दंतेवाड़ा: एसपी अभिषेक पल्लव ने दावा किया था कि 15 दिन पहले बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर नक्सलियों के गंगालूर क्षेत्र में बड़ी मीटिंग करने की सूचना मिली थी. जिसमें 400 से 500 नक्सली जमा हुए थे. जिसके बाद से नक्सलियों में फूड पॉइजनिंग और कोरोना संक्रमण की बात सामने आई थी. एसपी ने दावा किया था कि कोरोना संक्रमण की वजह से 10 नक्सलियों की मौत हुई है.
गंगालूर में मुठभेड़ के बाद एक पत्र बरामद हुआ है. यह नक्सलियों के बड़े कैडर के विकास ने सुजाता के लिए लिखा है. इस पत्र में यह भी बताया गया है कि बीमारी के संबंध में पिछली जोनल मीटिंग में चर्चा हुई थी. सभी को सावधान रहने को कहा गया था. लेकिन किसी ने इस बात को नहीं माना. पत्र में नक्सलियों ने अपने सात साथियों की मौत की बात को स्वीकारा है. नक्सलियों ने इसे कबूल किया है कि उनके सात साथियों की मौत कोरोना और फूड प्वॉइजनिंग से हुई है.
छत्तीसगढ़ः दंतेवाड़ा एसपी का दावा, कोरोना व फूड प्वाइजनिंग से 10 नक्सलियों की मौत
इसके साथ ही पत्र में बड़े नक्सलियों पर भी निशाना साधते हुआ कहा गया है कि जोनल कमेटी के सदस्य निचले कैडर तक सही जानकारी नहीं पहुंचाते हैं. डेढ़ साल से स्थाई नेतृत्व नहीं होने से महत्वपूर्ण निर्णय नहीं हो पा रहा है.
सरेंडर कराकर इलाज कराया जाएगा
इससे पहले दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने बयान जारी कर दावा किया था कि बस्तर में करीब 10 नक्सलियों की मौत कोरोना और फूड प्वाइजनिंग से हुई है. अब नक्सलियों के इस पत्र से इस बात की पुष्टि होती नजर आ रही है. नक्सलियों के पत्र को लेकर अब तक पुलिस से कोई जवाब नहीं आया है. दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने 11 मई को कहा था कि यदि नक्सली लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर करते हैं तो उनका कोरोना इलाज कराया जाएगा.