जगदलपुरः दंतेवाड़ा उपचुनाव के लिए बस्तर में पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात कर दिया गया है. बस्तर के IG विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि चुनाव आयोग से 60 कंपनियो की मांग की गई थी, जिसमें 55 कंपनियों को बस्तर भेजा गया है. सभी जवानों की दंतेवाड़ा के अदंरूनी क्षेत्रो में तैनाती कर दी गयी है. इसके अलावा चुनाव सम्पन्न करावाने के लिए 200 गाड़ियों की मांग की गई थी.
शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराना चुनौती
बस्तर IG विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि दंतेवाड़ा में 273 मतदान केंद्र बनाये गए हैं, जहां चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया जाना है. इन इलाकों में पोलिंग पार्टी को पंहुचाना और शांतिपूर्ण तरीके से मतदान करवाना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
अंदरूनी इलाको में तैनात है जवान
बस्तर IG ने बताया कि 2018 के विधानसभा और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रो में जमकर उत्पात मचाया था. इस उपचुनाव में भी नक्सली अपनी मौजूदगी का एहसास कराने के लिए छुटपुट वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इधर चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए अंदरूनी क्षेत्रों में पुलिस अभी से मुस्तैद हो गई है. बस्तर आईजी के अनुसार चुनाव के मद्देनजर इस बार बस्तर संभाग के साथ पड़ोसी राज्य ओडिशा में भी अलर्ट रहने को कहा गया है.
पिछले चुनावों में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर लिया था हिस्सा
पिछले चुनावों में जिस तरह सुरक्षा के बीच ग्रामीणों ने बढ़-चढकर अपने मत का प्रयोग किया था, इस बार भी बस्तर पुलिस की कोशिश है कि दंतेवाड़ा उपचुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया जाए. इसके लिए CRPF की 55 कंपनियों की तैनाती करने के साथ संभाग के CAF, STF, DAF, और DRG के जवानों को भी सुरक्षा की कमान सौंपी गई है.
बुलेट पर भारी पड़ेगा बैलेट: IG
IG ने कहा कि पिछले दो चुनावों को देखते हुए ग्रामीणों का भी पुलिस और लोकतंत्र के प्रति भरोसा बढ़ा है. इस बार भी पूरी उम्मीद है कि 23 सितंबर को होने वाले मतदान के लिए एक बार फिर से बुलेट पर बैलेट भारी पड़ेगा और दंतेवाडा की जनता बढ़-चढ़कर मतदान करेगी.
सेना की ईकाई को कहा जाता हैं कंपनी
जानकारी के मुताबिक सेना, पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की एक ईकाई कंपनी कहलाती है. इसमें 100 से 120 जवान होते हैं, वर्तमान में नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में BSF, CRPF और राज्य पुलिस के करीब 40,000 हजार बल तैनात हैं. ये सभी बस्तर संभाग के 7 जिलों में मोर्चे पर हैं. चुनाव के दौरान संभाग के 7 जिलों को अलर्ट रहने को कहा गया है ताकि नक्सली किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम न दे सकें.