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वन धन विकास योजना से समृद्ध हो रहा दंतेवाड़ा - छत्तीसगढ़ की बड़ी खबरें

दंतेवाड़ा में वन धन विकास योजना से समूहों से जुड़ी महिलाओं के जीवनस्तर में काफी सुधार आया है. समूह से जुड़ी करीब 3000 महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है.

Van Dhan Vikas Yojana in Dantewada
दंतेवाड़ा में वन धन विकास योजना
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Published : May 23, 2022, 10:05 AM IST

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला वन जैव विविधता के दृष्टिकोण से काफी समृद्ध है. इमली, महुआ फूल, तेंदूपत्ता के अतिरिक्त उच्च गुणवत्ता के कई अन्य लघु वनोपज भी यहां पाये जाते हैं. यहां के निवासियों के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन कृषि और वन है. लघु वनोपज के संग्रहण, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से साल 2019-20 से वन धन विकास योजना संचालित है. जिसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के महिला स्व-सहायता समूहों संग्राहकों से लघु वनोपज का संग्रहण, प्राथमिक प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन कर उनकी आय बढ़ानी है.

Van Dhan Vikas Yojana in Dantewada
आत्मनिर्भर बनी समूह की महिलाएं


दंतेवाड़ा में स्व सहायता समूहों को मिल रहा लाभ: दंतेवाड़ा में वन धन विकास योजना से क्षेत्र के सैकड़ों जनजातीय लोगों को रोजगार मिल रहा है. वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने वाले इस योजना से जनजातीय लोगों की आय और आजीविका में सुधार हो रहा है. समूह की महिलाओं के जीवन में बदलाव देखने को मिल रहा है. जिला यूनियन अंतर्गत लघु वनोपज संग्रहण के लिए 14 संग्रहण केन्द्र हाट बाजार और 7 वन धन विकास केन्द्र लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र के लिए हर संग्रहण केन्द्र को 5 लाख रुपये और वन धन केन्द्र के लिए 19.06 लाख रुपये राशि स्वीकृत कर वर्कशेड और गोदाम का निर्माण कराया गया है.

सीएम भूपेश बघेल के दंतेवाड़ा दौरे का मिनट टू मिनट शेड्यूल

Van Dhan Vikas Yojana in Dantewada
वनोपज की बिक्री से मिल रहा लाभ

समूहों के 3000 सदस्यों को मिला रोजगार: क्षेत्र के 257 महिला स्व-सहायता समूहों के लगभग 3000 सदस्य विभिन्न स्तरों (संग्रहण स्तर-ग्राम एवं हाट बाजार, प्रसंस्करण स्तर-वन धन विकास केन्द्र) में लघु वनोपज का संग्रहण और प्रसंस्करण कर रोजगार का लाभ ले रहे हैं. इन वन धन केंद्रों में तैयार उत्पाद बाजार में बेचे जा रहे हैं. इस योजना की खास बात ये है कि बिक्री से मिलने वाले सभी लाभ सीधे तौर पर जनजातीय उद्यमियों को जाते हैं. क्षेत्र के ग्रामीण एवं महिलाएं वन धन विकास योजना से लाभ लेकर काफी खुश हैं.

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला वन जैव विविधता के दृष्टिकोण से काफी समृद्ध है. इमली, महुआ फूल, तेंदूपत्ता के अतिरिक्त उच्च गुणवत्ता के कई अन्य लघु वनोपज भी यहां पाये जाते हैं. यहां के निवासियों के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन कृषि और वन है. लघु वनोपज के संग्रहण, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से साल 2019-20 से वन धन विकास योजना संचालित है. जिसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के महिला स्व-सहायता समूहों संग्राहकों से लघु वनोपज का संग्रहण, प्राथमिक प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन कर उनकी आय बढ़ानी है.

Van Dhan Vikas Yojana in Dantewada
आत्मनिर्भर बनी समूह की महिलाएं


दंतेवाड़ा में स्व सहायता समूहों को मिल रहा लाभ: दंतेवाड़ा में वन धन विकास योजना से क्षेत्र के सैकड़ों जनजातीय लोगों को रोजगार मिल रहा है. वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने वाले इस योजना से जनजातीय लोगों की आय और आजीविका में सुधार हो रहा है. समूह की महिलाओं के जीवन में बदलाव देखने को मिल रहा है. जिला यूनियन अंतर्गत लघु वनोपज संग्रहण के लिए 14 संग्रहण केन्द्र हाट बाजार और 7 वन धन विकास केन्द्र लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र के लिए हर संग्रहण केन्द्र को 5 लाख रुपये और वन धन केन्द्र के लिए 19.06 लाख रुपये राशि स्वीकृत कर वर्कशेड और गोदाम का निर्माण कराया गया है.

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वनोपज की बिक्री से मिल रहा लाभ

समूहों के 3000 सदस्यों को मिला रोजगार: क्षेत्र के 257 महिला स्व-सहायता समूहों के लगभग 3000 सदस्य विभिन्न स्तरों (संग्रहण स्तर-ग्राम एवं हाट बाजार, प्रसंस्करण स्तर-वन धन विकास केन्द्र) में लघु वनोपज का संग्रहण और प्रसंस्करण कर रोजगार का लाभ ले रहे हैं. इन वन धन केंद्रों में तैयार उत्पाद बाजार में बेचे जा रहे हैं. इस योजना की खास बात ये है कि बिक्री से मिलने वाले सभी लाभ सीधे तौर पर जनजातीय उद्यमियों को जाते हैं. क्षेत्र के ग्रामीण एवं महिलाएं वन धन विकास योजना से लाभ लेकर काफी खुश हैं.

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