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दंतेवाड़ा उपचुनावः छावनी में तब्दील दंतेवाड़ा, कड़ी सुरक्षा के बीच पड़ेंगे वोट - दंतेवाड़ा उपचुनाव

विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले के अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रो में जमकर उत्पात मचाया था. इसे देखते हुए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. उपचुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने 55 सुरक्षा कंपनियों की तैनाती की है.

उपचुनाव के मद्देनजर दंतेवाड़ा पहुंचा सुरक्षा अमला
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Published : Sep 21, 2019, 12:33 PM IST

Updated : Sep 21, 2019, 1:35 PM IST

जगदलपुरः दंतेवाड़ा उपचुनाव के लिए बस्तर में पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात कर दिया गया है. बस्तर के IG विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि चुनाव आयोग से 60 कंपनियो की मांग की गई थी, जिसमें 55 कंपनियों को बस्तर भेजा गया है. सभी जवानों की दंतेवाड़ा के अदंरूनी क्षेत्रो में तैनाती कर दी गयी है. इसके अलावा चुनाव सम्पन्न करावाने के लिए 200 गाड़ियों की मांग की गई थी.

शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराना चुनौती
बस्तर IG विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि दंतेवाड़ा में 273 मतदान केंद्र बनाये गए हैं, जहां चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया जाना है. इन इलाकों में पोलिंग पार्टी को पंहुचाना और शांतिपूर्ण तरीके से मतदान करवाना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

उपचुनाव के मद्देनजर दंतेवाड़ा पहुंचा सुरक्षा अमला

अंदरूनी इलाको में तैनात है जवान
बस्तर IG ने बताया कि 2018 के विधानसभा और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रो में जमकर उत्पात मचाया था. इस उपचुनाव में भी नक्सली अपनी मौजूदगी का एहसास कराने के लिए छुटपुट वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इधर चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए अंदरूनी क्षेत्रों में पुलिस अभी से मुस्तैद हो गई है. बस्तर आईजी के अनुसार चुनाव के मद्देनजर इस बार बस्तर संभाग के साथ पड़ोसी राज्य ओडिशा में भी अलर्ट रहने को कहा गया है.

पिछले चुनावों में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर लिया था हिस्सा
पिछले चुनावों में जिस तरह सुरक्षा के बीच ग्रामीणों ने बढ़-चढकर अपने मत का प्रयोग किया था, इस बार भी बस्तर पुलिस की कोशिश है कि दंतेवाड़ा उपचुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया जाए. इसके लिए CRPF की 55 कंपनियों की तैनाती करने के साथ संभाग के CAF, STF, DAF, और DRG के जवानों को भी सुरक्षा की कमान सौंपी गई है.

बुलेट पर भारी पड़ेगा बैलेट: IG
IG ने कहा कि पिछले दो चुनावों को देखते हुए ग्रामीणों का भी पुलिस और लोकतंत्र के प्रति भरोसा बढ़ा है. इस बार भी पूरी उम्मीद है कि 23 सितंबर को होने वाले मतदान के लिए एक बार फिर से बुलेट पर बैलेट भारी पड़ेगा और दंतेवाडा की जनता बढ़-चढ़कर मतदान करेगी.

सेना की ईकाई को कहा जाता हैं कंपनी
जानकारी के मुताबिक सेना, पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की एक ईकाई कंपनी कहलाती है. इसमें 100 से 120 जवान होते हैं, वर्तमान में नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में BSF, CRPF और राज्य पुलिस के करीब 40,000 हजार बल तैनात हैं. ये सभी बस्तर संभाग के 7 जिलों में मोर्चे पर हैं. चुनाव के दौरान संभाग के 7 जिलों को अलर्ट रहने को कहा गया है ताकि नक्सली किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम न दे सकें.

जगदलपुरः दंतेवाड़ा उपचुनाव के लिए बस्तर में पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात कर दिया गया है. बस्तर के IG विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि चुनाव आयोग से 60 कंपनियो की मांग की गई थी, जिसमें 55 कंपनियों को बस्तर भेजा गया है. सभी जवानों की दंतेवाड़ा के अदंरूनी क्षेत्रो में तैनाती कर दी गयी है. इसके अलावा चुनाव सम्पन्न करावाने के लिए 200 गाड़ियों की मांग की गई थी.

शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराना चुनौती
बस्तर IG विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि दंतेवाड़ा में 273 मतदान केंद्र बनाये गए हैं, जहां चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया जाना है. इन इलाकों में पोलिंग पार्टी को पंहुचाना और शांतिपूर्ण तरीके से मतदान करवाना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

उपचुनाव के मद्देनजर दंतेवाड़ा पहुंचा सुरक्षा अमला

अंदरूनी इलाको में तैनात है जवान
बस्तर IG ने बताया कि 2018 के विधानसभा और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रो में जमकर उत्पात मचाया था. इस उपचुनाव में भी नक्सली अपनी मौजूदगी का एहसास कराने के लिए छुटपुट वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इधर चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए अंदरूनी क्षेत्रों में पुलिस अभी से मुस्तैद हो गई है. बस्तर आईजी के अनुसार चुनाव के मद्देनजर इस बार बस्तर संभाग के साथ पड़ोसी राज्य ओडिशा में भी अलर्ट रहने को कहा गया है.

पिछले चुनावों में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर लिया था हिस्सा
पिछले चुनावों में जिस तरह सुरक्षा के बीच ग्रामीणों ने बढ़-चढकर अपने मत का प्रयोग किया था, इस बार भी बस्तर पुलिस की कोशिश है कि दंतेवाड़ा उपचुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया जाए. इसके लिए CRPF की 55 कंपनियों की तैनाती करने के साथ संभाग के CAF, STF, DAF, और DRG के जवानों को भी सुरक्षा की कमान सौंपी गई है.

बुलेट पर भारी पड़ेगा बैलेट: IG
IG ने कहा कि पिछले दो चुनावों को देखते हुए ग्रामीणों का भी पुलिस और लोकतंत्र के प्रति भरोसा बढ़ा है. इस बार भी पूरी उम्मीद है कि 23 सितंबर को होने वाले मतदान के लिए एक बार फिर से बुलेट पर बैलेट भारी पड़ेगा और दंतेवाडा की जनता बढ़-चढ़कर मतदान करेगी.

सेना की ईकाई को कहा जाता हैं कंपनी
जानकारी के मुताबिक सेना, पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की एक ईकाई कंपनी कहलाती है. इसमें 100 से 120 जवान होते हैं, वर्तमान में नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में BSF, CRPF और राज्य पुलिस के करीब 40,000 हजार बल तैनात हैं. ये सभी बस्तर संभाग के 7 जिलों में मोर्चे पर हैं. चुनाव के दौरान संभाग के 7 जिलों को अलर्ट रहने को कहा गया है ताकि नक्सली किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम न दे सकें.

Intro:जगदलपुर। बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाडा जिले मे होने वाले उपचुनाव के लिए बस्तर मे पैरामिलट्री फोर्स को तैनात कर दिया गया है। बस्तर के आईजी विवेकानंद सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव आयोग से 60 कंपनियो की मांग की गई थी जिसमे 55 कंपनियो को बस्तर भेजा गया है और सभी जवानो की दंतेवाडा के अदंरूनी क्षेत्रो मे तैनाती भी कर दी गयी है। इसके अलावा चुनाव सम्पन्न करावाने के लिए 200 वाहनो की आवश्यकता भी बताई गई है।  बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि दंतेवाडा मे  273  मतदान केन्द्र बनाये गये है, जंहा चुनाव के दौरान  बडी संख्या मे सुरक्षाबलो को तैनात किया जाना है, इन इलाको मे पोलिगं पार्टी को पंहुचाना और शांतिपूर्ण तरीके से मतदान करवाना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।


Body:बस्तर आईजी ने बताया कि 2018 विधानसभा और 2019 मे हुए लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियो ने दंतेवाडा जिले मे अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्रो मे जमकर उत्पात मचाया था,और इस उपचुनाव मे भी नक्सली अपनी मौजुदगी दिखाकर छुटमुट वारदातो को अंजाम भी दे रहे है, इधर चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने के लिए अभी से अंदरूनी क्षेत्रो मे पुलिस ऑपरेशन चलाकर मुस्तैद हो गई है, बस्तर आईजी के अनुसार चुनाव के मद्देनजर इस बार बस्तर संभाग के साथ ही पडौसी राज्य उडीसा मे भी अर्लट रहने को कहा गया है, जिस तरह से 2018 और 2019 के लोकसभा चुनाव मे सुरक्षा के बीच  ग्रामीणो ने बढचढकर अपने मत का प्रयोग किया था इस बार भी बस्तर पुलिस की कोशिश है कि दंतेवाडा उपचुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया जाये और इसके लिए सीआरपीएफ के 55 कंपनियो के तैनाती करने के साथ संभाग के सीएएफ, एसटीएफ डीएएफ और डीआरजी के जवानो को भी सुरक्षा की कमान सौंपी गई है।


Conclusion:आईजी ने कहा कि पिछले दो चुनावो को देखते हुए ग्रामीणो का भी पुलिस और लोकतंत्र के प्रति भरोसा बढा है। और इस बार भी पूरी उम्मीद है कि 23 सितंबर को होने वाले मतदान के लिए एक बार फिर से बुलैट पर बैलेट भारी पडेगा। और दंतेवाडा की जनता बढचढकर मतदान करेगी।जानकारी के मुताबिक सेना, पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलो की एक ईकाई कंपनी कहलाती है, इसमे सामान्यत 100 से 120 जवान होते है, वर्तमान मे नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर मे बीएसएफ, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के करीब 40,000 हजार बल तैनात है, ये सभी बस्तर संभाग के 7 जिलो मे मोर्चे पर है। और चुनाव के दौरान संभाग के 7 जिलो को अर्लट रहने को कहा गया है ताकि नक्सली किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम न दे सके।  
बाईट1- विवेकानंद सिन्हा, आईजी बस्तर

 

 
Last Updated : Sep 21, 2019, 1:35 PM IST
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