धमतरी: धमतरी नगर निगम में 11 अप्रैल को महापौर, बजट पेश किए बिना ही सामान्य सभा से निकल गए. 17 अप्रैल को निगम के सभापति अनुराग मसीह ने बैठक बुलाई थी, जिसे बाद में बिना सूचना के स्थगित कर दिया गया. 17 अप्रैल को भाजपाई पार्षद, सभापति निर्धारित समय पर निगम के सभाहाल में पोस्टर लेकर पहुंच गए, जहां भाजपाईयों ने महापौर विजय देवांगन और सभापति अनुराग मसीह के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर घंटी भी बजायी. इसके अलावा निगम के बाहर गार्डन के पास भाजपाईयों ने टेंट लगाकर चार घंटे तक प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की.
भाजपाईयों ने खोला मोर्चा: नेता प्रतिपक्ष नरेन्द्र रोहरा ने कहा कि "महापौर विपक्ष के पार्षदों पर हंगामा खड़ा करने का आरोप लगाते हैं, जबकि उनके ही पार्टी के पार्षद अनुपस्थित थे. हम चाहते हैं कि महापौर पर कार्रवाई तय हो. 17 तारीख को बैठक बुलाकर वे खुद नहीं पहुंचे हैं. सत्तासीन कांग्रेस ने शहर के विकास के लिए लाए जाने वाले बजट को पटल में नहीं रखा, इस तरह विकास में बाधा पहुंचाई जा रही है."
पूर्व सभापति और पार्षद राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि "नगर निगम में सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. सत्तासीन के पास धमतरी विकास का कोई विजन नहीं है. नियमों के अनुसार 31 मार्च तक बजट प्रस्तुत हो जाना चाहिए. जब 11 अप्रैल को बैठक बुलाई गई तो उनके चार पार्षद गायब हो गए. धारा 21/2 का पालन करते हुए दूसरे दिन बैठक बुला लेनी चाहिए. छठवें दिन बैठक बुलाने के बाद भी वे गायब हैं. वे लोग धारा 98 का सहारा लेकर चल रहे हैं. जबकि इस धारा के तहत कार्यवाही तभी हो सकती है जब कोई आपदा या विशेष परिस्थिति हो."