दंतेवाड़ा: सरकार नक्सल प्रभावित इलाकों के लोगों को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. बस्तर में स्थानीय कैडर के नक्सलियों को समाज से जोड़ने के लिए लोन वर्राटू अभियान चला रही है, जिसका असर देखने को मिल रहा है. इसके तहत अब तक 65 से ज्यादा नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं. अब ये नक्सली क्षेत्र के विकास कार्य में पुलिस की मदद कर रहे हैं. ऐसे ही दंतेवाड़ा में देखने को मिला जहां झिरका से बासनपुर तक सड़क निर्माण का काम आत्मसमर्पण कर डीआरजी ज्वॉइन कर चुके नक्सली कर रहे हैं.
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झिरका से बासनपुर तक सड़क बनाते वक्त कभी नक्सली आगजनी करते थे, जिसकी वजह से रोड निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो पा रहा था. आज वही नक्सली सड़क की सुरक्षा में लगे हुए हैं. कड़ी सुरक्षा की गारंटी मिलने के बाद सड़क निर्माण का काम किया जा रहा है. इस निर्माण कार्य में डीआरजी और सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं. ये डीआरजी जवान और कोई नहीं बल्कि सरेंडर करने वाले नक्सली हैं.
लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को रोजगार दिलाने की दिशा में पुलिस कार्य कर रही है. इसके तहत कृषि के लिए उन्हें आवश्यक उपकरण भी दिए जा रहे हैं. आपको कुछ पिछले मामले बताते हैं.
- 2014 में कांकेर के मोहला में 40 करोड़ की लागत से सड़क निर्माण के लिए टेंडर निकाला गया था. जिसके तहत परतापपुर से कोयलीबेड़ा के लिए 32 किलोमीटर सड़क निर्माण होना था, नक्सलियों की मौजूदगी की वजह से काम रुक गया. 2018 में उसी सड़क निर्माण के लिए 54 करोड़ 97 लाख रुपये का टेंडर जारी किया गया. जहां जवानों की तैनाती की गई थी, 6 जवानों ने शहादत देकर सड़क की रक्षा की.
- राजनांदगांव के धुर नक्सल इलाके के पारडी और परवीडीह गांव के बीच सेतु निर्माण के काम में लगे निजी कंट्रक्शन कंपनी की गाड़ियों और मशीनों को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया. इसमें 1 पोकलेन, 2 मिक्सचर मशीन, एक हाइवा सहित पांच मशीन और दो गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था.
- सुकमा जिले के पालोड़ी इलाके से नक्सलियों और ग्रामीणों के मूवमेंट का ड्रोन वीडियो सामने आया था. इस ड्रोन वीडियो में बड़ी संख्या में लोग पालोड़ी इलाके के घने जंगल को पार करते हुए नजर आ रहे थे. बस्तर के इलाके में बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ नक्सली सड़क खोदने पहुंचे हुए थे.
ऐसे में दंतेवाड़ा से आई ये तस्वीर सकारात्मक संदेश देती है कि शायद बस्तर की तस्वीर बदल सके.