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लाखों रुपए की लागत से बनी कृषि उपज उपमंडी, अब खंडहर में हो रही तब्दील

धमतरी के बेलरगांव में बनी कृषि उपज उप मंडी खंडहर में बदलती जा रही है. जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते लाखों रुपए की लागत से बनी इस मंडी की हालत बदतर हो गई है.

krishi upaj mandi
बेलरगांव कृषि उपज मंडी
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Published : Jul 13, 2020, 1:14 AM IST

Updated : Jul 13, 2020, 9:20 AM IST

धमतरी: लाखों रुपए की लागत से बनाई गई कृषि उपज उप मंडी अब खंडहर में तब्दील हो रही है. सरकार किसानों को उनकी उपज पास में ही बेचने की सुविधा देने के लिए जगह-जगह मंडियों का निर्माण कर रही है, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता और रखरखाव के अभाव के चलते कई जगहों पर ये खंडहर बनती जा रही है. ऐसा ही नजारा नगरी विकासखंड के बेलरगांव ग्राम पंचायत में बनी कृषि उपज उप मंडी का है, जहां प्रशासनिक उदासीनता के चलते यह उपमंडी खंडहर हो गई है.

खंडहर में तब्दील हो रही मंडी

बेलरगांव के किसानों की मांग पर कृषि उपज उप मंडी का निर्माण साल 2005-06 में किया गया था. उस समय इस मंडी को करीब 30 लाख रुपए की लागत से बनवाया गया था. उसके बाद साल 2018-19 में लगभग 45 लाख रुपए की लागत से मंडी में बाउंड्रीवाल का निर्माण कर मंडी की चारदीवारी को भी सुरक्षित कर लिया गया. इसके अलावा गोदाम भवन और अन्य सुविधाएं भी इस परिसर में दी गई, लेकिन लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी उप मंडी केवल सफेद हाथी साबित हो रही है.

krishi upaj mandi
बेलरगांव कृषि उपज मंडी

कोरिया: कोरोना काल में कृषि विभाग की बड़ी लापरवाही, खुले में फेंके जैविक उर्वरक और कीटनाशक

असामाजिक तत्वों का डेरा

रखरखाव के अभाव में धीरे-धीरे ये मंडी खंडहर में तब्दील हो गई. दलदल से भरे होने के कारण बारिश के दिनों में तो यहां पैदल चलना भी मुश्किल होता है. दूसरी ओर विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इस मंडी में झांकने तक नहीं आते, जिसका फायदा असामाजिक तत्व उठाते हैं. शाम होते ही यहां शराबियों और जुआरियों का जमघट लग जाता है.

किसानों को नहीं हो रहा फायदा

ग्रामीणों ने बताया कि कुछ निजी व्यापारी इस कृषि उपज उप मंडी का उपयोग कर रहे हैं. दूसरी ओर किसान इस मंडी भवन के उपयोग से पूरी तरह वंचित हैं. जिससे स्थानीय लोगों में शासन-प्रशासन के प्रति काफी नाराजगी है. ग्रामीणों का कहना है कि लाखों रुपए खर्च कर किसानों को सुविधा देने के लिए इस मंडी को बनाया गया है, लेकिन किसानों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है.

धमतरी: लाखों रुपए की लागत से बनाई गई कृषि उपज उप मंडी अब खंडहर में तब्दील हो रही है. सरकार किसानों को उनकी उपज पास में ही बेचने की सुविधा देने के लिए जगह-जगह मंडियों का निर्माण कर रही है, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता और रखरखाव के अभाव के चलते कई जगहों पर ये खंडहर बनती जा रही है. ऐसा ही नजारा नगरी विकासखंड के बेलरगांव ग्राम पंचायत में बनी कृषि उपज उप मंडी का है, जहां प्रशासनिक उदासीनता के चलते यह उपमंडी खंडहर हो गई है.

खंडहर में तब्दील हो रही मंडी

बेलरगांव के किसानों की मांग पर कृषि उपज उप मंडी का निर्माण साल 2005-06 में किया गया था. उस समय इस मंडी को करीब 30 लाख रुपए की लागत से बनवाया गया था. उसके बाद साल 2018-19 में लगभग 45 लाख रुपए की लागत से मंडी में बाउंड्रीवाल का निर्माण कर मंडी की चारदीवारी को भी सुरक्षित कर लिया गया. इसके अलावा गोदाम भवन और अन्य सुविधाएं भी इस परिसर में दी गई, लेकिन लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी उप मंडी केवल सफेद हाथी साबित हो रही है.

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असामाजिक तत्वों का डेरा

रखरखाव के अभाव में धीरे-धीरे ये मंडी खंडहर में तब्दील हो गई. दलदल से भरे होने के कारण बारिश के दिनों में तो यहां पैदल चलना भी मुश्किल होता है. दूसरी ओर विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इस मंडी में झांकने तक नहीं आते, जिसका फायदा असामाजिक तत्व उठाते हैं. शाम होते ही यहां शराबियों और जुआरियों का जमघट लग जाता है.

किसानों को नहीं हो रहा फायदा

ग्रामीणों ने बताया कि कुछ निजी व्यापारी इस कृषि उपज उप मंडी का उपयोग कर रहे हैं. दूसरी ओर किसान इस मंडी भवन के उपयोग से पूरी तरह वंचित हैं. जिससे स्थानीय लोगों में शासन-प्रशासन के प्रति काफी नाराजगी है. ग्रामीणों का कहना है कि लाखों रुपए खर्च कर किसानों को सुविधा देने के लिए इस मंडी को बनाया गया है, लेकिन किसानों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है.

Last Updated : Jul 13, 2020, 9:20 AM IST
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