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विश्व आदिवासी दिवस के दिन दो नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में किया सरेंडर - नक्सलियों का समर्पण

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर दो नक्सलियों ने समर्पण किया है. जिसमें से एक नक्सली इनामी नक्सली रहा है.

Naxalite surrender
नक्सली का समर्पण
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Published : Aug 9, 2021, 4:55 PM IST

दंतेवाड़ा: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर 'घर वापस आइये' अभियान के तहत एक इनामी नक्सली समेत दो नक्सलियों ने समर्पण किया है. दोनों नक्सलियों ने एसपी अभिषेक पल्लव के समक्ष समर्पण किया. जानकारी के मुताबिक नक्सली लखेन्द्र कुंजाम और भीमा मरकाम, जनमिलिशिया कमांडर गैंग के सदस्य थे. दोनों नक्सलियों के ऊपर रोड खोदने, IED लगाने, बैनर- पोस्टर लगाने जैसे अन्य वारदातों में शामिल पर मामले दर्ज थे. इस अभियान के तहत 104 इनामी नक्सली सहित 400 माओवादियों ने किया समर्पण.

लगातार केंद्र और राज्य सरकार आपसी समन्वय बैठाकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नये पुलिस कैंप खोलने का काम कर रही है. जिससे ग्रामीणों में भी नक्सलियों का दहशत कम हुआ है. यही वजह है कि ग्रामीण अब नक्सलियों का साथ नहीं दे रहे हैं और पुलिस को नक्सलियों के बंद के दौरान सफलता भी हाथ लग रही है.

नक्सलियों के लिए कोरोना बना 'काल', IG ने किए कई बड़े खुलासे, सरेंडर की अपील

इससे पहले भी शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली स्मारक बनाने के साथ ग्रामीणों की बैठक ले रहे हैं. इसे देखते हुए पुलिस इन क्षेत्रों में भी सर्च ऑपरेशन चला रही है. साथ ही पुलिस ने ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के स्मारक को भी ध्वस्त करने का काम किया था. पुलिस की त्रिवेणी योजना पिछले कुछ सालों से कारगर साबित हो रही है और आगामी दिनों में भी धीरे-धीरे ग्रामीणों के मन से नक्सलियों का दहशत कम होगा और बस्तर में नक्सली संगठन को कमजोर बनाने में पुलिस कामयाब होगी.

दंतेवाड़ा: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर 'घर वापस आइये' अभियान के तहत एक इनामी नक्सली समेत दो नक्सलियों ने समर्पण किया है. दोनों नक्सलियों ने एसपी अभिषेक पल्लव के समक्ष समर्पण किया. जानकारी के मुताबिक नक्सली लखेन्द्र कुंजाम और भीमा मरकाम, जनमिलिशिया कमांडर गैंग के सदस्य थे. दोनों नक्सलियों के ऊपर रोड खोदने, IED लगाने, बैनर- पोस्टर लगाने जैसे अन्य वारदातों में शामिल पर मामले दर्ज थे. इस अभियान के तहत 104 इनामी नक्सली सहित 400 माओवादियों ने किया समर्पण.

लगातार केंद्र और राज्य सरकार आपसी समन्वय बैठाकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नये पुलिस कैंप खोलने का काम कर रही है. जिससे ग्रामीणों में भी नक्सलियों का दहशत कम हुआ है. यही वजह है कि ग्रामीण अब नक्सलियों का साथ नहीं दे रहे हैं और पुलिस को नक्सलियों के बंद के दौरान सफलता भी हाथ लग रही है.

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इससे पहले भी शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली स्मारक बनाने के साथ ग्रामीणों की बैठक ले रहे हैं. इसे देखते हुए पुलिस इन क्षेत्रों में भी सर्च ऑपरेशन चला रही है. साथ ही पुलिस ने ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के स्मारक को भी ध्वस्त करने का काम किया था. पुलिस की त्रिवेणी योजना पिछले कुछ सालों से कारगर साबित हो रही है और आगामी दिनों में भी धीरे-धीरे ग्रामीणों के मन से नक्सलियों का दहशत कम होगा और बस्तर में नक्सली संगठन को कमजोर बनाने में पुलिस कामयाब होगी.

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