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SPECIAL: खराब ड्रेनेज सिस्टम या निगम की लापरवाही, साफ-सफाई के दावों पर उठे सवाल - धमतरी नगर निगम

धमतरी में बारिश आने से पहले ही बजबजाती नालियां और बड़े नाले निगम की पोल खोल रहे हैं. महापौर का कहना है कि सफाई कराई जा रही है, जिससे जलभराव की स्थिति न हो. वहीं लोगों का कहना है कि हर साल कई वार्डों में बारिश की वजह से जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. देखिए रिपोर्ट.

drainage system dhamtari news
धमतरी में नालियों की सफाई
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Published : Jun 12, 2020, 6:20 PM IST

धमतरी: हर साल बारिश आती है और अपने साथ कई परेशानियां भी लेकर आती है. नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी सही प्रबंधन कर शहर को संवारने के लाख दावे करते हैं, लेकिन वक्त आने पर इन दावों की जमीनी स्थिति कुछ और ही बयां करती है. धमतरी में आलम ये है कि बरसात आते ही गंदगी से बजबजाते नाले-नालियां भरने लगते हैं और शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन जाती है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सालभर इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता, लेकिन बारिश आने के कुछ दिन पहले ही निगम खानापूर्ति जरूर करता है.

खराब ड्रेनेज सिस्टम ने खोली पोल

बरसात का मौसम अभी ठीक से आया भी नहीं है और बजबजाती नालियां और कचरों से पटी इन तस्वीरों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां मानसून की तैयारी किस स्तर की है. हालांकि निगम का दावा है कि मानसून को देखते हुए उनकी तैयारी पूरी है. निगम के मुताबिक सभी नालों को साफ कराया जा चुका है और नालियों का निर्माण भी कराया जा रहा है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी वर्तमान स्थिति ने निगम प्रशासन के दावों को झूठा साबित कर दिया.

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बारिश से तरबतर सडकें

सफाई में खर्च होते हैं लाखों रुपये

ऐसा नहीं है कि निगम के पास संसाधनों की कमी है, बल्कि यहां साफ-सफाई के लिए पर्याप्त संसाधन सहित कर्मचारी भी हैं. मौजूदा वक्त में नगर निगम में 160 सफाई कर्मी हैं. इसके अलावा 216 सफाईकर्मी महिलाओं के अलग-अलग समूह हैं. कचरा जमा करने और व्यवस्थित करने के लिए 13 कचरा गाड़ी, तीन ट्रैक्टर और एक जेसीबी है. धमतरी निगम में महीने के साफ-सफाई का खर्च औसतन 25 से 30 लाख रुपये तक का होता है. इसके बावजूद शहर में गंदगी पसरी रहती है. बात चाहे वार्डों की हो या मुख्य जगहों की, यहां नालियां हो या सड़के, हर जगह गंदगी का आलम है. बीते कई दशकों से शहर खराब ड्रेनेज सिस्टम से परेशान है.

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वार्डों में जलभराव की स्थिति

पढ़ें- SPECIAL: 3 स्टार से 0 पर आए निगम की तैयारियों पर भड़के लोग, कहा- 'पहले काम कर लेते'

15 वार्ड बारिश से प्रभावित

मानसून आने के बाद पूरे शहर की तस्वीर अलग ही नजर आती है.सड़कों पर तीन-चार फीट पानी भर जाता है और जिंदगी की रफ्तार मूसलाधार बारिश के बाद थम सी जाती है. वहीं लोग घरों में दुबकने को मजबूर रहते है. बरसात में शहर के करीब 15 वार्ड हर साल बारिश में जल भराव से प्रभावित होते हैं. इसमें बनियापारा वार्ड,आमापारा वार्ड, स्टेशनपारा वार्ड सहित कई वार्ड शामिल हैं. ये परेशानी हर साल सामने आती है और हर बार निगम सब सही करने का भरोसा दिलाता है.

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बजबजाती नालियां

विपक्ष ने साधा निशाना

छत्तीसगढ़ में धमतरी सबसे पुरानी नगर पालिका रही है. 2014 में इसे नगर निगम बनाया गया है. इस तरह से इस निकाय की उम्र 136 साल हो चुकी है. इस निकाय में लगातार बीजेपी ने शासन किया, तो वहीं अब 135 साल के रिकार्ड को तोड़ते हुए इस बार कांग्रेस सत्ता पर काबिज है. विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने नालियों की साफ-सफाई को लेकर सत्ता पक्ष को खूब घेरा. अब विपक्ष में बीजेपी है, जो लगातार कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरती है. नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र रोहरा का कहना है कि महापौर विजय देवांगन और उनके सहयोगी सिर्फ फोटो खिंचवाने में ही व्यस्त हैं और उन्हें जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है.

पढ़ें- रायगढ़: बारिश आते ही भर जाते हैं नाले, सफाई व्यवस्था में लगा निगम प्रशासन

महापौर विजय देवांगन अभी भी दावे कर रहे हैं कि निगम ने अपना काम शुरू कर दिया है. नाले-नालियों की सफाई कराई जा रही है, लेकिन अब आने वाली बरसात में ही इन दावों की स्थिति सामने आएगी.

धमतरी: हर साल बारिश आती है और अपने साथ कई परेशानियां भी लेकर आती है. नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी सही प्रबंधन कर शहर को संवारने के लाख दावे करते हैं, लेकिन वक्त आने पर इन दावों की जमीनी स्थिति कुछ और ही बयां करती है. धमतरी में आलम ये है कि बरसात आते ही गंदगी से बजबजाते नाले-नालियां भरने लगते हैं और शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन जाती है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सालभर इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता, लेकिन बारिश आने के कुछ दिन पहले ही निगम खानापूर्ति जरूर करता है.

खराब ड्रेनेज सिस्टम ने खोली पोल

बरसात का मौसम अभी ठीक से आया भी नहीं है और बजबजाती नालियां और कचरों से पटी इन तस्वीरों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां मानसून की तैयारी किस स्तर की है. हालांकि निगम का दावा है कि मानसून को देखते हुए उनकी तैयारी पूरी है. निगम के मुताबिक सभी नालों को साफ कराया जा चुका है और नालियों का निर्माण भी कराया जा रहा है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी वर्तमान स्थिति ने निगम प्रशासन के दावों को झूठा साबित कर दिया.

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बारिश से तरबतर सडकें

सफाई में खर्च होते हैं लाखों रुपये

ऐसा नहीं है कि निगम के पास संसाधनों की कमी है, बल्कि यहां साफ-सफाई के लिए पर्याप्त संसाधन सहित कर्मचारी भी हैं. मौजूदा वक्त में नगर निगम में 160 सफाई कर्मी हैं. इसके अलावा 216 सफाईकर्मी महिलाओं के अलग-अलग समूह हैं. कचरा जमा करने और व्यवस्थित करने के लिए 13 कचरा गाड़ी, तीन ट्रैक्टर और एक जेसीबी है. धमतरी निगम में महीने के साफ-सफाई का खर्च औसतन 25 से 30 लाख रुपये तक का होता है. इसके बावजूद शहर में गंदगी पसरी रहती है. बात चाहे वार्डों की हो या मुख्य जगहों की, यहां नालियां हो या सड़के, हर जगह गंदगी का आलम है. बीते कई दशकों से शहर खराब ड्रेनेज सिस्टम से परेशान है.

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वार्डों में जलभराव की स्थिति

पढ़ें- SPECIAL: 3 स्टार से 0 पर आए निगम की तैयारियों पर भड़के लोग, कहा- 'पहले काम कर लेते'

15 वार्ड बारिश से प्रभावित

मानसून आने के बाद पूरे शहर की तस्वीर अलग ही नजर आती है.सड़कों पर तीन-चार फीट पानी भर जाता है और जिंदगी की रफ्तार मूसलाधार बारिश के बाद थम सी जाती है. वहीं लोग घरों में दुबकने को मजबूर रहते है. बरसात में शहर के करीब 15 वार्ड हर साल बारिश में जल भराव से प्रभावित होते हैं. इसमें बनियापारा वार्ड,आमापारा वार्ड, स्टेशनपारा वार्ड सहित कई वार्ड शामिल हैं. ये परेशानी हर साल सामने आती है और हर बार निगम सब सही करने का भरोसा दिलाता है.

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बजबजाती नालियां

विपक्ष ने साधा निशाना

छत्तीसगढ़ में धमतरी सबसे पुरानी नगर पालिका रही है. 2014 में इसे नगर निगम बनाया गया है. इस तरह से इस निकाय की उम्र 136 साल हो चुकी है. इस निकाय में लगातार बीजेपी ने शासन किया, तो वहीं अब 135 साल के रिकार्ड को तोड़ते हुए इस बार कांग्रेस सत्ता पर काबिज है. विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने नालियों की साफ-सफाई को लेकर सत्ता पक्ष को खूब घेरा. अब विपक्ष में बीजेपी है, जो लगातार कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरती है. नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र रोहरा का कहना है कि महापौर विजय देवांगन और उनके सहयोगी सिर्फ फोटो खिंचवाने में ही व्यस्त हैं और उन्हें जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है.

पढ़ें- रायगढ़: बारिश आते ही भर जाते हैं नाले, सफाई व्यवस्था में लगा निगम प्रशासन

महापौर विजय देवांगन अभी भी दावे कर रहे हैं कि निगम ने अपना काम शुरू कर दिया है. नाले-नालियों की सफाई कराई जा रही है, लेकिन अब आने वाली बरसात में ही इन दावों की स्थिति सामने आएगी.

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