड़ा हुआ है. धमतरी जिले के ग्राम पंचायत कुर्रा के आश्रित गांव भोथीपार में 15 परिवारों को अपने पेड़ ना काटने की कीमत चुकानी पड़ी.इस गांव में कुछ परिवार के लोगों ने खाली पड़ी जमीन पर मुनगा के पेड़ लगाए थे. जब ये पेड़ बड़े हुए तो इसकी भाजी और फल बच्चों समेत बुजुर्गों के काम आने लगे.
हुक्का पानी बंद करने का आरोप : अचानक एक दिन गांव की ग्राम विकास समिति की नजरों में ये मुनगा के पेड़ कांटे की तरह चुभने लगे.लिहाजा एक फरमान निकाला गया.जिसके तहत इन परिवारों को सारे पेड़ काटने को कहा गया. पीड़ितों की माने तो विकास समिति के मुताबिक जिस जगह पर पेड़ है वो पंचायत की जमीन है और वहां अतिक्रमण करने के इरादे से पेड़ लगाए गए हैं.जब परिवार के लोगों ने विकास समिति की बात मानने से इनकार किया तो एक साथ 15 परिवारों का हुक्का पानी बंद कर दिया गया.
हुक्का पानी बंद की बात से इनकार : वहीं इस मामले में ग्राम विकास समिति की माने तो परिवार ने गांव की जमीन पर अतिक्रमण किया था. उसे हटाने के लिए कहा गया था.किसी भी परिवार का हुक्का पानी बंद नहीं है. दबंगों के इस फरमान के कारण गांव में किसी ने इसका विरोध भी नहीं किया.लेकिन गांव से ही अलग थलग कर दिए गए ये परिवार इंसाफ की मांग कर रहे हैं.इसके लिए ग्रामीणों ने कलेक्टर और एसपी से शिकायत की है.प्रशासन ने जल्द ही जांच के बाद मदद का भरोसा दिया है.