धमतरी : शहर के एक निजी अस्पताल में स्मार्ट कार्ड सेवा 6 माह के लिए निलंबित कर दी गई है. ये कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग ने दंड के रूप में की है. कुछ दिनों पहले अस्पताल में एक नवजात बच्चे की मौत हुई थी, जिसमें लापरवाही का मामला सामने आया था. इसके अलावा भी कई गंभीर मामले हैं जिन्हें लेकर हॅास्पिटल प्रबंधन के खिलाफ समाजसेवी संगठनों ने मोर्चा खोल दिया था.
प्रबंधन की लापरवाही से हुई थी नवजात की मौत
केशकाल में रहने वाले दंपति को शादी के 10 साल बाद बच्चा पैदा हुआ था. परिवार का आरोप था कि, 'अस्पताल के शिशुरोग विशेषज्ञ सहित प्रबंधन की लापरवाही के कारण नवजात की मौत हुई है'. मामले ने तूल पकड़ा जिसके बाद शिकायत और जांच भी हुई. नतीजा ये हुआ कि निजी हॅास्पिटल में स्मार्ट कार्ड सेवा को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है.
अस्पताल का रहा है विवादों से गहरा नाता
लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी अस्पताल पर कार्रवाई हो चुकी है. बताया जा रहा है कि जब से ये अस्पताल चल रहा है. तब से ही लगातार विवादों में रहा है.
बस्तर क्षेत्र की एक महिला की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने बिल भुगतान के कारण लाश को कई घंटे तक परिजनों को नहीं सौंपा था, जबकि अस्पताल ने उस केस का सारा बिल स्मार्ट कार्ड से ले लिया था. इस मामले की भी शिकायत तत्कालीन कलेक्टर से की गई थी.
समाज सेविका ने अस्पताल के खिलाफ खोला मोर्चा
छत्तीसगढ़ की समाज सेविका ममता शर्मा ने निजी हॅास्पिटल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. उन्होंने बताया कि, 'मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज आरटीआई से हासिल किए जा चुके हैं. अस्पताल हमेशा अपनी मनमानी करते आया है, इस पर आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिेए'. उन्होंने ये भी कहा कि, 'अगर स्वास्थ्य विभाग 15 दिन के अंदर FIR नहीं करवाता है तो वो खुद अदालत में जनहित याचिका करूंगी'.