धमतरी : जिले में किसानों ने गर्मी के लिए धान की फसल लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. जिले के बड़े रकबे में किसान हर साल गर्मी में धान की फसल लेते हैं, क्योंकि हर साल किसानों को बांधों से पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता रहा है. इस साल भी प्रदेश सरकार ने किसानों को गर्मी में धान के लिए बांधों से पानी देने वादा किया है. ऐसे में सरकार के वादे के भरोसे किसानों ने रोपा लगाना भी शुरू कर दिया है. इधर जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग भी अपनी तरफ से बांधों से पानी छोड़ने की तैयारी पूरी कर चुका है.
कटाई के बाद धान खरीदी में देरी होने से रबी फसल की बोनी में देरी हो गई है. जिले में खरीफ धान फसल कटाई के बाद किसान पानी नहीं मिलने पर दलहन-तिलहन फसल लेते थे, लेकिन इस साल धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरू होने के कारण किसानों ने 12 हजार 103 हेक्टेयर में दलहन फसल लगा ली है.
गांव में कराई जा रही मुनादी
बीते साल अक्टूबर महीने में ही रबी फसल लेने का फैसला कर लिया गया था. 29 हजार 500 हेक्टेयर में रबी धान फसल के लिए पानी दिया गया था. इस साल दिसंबर महीने में रबी धान के रकबे का निर्धारण किया गया है. ये रकबा पिछले रकबे के मुताबिक 2.50 हजार हेक्टेयर कम है. करीब 27 हजार हेक्टेयर में रबी धान की फसल लगाई जाएगी. इसके लिए गांवों में मुनादी भी कराई जा रही है. 27 हजार हेक्टेयर में से बांधों से सिर्फ 16 हजार 792 हेक्टेयर में पानी दिया जाएगा.
दूसरे जलाशयों से भी छोड़ा जाएगा पानी
गंगरेल बांध से 156 गांव में कुल 14 हजार 119 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा. धमतरी में 13 हजार 326 हेक्टेयर और 793 हेक्टेयर बालोद जिले के गुरूर ब्लॉक शामिल हैं. बाकी रकबे को दूसरे बांध और छोटे जलाशयों से पानी दिया जाएगा. इसके आलावा मगरलोड में बाकोरी जलाशय, बेलोरा, भंडारवाड़ी, नगरी के गोंदलाना, मोहम्मला, अर्जुनी जलाश्य से आस-पास के क्षेत्रों में पानी दिया जाएगा.
गंगरेल बांध में 67 प्रतिशत पानी
जिले के गंगरेल सहित दूसरे सहायक बांधों की कुल जल भराव क्षमता 55.176 टीएमसी है. सबसे ज्यादा गंगरेल बांध की क्षमता 32.150 टीएमसी है. इन बांधों में अभी 43.396 टीएमसी पानी है. सबसे कम गंगरेल में 67 प्रतिशत, मुरूमसिल्ली में 70, दुधावा में 81 और सोंढूर में 92 प्रतिशत पानी है, जबकि इसमें से 5 टीएमसी पानी डेड स्टोरेज में आ जाता है, जिसमें से पेयजल, निस्तारी और भिलाई स्टील प्लांट के लिए अनुबंध के मुताबिक पानी देना पड़ता है.
सरकार की हरी झंडी का इंतजार
बहरहाल प्रशासन को सरकार की तरफ से हरी झंडी का इंतजार है. मुमकिन है आने वाले कुछ दिनों में सरकार का आदेश आएगा और बांधों से पानी छोड़ा जाएगा.