ETV Bharat / state

धमतरी के पोटियाडीह में चला प्रशासन का बुलडोजर, अस्थाई सुविधा के आश्वासन पर परिवार ने तोड़ा धरना - धमतरी कलेक्टर कार्यालय

धमतरी मे पोटियाडीह गांव में एक विवादित जमीन पर बने मकान पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया. पूरे दिन जब कोई सुनवाई नही हुई. तो परिवार ने कलेक्टरेट के सामने ही धरना शुरू कर दिया. काफी देर तक समझाइश और मान मनौव्वल चला. तब जाकर परिवार को अस्थाई सुविधा का आश्वासन मिला.

Administration bulldozer in Potiyadih of Dhamtari
धमतरी के पोटियाडीह में चला प्रशासन का बुलडोजर
author img

By

Published : Dec 1, 2022, 7:49 PM IST

Updated : Dec 1, 2022, 9:24 PM IST

धमतरी: धमतरी से लगे पोटियाडीह गांव में एक विवादित जमीन पर बने मकान को बुलडोजर से ढहा दिया गया. जानकारी के अनुसार इस मकान में 7 लोग बरसों से रह रहे थे. इस जमीन का विवाद लंबे अरसे से कोर्ट में चल रहा है. प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद दुधमुहे बच्चे के साथ पूरा परिवार सड़क पर आ गया है. फिलहाल प्रशासन ने परिवार को सामुदायिक भवन में शिफ्ट किया है.

धमतरी के पोटियाडीह में चला प्रशासन का बुलडोजर

"परिवार ने लगाई न्याय की गुहार": प्रभावित परिवार ने अब धमतरी तहसील कार्यालय और कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है. परिवार की तरफ से आरोप लगाया जा रहा है कि "जमीन का विवाद कोर्ट में है जिसका फैसला होना बाकी है. ऐसे में बिना नोटिस दिए कार्रवाई कर दी गई."

"कानून के दायरे में उठाया गया कदम": इस मामले में धमतरी एसडीएम ने बताया कि "जो भी कदम उठाया गया है. वह न्यायालयीन प्रक्रिया और नियम कानून के दायरे में उठाया गया है."



ये है पूरा मामला: जानकारी के अनुसार ग्राम पोटियाडीह के तुलसी ढीमर का गांव के एक व्यक्ति के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. तहसीलदार के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम और पुलिस कब्जा हटाने पहुंची. जहां कच्चे मकान को बुल्डोजर से हटाया गया. पीड़ित परिवार न्याय के लिये तहसील, कलेक्टोरेट और थाने का चक्कर काट रहा है. ग्राम पोटियाडीह के तुलसीराम ढीमर अपने पिता कृष्ण कुमार पत्नी बसंती, भाई यशवंत और बहन के साथ गांव में कच्चा मकान बनाकर जीवन यापन कर रहा था.

यह भी पढ़ें: भानुप्रतापपुर उपचुनाव 2022 : सर्व आदिवासी समाज की हुंकार, विधानसभा विशेष सत्र को बताया नौटंकी

पीड़ित परिवार ने लगाया आरोप: बुधवार को राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर उसके मकान को तोड़ दिया. पीड़िता बसंती ढीमर कि "मकान तोड़ने से पहले उन्हें न तो कोई नोटिस दिया, और न ही कोई सामान हटाने दिया गया." परिवार के सदस्य दुधमुंहे बच्चे को लेकर तहसील और कलेक्टर दफ्तर पहुंचे. जहां उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला.

कलेक्टरेट के सामने धरना पर बैठा परिवार: पूरे दिन जब कोई सुनवाई नही हुई. कोई मदद नही मिली. तो परिवार ने कलेक्टरेट के सामने ही धरना शुरू कर दिया. इसके बाद प्रशासन हड़बड़ाया और हरकत में आया. छुट्टी के बाद घर लौट चुके डिप्टी कलेक्टर को वापस मौके पर भेजा गया. काफी देर तक समझाइश और मान मनौव्वल चला.

परिवार को अस्थाई आशियाना: जब परिवार को अस्थाई रहने की सुविधा का आश्वासन मिला. तब परिवार ने वहाँ से हटने की रजामंदी दी. फिलहाल इस प्रभावित परिवार को सामाजिक भवन में शरण दी जा रही है. अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि, जो भी संभव हो सकेगा वो मदद दी जाएगी.

धमतरी: धमतरी से लगे पोटियाडीह गांव में एक विवादित जमीन पर बने मकान को बुलडोजर से ढहा दिया गया. जानकारी के अनुसार इस मकान में 7 लोग बरसों से रह रहे थे. इस जमीन का विवाद लंबे अरसे से कोर्ट में चल रहा है. प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद दुधमुहे बच्चे के साथ पूरा परिवार सड़क पर आ गया है. फिलहाल प्रशासन ने परिवार को सामुदायिक भवन में शिफ्ट किया है.

धमतरी के पोटियाडीह में चला प्रशासन का बुलडोजर

"परिवार ने लगाई न्याय की गुहार": प्रभावित परिवार ने अब धमतरी तहसील कार्यालय और कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है. परिवार की तरफ से आरोप लगाया जा रहा है कि "जमीन का विवाद कोर्ट में है जिसका फैसला होना बाकी है. ऐसे में बिना नोटिस दिए कार्रवाई कर दी गई."

"कानून के दायरे में उठाया गया कदम": इस मामले में धमतरी एसडीएम ने बताया कि "जो भी कदम उठाया गया है. वह न्यायालयीन प्रक्रिया और नियम कानून के दायरे में उठाया गया है."



ये है पूरा मामला: जानकारी के अनुसार ग्राम पोटियाडीह के तुलसी ढीमर का गांव के एक व्यक्ति के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. तहसीलदार के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम और पुलिस कब्जा हटाने पहुंची. जहां कच्चे मकान को बुल्डोजर से हटाया गया. पीड़ित परिवार न्याय के लिये तहसील, कलेक्टोरेट और थाने का चक्कर काट रहा है. ग्राम पोटियाडीह के तुलसीराम ढीमर अपने पिता कृष्ण कुमार पत्नी बसंती, भाई यशवंत और बहन के साथ गांव में कच्चा मकान बनाकर जीवन यापन कर रहा था.

यह भी पढ़ें: भानुप्रतापपुर उपचुनाव 2022 : सर्व आदिवासी समाज की हुंकार, विधानसभा विशेष सत्र को बताया नौटंकी

पीड़ित परिवार ने लगाया आरोप: बुधवार को राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर उसके मकान को तोड़ दिया. पीड़िता बसंती ढीमर कि "मकान तोड़ने से पहले उन्हें न तो कोई नोटिस दिया, और न ही कोई सामान हटाने दिया गया." परिवार के सदस्य दुधमुंहे बच्चे को लेकर तहसील और कलेक्टर दफ्तर पहुंचे. जहां उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला.

कलेक्टरेट के सामने धरना पर बैठा परिवार: पूरे दिन जब कोई सुनवाई नही हुई. कोई मदद नही मिली. तो परिवार ने कलेक्टरेट के सामने ही धरना शुरू कर दिया. इसके बाद प्रशासन हड़बड़ाया और हरकत में आया. छुट्टी के बाद घर लौट चुके डिप्टी कलेक्टर को वापस मौके पर भेजा गया. काफी देर तक समझाइश और मान मनौव्वल चला.

परिवार को अस्थाई आशियाना: जब परिवार को अस्थाई रहने की सुविधा का आश्वासन मिला. तब परिवार ने वहाँ से हटने की रजामंदी दी. फिलहाल इस प्रभावित परिवार को सामाजिक भवन में शरण दी जा रही है. अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि, जो भी संभव हो सकेगा वो मदद दी जाएगी.

Last Updated : Dec 1, 2022, 9:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.