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निजी अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई, प्रबंधन की लापरवाही से हुई थी नवजात की मौत

नवजात की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पताल पर कार्रवाई की है.

action against private hospital
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Published : Jul 17, 2019, 10:05 PM IST

धमतरी : शहर के एक निजी अस्पताल में स्मार्ट कार्ड सेवा 6 माह के लिए निलंबित कर दी गई है. ये कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग ने दंड के रूप में की है. कुछ दिनों पहले अस्पताल में एक नवजात बच्चे की मौत हुई थी, जिसमें लापरवाही का मामला सामने आया था. इसके अलावा भी कई गंभीर मामले हैं जिन्हें लेकर हॅास्पिटल प्रबंधन के खिलाफ समाजसेवी संगठनों ने मोर्चा खोल दिया था.

प्रबंधन की लापरवाही से हुई थी नवजात की मौत

केशकाल में रहने वाले दंपति को शादी के 10 साल बाद बच्चा पैदा हुआ था. परिवार का आरोप था कि, 'अस्पताल के शिशुरोग विशेषज्ञ सहित प्रबंधन की लापरवाही के कारण नवजात की मौत हुई है'. मामले ने तूल पकड़ा जिसके बाद शिकायत और जांच भी हुई. नतीजा ये हुआ कि निजी हॅास्पिटल में स्मार्ट कार्ड सेवा को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है.

अस्पताल का रहा है विवादों से गहरा नाता

लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी अस्पताल पर कार्रवाई हो चुकी है. बताया जा रहा है कि जब से ये अस्पताल चल रहा है. तब से ही लगातार विवादों में रहा है.
बस्तर क्षेत्र की एक महिला की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने बिल भुगतान के कारण लाश को कई घंटे तक परिजनों को नहीं सौंपा था, जबकि अस्पताल ने उस केस का सारा बिल स्मार्ट कार्ड से ले लिया था. इस मामले की भी शिकायत तत्कालीन कलेक्टर से की गई थी.

समाज सेविका ने अस्पताल के खिलाफ खोला मोर्चा

छत्तीसगढ़ की समाज सेविका ममता शर्मा ने निजी हॅास्पिटल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. उन्होंने बताया कि, 'मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज आरटीआई से हासिल किए जा चुके हैं. अस्पताल हमेशा अपनी मनमानी करते आया है, इस पर आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिेए'. उन्होंने ये भी कहा कि, 'अगर स्वास्थ्य विभाग 15 दिन के अंदर FIR नहीं करवाता है तो वो खुद अदालत में जनहित याचिका करूंगी'.

धमतरी : शहर के एक निजी अस्पताल में स्मार्ट कार्ड सेवा 6 माह के लिए निलंबित कर दी गई है. ये कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग ने दंड के रूप में की है. कुछ दिनों पहले अस्पताल में एक नवजात बच्चे की मौत हुई थी, जिसमें लापरवाही का मामला सामने आया था. इसके अलावा भी कई गंभीर मामले हैं जिन्हें लेकर हॅास्पिटल प्रबंधन के खिलाफ समाजसेवी संगठनों ने मोर्चा खोल दिया था.

प्रबंधन की लापरवाही से हुई थी नवजात की मौत

केशकाल में रहने वाले दंपति को शादी के 10 साल बाद बच्चा पैदा हुआ था. परिवार का आरोप था कि, 'अस्पताल के शिशुरोग विशेषज्ञ सहित प्रबंधन की लापरवाही के कारण नवजात की मौत हुई है'. मामले ने तूल पकड़ा जिसके बाद शिकायत और जांच भी हुई. नतीजा ये हुआ कि निजी हॅास्पिटल में स्मार्ट कार्ड सेवा को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है.

अस्पताल का रहा है विवादों से गहरा नाता

लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी अस्पताल पर कार्रवाई हो चुकी है. बताया जा रहा है कि जब से ये अस्पताल चल रहा है. तब से ही लगातार विवादों में रहा है.
बस्तर क्षेत्र की एक महिला की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने बिल भुगतान के कारण लाश को कई घंटे तक परिजनों को नहीं सौंपा था, जबकि अस्पताल ने उस केस का सारा बिल स्मार्ट कार्ड से ले लिया था. इस मामले की भी शिकायत तत्कालीन कलेक्टर से की गई थी.

समाज सेविका ने अस्पताल के खिलाफ खोला मोर्चा

छत्तीसगढ़ की समाज सेविका ममता शर्मा ने निजी हॅास्पिटल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. उन्होंने बताया कि, 'मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज आरटीआई से हासिल किए जा चुके हैं. अस्पताल हमेशा अपनी मनमानी करते आया है, इस पर आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिेए'. उन्होंने ये भी कहा कि, 'अगर स्वास्थ्य विभाग 15 दिन के अंदर FIR नहीं करवाता है तो वो खुद अदालत में जनहित याचिका करूंगी'.

Intro:धमतरी स्थित गुप्ता हास्पीटल में स्मार्ट कार्ड सेवा को 6 माह के लिये निलंबित कर दिया गया है.ये कारर्वाई बतौर दंड के रूप में की गई है.बीते दिनो एक नवजात बच्चे की मौत के मामले में जांच के बाद ये कार्रवाई की गई है.इसके अलावा और भी कई गंभीर मामले हैं जिन्हें लेकर गुप्ता हास्पीटल के खिलाफ समाज सेवी संगठनो ने मोर्चा खोल दिया है.संभव है कि आने वाले दिनो में इस निजी अस्पताल के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई हो सकती है.


Body:केशकाल के एक दंपत्ति को शादी के 10 साल बाद संतान की प्राप्ति हुई थी.लेकिन गुप्ता अस्पताल के शिशूरोग विशेषज्ञ सहित प्रबंधन की लापरवाही के कारण नवजात की मौत हो गई.इस मामले ने तूल पकड़ा शिकायत और जांच भी हुई.नतीजा ये हुआ कि गुप्ता हास्पीटल में स्मार्ट कार्ड सेवा को 6 माह के लिये निलंबित कर दिया गया है.ये पहला मामला नहीं है जिसमें इस अस्पताल पर कारर्वाई हुई है.इससे पहले भी निलंबन हो चुका है और जब से ये अस्पताल चल रहा है.तब से ही लगातार ये विवादों में रहा है.

इससे पहले ही बस्तर क्षेत्र की एक महिला की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने बिल भुगतान के कारण लाश को कई घंटे तक परिजनों को नहीं सौंपा.जबकि अस्पताल ने उस केस का सारा बिल स्मार्ट कार्ड से ले लिया था.उस मामले की भी शिकायत तमाम कलेक्टर से की गई थी.
अब छत्तीसगढ़ की जानीमानी समाज सेविका ममता शर्मा ने गुप्ता हास्पीटल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.सारे मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज आरटीआई से हासिल किये जा चुके है.ममता शर्मा का सीधा आरोप है कि गुप्ता अस्पताल ने मनमानी की सारी हदें तोड़ दी है और इसके खिलाफ अब आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिये.ममता शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर स्वास्थ्य विभाग 15 दिन के भीतर एफआईआर नहीं करवाता है तो वो खुद अदालत में जन हित याचिका दायर कर देंगी..


Conclusion:बहरहाल गुप्ता हॉस्पिटल से जुड़ा यह पहला मामला नही है इसके पहले भी कई शिकायतें हुई है जिन पर जांच भी हुई लेकिन कोई बड़ी कार्रवाई होते नही दिखी.अब देखने वाली बात यह होगी कि यह कितने दूर तलक तक जाता है.


बाईट..महेश नेताम,पीड़त
बाईट..डॉ डी के तुर्रे,सीएमएचओ,धमतरी
बाईट...ममता शर्मा, समाज सेविका

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी
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