दंतेवाड़ा: शीर्ष नक्सली लीडर गणेश उइके के लिए सामान सप्लाई करने वाले तीन लाख के इनामी नक्सली ने शनिवार को पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया. इसके साथ ही सीएनएम कमांडर ने भी पुलिस के आगे समर्पण किया. एसपी अभिषेक पल्लव ने दोनों समर्पण करने वाले नक्सलियों को दस-दस हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि सौंपी.
पिछले दो दशक से नक्सल संगठन के लिए काम करने वाले 38 वर्ष के हिड़मा पिता पांडू मंडावी ने शनिवार को आत्मसमर्पण किया. वह नक्सल लीडरों के लिए विस्फोटक और सामान पहुंचाता था. संगठन के उच्च पदस्थ नक्सलियों से अच्छे संबंध के चलते ओहदे में बड़े लीडर भी उसकी इज्जत करते थे. लेकिन पिछले दिनों नक्सलियों को उस पर शक हुआ. लीडरों ने उस पर पुलिस मुखबिर का ठप्पा लगाते हुए रस्सी से बांधकर पिटाई कर दी. इसके बाद उसे जान का खतरा बना रहा. अंत में मौका देखकर वह वहां से भागकर पुलिस के शरण में आया.
गणेश उइके ने बनाया था सप्लाई टीम का सदस्य
उसने बताया कि 1997-98 में नक्सल संगठन से जुड़ा था. 2001 में मिलिशिया प्लाटून में काम किया. इसके बाद 2006 में जनताना सरकार और किसान विकास कमेटी अध्यक्ष बनाया गया. 2017 में स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य गणेश उइके के कहने पर सप्लाई टीम में आया. इसी दौरान विस्फोटक और वर्दी खरीदते पकड़ा गया था. तीन महीने जेल में भी रहा.
रिहाई के बाद फिर से संगठन से जुड़ा रहा. लेकिन कुछ दिन पहले संगठन के बड़े लीडर उसे पुलिस मुखबिर कहकर प्रताड़ित करने लगे. इतना ही नहीं जान से मारने का फरमान भी जारी किया गया. इसलिए वह भागकर पुलिस के शरण में आ गया.
लीडर के मरने के बाद खुद को असुरक्षित पाया
आत्समर्पित करने वाले दूसरा नक्सली चेतना नाट्य मंडली का सदस्य मंगू है. वह कमांडर हेमला शंकर उर्फ देवा के कहने से संगठन में शामिल हुआ था. लेकिन पिछले दिनों गुमियापाल मुठभेड़ में हेमला शंकर मारा गया. इसके बाद उसे डर सताने लगा, इस वजह से उसने संगठन को तौबा कर दिया.