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दंतेवाड़ा: मुनगा के जंगलों में हुई मुठभेड़ को ग्रामीणों ने बताया फर्जी, कोर्ट जाने की तैयारी

बीते मंगलवार को डीआरजी के जवानों के साथ नक्सलियों की कथित मुठभेड़ हुई थी. जिसमें दो नक्सली मारे गए थे, जिसे ग्रामीणों ने फर्जी बताया है. ग्रामीणों ने इसे लेकर कोर्ट जाने का भी फैसला लिया है.

मुनगा के जंगलों में हुई मुठभेड़ को ग्रामीणों ने बताया फर्जी
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Published : Nov 8, 2019, 8:24 PM IST

Updated : Nov 8, 2019, 9:03 PM IST

दंतेवाड़ा: मुनगा के जंगलों में हुई मुठभेड़ को ग्रामीणों ने फर्जी बताया है. बीते मंगलवार को डीआरजी के जवानों के साथ नक्सलियों की कथित मुठभेड़ हुई थी. जिसमें दो नक्सली मारे गए थे, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि मारे गए दोनों कथित नक्सली ग्रामीण थे, जो खेतों की रखवाली कर रहे थे.

मुनगा के जंगलों में हुई मुठभेड़ को ग्रामीणों ने बताया फर्जी

फसल की रखवाली कर रहे थे दोनों
बुधवार को मृतकों के परिजनों ने जिला मुख्यालय पहुंच मुठभेड़ में मारे गये दोनों कथित नक्सली लखमा मंडावी और हिड़मा मंडावी का शव लेने से इनकार कर दिया था. परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि, पुलिस ने दोनों को खेत से पकड़ कर मार डाला है. इसके बाद मृतकों के परिजन ने आदिवासी समाज के सामने पूरा मामला रखा है. जिसपर गुरुवार को जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष, पर्चेली सरपंच, जनपद सदस्य के साथ सैकड़ों ग्रामीणों ने घटना स्थल का मुआयना किया.

आधार कार्ड भी दिखाया था
मृतक के परिजन के साथ ग्रामीणों और जिला पंचायत सदस्य ने बताया कि खेत में खड़ी धान की फसल की दोनों रखवाली कर रहे थे. जिन्हें जवानों ने पकड़ा और नक्सली बताकर अपने साथ ले जाने लगे. इस दौरान मृतक की मां ने जवानों को आधार कार्ड भी दिखाया, लेकिन जवानों ने उनकी एक नहीं सुनी.

आ रही थी गोलियों की आवाज
ग्रामीणों का कहना है कि जवानों ने लखमा मंडावी और हिड़मा मंडावी की आंखों पर गमछा बांध दिया. इसके बाद जवानों ने देनों को कीदकोत की पहाड़ियों की तरफ ले गये. जहां ये खबर आई कि जवानों ने दोनों को गोली मार दी है. ग्रामीणों ने बताया कि इस दौरान उन्होंने गोलियां चलने की आवाज सुनी थी. ग्रामीणों का कहना है कि ये मुठभेड़ फर्जी है और इसकी जांच होनी चाहिए. ग्रामीणों ने इसे लेकर कोर्ट जाने का भी फैसला लिया है.

पढ़ें -दंतेवाड़ा: 1-1 लाख के दो इनामी नक्सली ढेर, दो भरमार बंदूक के साथ IED बरामद

SP ने दोनों को बताया था नक्सली
SP अभिषेक पल्लव ने मुठभेड़ के बाद जानकारी दी थी कि, दोनों मृतक कटेकल्याण एलजीएस के सदस्य थे और दोनो पर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित था. जिन्हें DRG की टीम ने मुठभेड़ में मार गिराया.

दंतेवाड़ा: मुनगा के जंगलों में हुई मुठभेड़ को ग्रामीणों ने फर्जी बताया है. बीते मंगलवार को डीआरजी के जवानों के साथ नक्सलियों की कथित मुठभेड़ हुई थी. जिसमें दो नक्सली मारे गए थे, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि मारे गए दोनों कथित नक्सली ग्रामीण थे, जो खेतों की रखवाली कर रहे थे.

मुनगा के जंगलों में हुई मुठभेड़ को ग्रामीणों ने बताया फर्जी

फसल की रखवाली कर रहे थे दोनों
बुधवार को मृतकों के परिजनों ने जिला मुख्यालय पहुंच मुठभेड़ में मारे गये दोनों कथित नक्सली लखमा मंडावी और हिड़मा मंडावी का शव लेने से इनकार कर दिया था. परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि, पुलिस ने दोनों को खेत से पकड़ कर मार डाला है. इसके बाद मृतकों के परिजन ने आदिवासी समाज के सामने पूरा मामला रखा है. जिसपर गुरुवार को जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष, पर्चेली सरपंच, जनपद सदस्य के साथ सैकड़ों ग्रामीणों ने घटना स्थल का मुआयना किया.

आधार कार्ड भी दिखाया था
मृतक के परिजन के साथ ग्रामीणों और जिला पंचायत सदस्य ने बताया कि खेत में खड़ी धान की फसल की दोनों रखवाली कर रहे थे. जिन्हें जवानों ने पकड़ा और नक्सली बताकर अपने साथ ले जाने लगे. इस दौरान मृतक की मां ने जवानों को आधार कार्ड भी दिखाया, लेकिन जवानों ने उनकी एक नहीं सुनी.

आ रही थी गोलियों की आवाज
ग्रामीणों का कहना है कि जवानों ने लखमा मंडावी और हिड़मा मंडावी की आंखों पर गमछा बांध दिया. इसके बाद जवानों ने देनों को कीदकोत की पहाड़ियों की तरफ ले गये. जहां ये खबर आई कि जवानों ने दोनों को गोली मार दी है. ग्रामीणों ने बताया कि इस दौरान उन्होंने गोलियां चलने की आवाज सुनी थी. ग्रामीणों का कहना है कि ये मुठभेड़ फर्जी है और इसकी जांच होनी चाहिए. ग्रामीणों ने इसे लेकर कोर्ट जाने का भी फैसला लिया है.

पढ़ें -दंतेवाड़ा: 1-1 लाख के दो इनामी नक्सली ढेर, दो भरमार बंदूक के साथ IED बरामद

SP ने दोनों को बताया था नक्सली
SP अभिषेक पल्लव ने मुठभेड़ के बाद जानकारी दी थी कि, दोनों मृतक कटेकल्याण एलजीएस के सदस्य थे और दोनो पर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित था. जिन्हें DRG की टीम ने मुठभेड़ में मार गिराया.

Intro:दो लोंगो को मार दिया,वो नक्सली नहीं किसान थे
- सर्व आदिवासी समाज से कहा ग्रामीणों ने, खेत की रखवाली कर रहे थे लखमा व हिड़मा
- पेड़ो पर दिखे गोलियों के निशान, मुनगा मुठभेड़ की सत्यता जब परखने ग्रामीण पहुंचे कीदकोत के जंगल
- कथित मुठभेड़ की जांच के बाद लिया फैसला, कोर्ट ले जाएंगे मामले को

दंतेवाड़ा। मंगलवार को डीआरजी के जवानों के साथ मुनगा के जंगलो में हुई मुठभेड़ को ग्रामीण फर्जी बात रहे है। बुधवार को परिजनों ने जिला मुख्यालय पहुँचकर मुठभेड़ में मारे गये कथित नक्सली लखमा मंडावी और हिड़मा मंडावी के शव लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा पुलिस ने खेत से पकड़ कर मार डाला। परिजन ने बात को आदिवासी समाज का दरवाजा खटखटाया। गुरुवार को कटेकल्यान से लगभग १५ किलोमीटर दूर जंगलो में बसे बड़ेगादम गांव तक जिला पंचायत सदस्य भीमसेन, जनपद अध्यक्ष चमन कुंजाम, पर्चेली सरपंच लखन,जनपद सदस्य सोमडू मंडावी के साथ सैकड़ो ग्रामीण घटना स्थल गए। ग्रामीणों ने परिजन के साथ मिलकर पूरी घटना का खुलासा किया। जिला पंचायत सदस्य भीमसेन मंडावी ने बताया कि खेत में खड़ी धान की फसल की दोनों रखवाली कर रहे थे। जिन्हें जवानों ने पकड़ा और नक्सली बता कर अपने साथ ले जाने लगे। मृतक की माँ आधारकार्ड लेकर आई और जवानों को दिखाया। लेकिन जवानों ने उनकी एक नही सुनी। खेत की तरफ दौड़े। ग्रामीणों का कहना है लखमा मंडावी और हिड़मा मंडावी की आंखों मे गमछा बांध दिया। इसके बाद कीदकोत की पहाड़ियों की तरफ ले गये। जब तक ये खबर गांव तक आई, जवानों ने दिनों को गोली मार दी। वहां सिर्फ गोलियां चलने की आवाज सुनाई दे रही थी। यह पूरी तरह से फर्जी मुठभेड़ है। इस मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे।

Body:जांच दल को मचान और घटना स्थल भी दिखाया
ग्रामीणों ने जांच दल को उन खेतो को भी दिखाया जिस खेत पर दोनों रखवाली कर लाड़ी में रुके थे। साथ ही जिस जगह घटना हुई वहाँ १६-१७ राउंड गोलियों के खाली खोखे मिले। पेड़ो पर 3 जगह निशान के साथ जमीन में बिखरा खून नजर आया।Conclusion:Vis
Byt जिला पंचायत सदस्य, व जांच दल के सदस्य
भीमसेन मंडावी
Last Updated : Nov 8, 2019, 9:03 PM IST
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