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Tribals Padyatra Starts For Reservation: आरक्षण के लिए सर्वआदिवासी समाज की पदयात्रा शुरू, सीएम और राज्यपाल से करेंगे मुलाकात

छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर गतिरोध जारी है. सोमवार को मां दंतेश्वरी की पूजा अर्चना कर सर्वआदिवासी समाज ने रायपुर के लिए पदयात्रा शुरू की है. इस पदयात्रा में दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर के लोग शामिल हैं. रायपुर पहुंचने के बाद सर्वआदिवासी समाज राज्यपाल और सीएम से मुलाकात करेंगे.Padyatra of sarv adivasi samaj

Tribals Padyatra Started For Reservation
आरक्षण के लिए सर्वआदिवासी समाज की पदयात्रा
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Published : Jan 30, 2023, 8:35 PM IST

आरक्षण के लिए सर्वआदिवासी समाज की पदयात्रा

दंतेवाड़ा: इस पदयात्रा में सुकमा से आए सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के प्रदेश अध्यक्ष कुंदन सिंह और अनुसूचित जनजाति आयोग सदस्य गणेश सिंह मौजूद रहे. इस मौके पर उन्होेंने कहा कि "32% आरक्षण बिल राज्यपाल के पास लंबित है. उसे जल्दी स्वीकृत करने की मांग की है. सभी आदिवासी मां दंतेश्वरी से आशीर्वाद लेकर पैदल रायपुर के लिए रवाना होंगे और अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल भवन का घेराव करेंगे. आदिवासियों की ये टोली रोजाना 25 किलोमीटर का सफर तय करेगी और 12 से 15 दिन में रायपुर पहुंचेगी. प्रदेश भर के आदिवासी बड़ा आंदोलन करेंगे. इन आंदोलनकारियों के हाथों में आदिवासी समाज का झंडा नहीं बल्कि तिरंगा झंडा देखने को मिला.

आरक्षण के लिए पदयात्रा में जगह जगह से जुड़ेंगे लोग: सर्व आदिवासी समाज के सुरेश कर्मा ने बताया कि "32 फीसदी आरक्षण लागू नहीं होने के कारण आदिवासी युवाओं को कई परेशानियों को झेलना पड़ रहा है. कई वैकेंसी नहीं निकल पाई है. जिसका सीधा सीधा लाभ युवा पीढ़ी को नहीं मिल रहा है. जिसको देखते हुए सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले सभी समाज के लोग इस पदयात्रा में जगह जगह से जुड़ेंगे और यह पदयात्रा बड़ा आंदोलन का स्वरूप लेते हुए रायपुर में अपना शक्ति प्रदर्शन करेगी. 32 परसेंट आरक्षण जल्द से जल्द लागू नहीं होता तो आने वाले समय में हम सरकार के विरुद्ध चक्का जाम धरना प्रदर्शन करेंगे."

यह भी पढ़ें: cm bhupesh again attacks governor: 'कर्नाटक में हस्ताक्षर, तो छत्तीसगढ़ में तकलीफ क्यों', आरक्षण संशोधन विधेयक पर फिर लाल हुए सीएम भूपेश

पहले भी हो चुका है आंदोलन: रायपुर की सड़क पर करीब 5 घंटे तक आदिवासी समुदाय के लोगों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया. आरक्षण के मसले पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बैनर तले धरना दिया गया. इसके बाद बड़ी तदाद में आदिवासी प्रदर्शनकारी जुलूस निकालकर CM आवास घेरने निकले. पुलिस ने इन्हें रोक दिया. प्रदर्शनकारी बैरीकेड पर चढ़कर लाठियां चलाने लगे.

भाजपा सरकार ने साल 2012 में अधिसूचना जारी कर आरक्षण का दायरा बढ़ाते हुए ST को 32 फीसदी, SC को 12 और OBC वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था. प्रदेश में आरक्षण 50% से बढ़ाकर 58% करने के लिए कोर्ट में भाजपा सरकार ने सही समय पर तथ्य प्रस्तुत नहीं किए थे. 58% आरक्षण का फैसला रद्द हुआ. अभी राज्यपाल के पास आरक्षण बिल लंबित है.

आरक्षण के लिए सर्वआदिवासी समाज की पदयात्रा

दंतेवाड़ा: इस पदयात्रा में सुकमा से आए सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के प्रदेश अध्यक्ष कुंदन सिंह और अनुसूचित जनजाति आयोग सदस्य गणेश सिंह मौजूद रहे. इस मौके पर उन्होेंने कहा कि "32% आरक्षण बिल राज्यपाल के पास लंबित है. उसे जल्दी स्वीकृत करने की मांग की है. सभी आदिवासी मां दंतेश्वरी से आशीर्वाद लेकर पैदल रायपुर के लिए रवाना होंगे और अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल भवन का घेराव करेंगे. आदिवासियों की ये टोली रोजाना 25 किलोमीटर का सफर तय करेगी और 12 से 15 दिन में रायपुर पहुंचेगी. प्रदेश भर के आदिवासी बड़ा आंदोलन करेंगे. इन आंदोलनकारियों के हाथों में आदिवासी समाज का झंडा नहीं बल्कि तिरंगा झंडा देखने को मिला.

आरक्षण के लिए पदयात्रा में जगह जगह से जुड़ेंगे लोग: सर्व आदिवासी समाज के सुरेश कर्मा ने बताया कि "32 फीसदी आरक्षण लागू नहीं होने के कारण आदिवासी युवाओं को कई परेशानियों को झेलना पड़ रहा है. कई वैकेंसी नहीं निकल पाई है. जिसका सीधा सीधा लाभ युवा पीढ़ी को नहीं मिल रहा है. जिसको देखते हुए सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले सभी समाज के लोग इस पदयात्रा में जगह जगह से जुड़ेंगे और यह पदयात्रा बड़ा आंदोलन का स्वरूप लेते हुए रायपुर में अपना शक्ति प्रदर्शन करेगी. 32 परसेंट आरक्षण जल्द से जल्द लागू नहीं होता तो आने वाले समय में हम सरकार के विरुद्ध चक्का जाम धरना प्रदर्शन करेंगे."

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पहले भी हो चुका है आंदोलन: रायपुर की सड़क पर करीब 5 घंटे तक आदिवासी समुदाय के लोगों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया. आरक्षण के मसले पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बैनर तले धरना दिया गया. इसके बाद बड़ी तदाद में आदिवासी प्रदर्शनकारी जुलूस निकालकर CM आवास घेरने निकले. पुलिस ने इन्हें रोक दिया. प्रदर्शनकारी बैरीकेड पर चढ़कर लाठियां चलाने लगे.

भाजपा सरकार ने साल 2012 में अधिसूचना जारी कर आरक्षण का दायरा बढ़ाते हुए ST को 32 फीसदी, SC को 12 और OBC वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था. प्रदेश में आरक्षण 50% से बढ़ाकर 58% करने के लिए कोर्ट में भाजपा सरकार ने सही समय पर तथ्य प्रस्तुत नहीं किए थे. 58% आरक्षण का फैसला रद्द हुआ. अभी राज्यपाल के पास आरक्षण बिल लंबित है.

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