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नरवा विकास योजना के तहत भू-जल स्तर में वृद्धि के लिए किए जा रहे काम

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी सुराजी गांव योजना (suraji gaon yojna) के तहत दंतेवाड़ा में नरवा विकास योजना (Narva Vikas Yojana) के तहत काम जारी है. कैम्पा मद से स्वीकृत 51.06 लाख रुपये के कार्य से जल प्रवाह भूमि कटाव से फायदा मिलेगा. भू-जल स्तर में वृद्धि के लिए इस योजना पर कार्य किया जा रहा है.

Work continues for increase in ground water level under Narva Vikas Yojana in Dantewada
नरवा विकास योजना
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Published : Jun 6, 2021, 11:30 AM IST

दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना(suraji gaon yojna) के तहत कैम्पा मद(campa) से स्वीकृत कार्य 'नरवा विकास योजना'(Narva Vikas Yojana) का पंचायत सीईओ अश्वनी देवांगन और वन अधिकारी संदीप बलगा ने निरीक्षण किया. कैम्पा मद से इस कार्य के लिए 51.6 लाख की राशि की स्वीकृति मिली है. टीम ने बताया कि जल प्रवाह को नियंत्रित कर मृद क्षरण रोकने के लिए भूमिगत जल रिसाव (underground water leakage) में बढ़ोतरी के लिए ऐसी संरचना का निर्माण किया जा रहा है.

इसकी लागत राशि- 51.06 लाख रूपये जिसमें मुख्य रूप से जलग्रहण कार्यों का चयन किया गया है. इससे वन क्षेत्रों के आस-पास और बाहर भू-जल स्तर(Groundwater level) में वृद्धि होगी, जिससे वनों के घनत्व में वृद्धि होगी. कृषि भूमि में सिंचाई हेतु जल आपूर्ति बढ़ेगी. उन्नत कृषि को बढ़ावा मिलेगा. जिससे कृषक आर्थिक रूप से सम्पन्न होंगे.

पहले इस क्षेत्र में पानी की समस्या की वजह से गांव वाले तीन फसल का फायदा नहीं ले पाते थे. जलभराव होने के कारण आप ग्रामीण सीजन में तीन फसलों का फायदा ले पाएंगे. उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा. जिला प्रशासन गांव-गांव में इसके लिए पहल कर रहा है. जिससे ज्यादा से ज्यादा जैविक पंजीकृत किसान लेंसों तक पहुंचकर बीज ले सके जिसके लिए सभी लेंसों में पर्याप्त भी पहुंचाए जा चुके हैं.

राज्य में नदी-नालों को मिल रहा नया जीवन, सैकड़ों जल स्रोतों को किया जा रहा पुनर्जीवित

भू-जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कई काम

सुराजी गांव योजना के तहत भू-जल संरक्षण के लिए कई काम किए जा रहे हैं. योजना के तहत राज्य में वर्षा जल को एकत्र करने के लिए नालों को ठीक किया जा रहा है.छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के नरवा, गुरवा, घुरवा, बाड़ी का ही एक घटक है. राज्य सरकार की सुराजी गांव योजना के माध्यम से गांवों को विकसित और आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की पहल की जा रही है. ये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का गांव गढ़ने की दिशा में बढ़ते कदम हैं. इसके माध्यम से नदी-नालों एवं पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा देकर पौष्टिक खाद्यान्न, फल और सब्जी-भाजी के उत्पादन को बेहतर बनाया जा रहा है.

दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना(suraji gaon yojna) के तहत कैम्पा मद(campa) से स्वीकृत कार्य 'नरवा विकास योजना'(Narva Vikas Yojana) का पंचायत सीईओ अश्वनी देवांगन और वन अधिकारी संदीप बलगा ने निरीक्षण किया. कैम्पा मद से इस कार्य के लिए 51.6 लाख की राशि की स्वीकृति मिली है. टीम ने बताया कि जल प्रवाह को नियंत्रित कर मृद क्षरण रोकने के लिए भूमिगत जल रिसाव (underground water leakage) में बढ़ोतरी के लिए ऐसी संरचना का निर्माण किया जा रहा है.

इसकी लागत राशि- 51.06 लाख रूपये जिसमें मुख्य रूप से जलग्रहण कार्यों का चयन किया गया है. इससे वन क्षेत्रों के आस-पास और बाहर भू-जल स्तर(Groundwater level) में वृद्धि होगी, जिससे वनों के घनत्व में वृद्धि होगी. कृषि भूमि में सिंचाई हेतु जल आपूर्ति बढ़ेगी. उन्नत कृषि को बढ़ावा मिलेगा. जिससे कृषक आर्थिक रूप से सम्पन्न होंगे.

पहले इस क्षेत्र में पानी की समस्या की वजह से गांव वाले तीन फसल का फायदा नहीं ले पाते थे. जलभराव होने के कारण आप ग्रामीण सीजन में तीन फसलों का फायदा ले पाएंगे. उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा. जिला प्रशासन गांव-गांव में इसके लिए पहल कर रहा है. जिससे ज्यादा से ज्यादा जैविक पंजीकृत किसान लेंसों तक पहुंचकर बीज ले सके जिसके लिए सभी लेंसों में पर्याप्त भी पहुंचाए जा चुके हैं.

राज्य में नदी-नालों को मिल रहा नया जीवन, सैकड़ों जल स्रोतों को किया जा रहा पुनर्जीवित

भू-जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कई काम

सुराजी गांव योजना के तहत भू-जल संरक्षण के लिए कई काम किए जा रहे हैं. योजना के तहत राज्य में वर्षा जल को एकत्र करने के लिए नालों को ठीक किया जा रहा है.छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के नरवा, गुरवा, घुरवा, बाड़ी का ही एक घटक है. राज्य सरकार की सुराजी गांव योजना के माध्यम से गांवों को विकसित और आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की पहल की जा रही है. ये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का गांव गढ़ने की दिशा में बढ़ते कदम हैं. इसके माध्यम से नदी-नालों एवं पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा देकर पौष्टिक खाद्यान्न, फल और सब्जी-भाजी के उत्पादन को बेहतर बनाया जा रहा है.

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