दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है. राज्य के पूरे 28 जिलों में लॉकडाउन लगा दिया गया है. इस दौरान लोगों को रोजगार संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है. लेकिन दंतेवाड़ा में संचालित शासकीय कपड़ा फैक्ट्री में 250 महिलाएं अभी काम कर रही है. इन महिलाओं ने आर्थिक तंगी के समय में भी अपने परिवार का जिम्मा उठाया है. कोरोना काल में नियमों का पालन करते हुए महिलाओं को रोजगार से जोड़ने दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी का प्रयास सराहनीय है.
दंतेवाड़ में शासन-प्रशासन की मदद से कपड़े की फैक्ट्री खोली गई है. जिसमें कोरोना काल में भी ढाई सौ महिला काम कर रही है. एक तरफ पूरा देश कोरोना संक्रमण की मार झेल रहा है और संपूर्ण जिले में लॉकडाउन घोषित किया गया है. वहीं इन महिलाओं को रोजगार से जोड़े रखने के लिए कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए रोजगार उपलब्ध कराना एक सराहनीय पहल है.
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शासन-प्रशासन को कहा शुक्रिया
दंतेवाड़ा में संचालित इस गारमेंट फैक्ट्री में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहने वाली बहुत सी महिलाएं काम कर रही है. जिन्हें गांव में रोजगार नहीं मिलने के कारण शासन-प्रशासन ने इस फैक्ट्री में काम दिया है. महिलाएं बताती हैं कि 'लॉकडाउन की वजह से हम लोग बेरोजगार हो गए थे, लेकिन गारमेंट फैक्ट्री में हमें काम मिलने से हमारे परिवार का गुजर बसर हो पा रहा है, जिसके लिए हम शासन-प्रशासन को धन्यवाद देते हैं'.
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जानी मानी कंपनियों से टाइअप
कपड़ा फैक्ट्री में काजल मैनेजर के पद पर कार्यरत है. उन्होंने बताया कि इस गारमेंट फैक्ट्री का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था. जिसके बाद से यहां ढाई सौ महिलाएं काम कर रही है. कोरोना काल में भी नियमों का पालन करते हुए महिलाओं को काम दिया जा रहा है. इस गवर्नमेंट फैक्ट्री में 'डैनेक्स' ब्रांड के कपड़े सिले जा रहे हैं. प्रशासन ने विभिन्न कंपनियों से भी टाइअप किया है. (Myntra) मिंत्रा जैसी कंपनी भी हमें काम दे रही है. विभिन्न कंपनियों को 2 खेप माल भेजा जा चुका है. तीसरा खेप भेजने की तैयारी की जा रही है. जिससे इन महिलाओं की अच्छी आमदनी होगी. महिलाएं प्रति महीना 6 से 7 हजार रुपये कमा रही है.