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एनकाउंटर पर सवाल: संतोष के परिजनों ने मुठभेड़ को बताया फर्जी, पुलिस पर लगाया हत्या का आरोप

पोरदेम के जंगलों में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ (police naxalite encounter) में मारे गए नक्सली संतोष मरकाम के परिजन अब इस मुठभेड़ को फर्जी बता रहे हैं. उनका आरोप है कि ये मुठभेड़ नहीं बल्कि हत्या है. परिजनों और ग्रामीणों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है.

police Naxalite encounter in dantewada
संतोष के परिजन
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Published : Jun 29, 2021, 7:19 PM IST

दंतेवाड़ा: पोरदेम के जंगलों (forest of pordem) में जवानों और नक्सलियों (naxalite encounter) के बीच 27 जून को मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में डीआरजी (DRG) जवानों ने पांच लाख के इनामी नक्सली संतोष मरकाम (Naxalite Santosh Markam) को मार गिराया था. इसकी पुष्टि दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव (Dantewada SP Abhishek Pallav) ने की थी. लेकिन संतोष के परिजन और ग्रामीण इस मुठभेड़ को फर्जी बता रहे हैं. उनका आरोप है कि ये मुठभेड़ नहीं हत्या है.

पुलिस पर ग्रामीणों का आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि संतोष मरकाम खेत में काम कर रहा था. तभी सर्चिंग पर निकली डीआरजी की टीम (DRG team) ने उसे पकड़ लिया. कुछ दूर जाने के बाद उसकी हत्या कर दी गई. अब पुलिस इसे मुठभेड़ बता रही है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर संतोष मरकाम नक्सली था तो उसे पकड़कर वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए थी. न कि उसका एनकाउंटर.

पुलिस प्रशासन पर परिवारवालों ने लगाए गंभीर आरोप

इस मामले को लेकर समाज सेविका सोनी सोरी (Soni Sori) ने भी पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पुलिस प्रशासन की डीआरजी टीम जब भी सर्चिंग पर निकलती है और नक्सलियों को मार गिराती है तो उसे मुठभेड़ बताती है. उनका कहना है कि अगर कोई नक्सली है तो उसे जेल में डालो. उसके खिलाफ वैधनिक कार्रवाई हो. लेकिन एनकाउंटर करना उचित नहीं है. इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सोनी सोरी ने ग्रामीणों के साथ मिलकर कलेक्टर को भी ज्ञापन सौंपा है.

दंतेवाड़ा मुठभेड़ में नीलावाया कांड का मास्टरमाइंड संतोष मरकाम ढेर, 5 लाख का था इनाम

27 जून को हुई थी घटना

DRG के जवानों और नक्सलियो के बीच 27 जून को पोरदेम के जंगलों में 1 घंटे तक मुठभेड़ चली थी. जिसमें पुलिस का दावा है कि उन्होंने 5 लाख के एक इनामी नक्सली को मार गिराया है. इसकी पुष्टि खुद एसपी अभिषेक पल्लव ने की थी.

25 से ज्यादा मामले थे दर्ज

घटनास्थल से पुलिस ने एक पिस्टल, पिट्ठू और अन्य नक्सल सामग्री बरामद की है. मृत नक्सली की शिनाख्त मलंगर एरिया कमेटी मेंबर संतोष मरकाम के रूप में हुई थी. बताया जा रहा है कि संतोष मरकाम पर 5 लाख रुपये का इनाम भी घोषित था. पुलिस के मुताबिक अरनपुर थाने में उसके खिलाफ 25 से ज्यादा मामले दर्ज थे. इसके अलावा साल 2018 के विधानसभा चुनाव के समय भी वो कोई घटनाओं में शामिल था.

नीलावाया घटना में शामिल था संतोष

एसपी के मुताबिक कोटेम और नीलावाया (Nilawaya Naxalite incident) के जंगलों में बड़े नक्सली लीडर्स के होने की सूचना पुलिस को मिली थी. सूचना मिलने के बाद डीआरजी की टीम सर्चिंग के लिए निकली हुई थी. इस दौरान जवानों का सामना नक्सलियों से हो गया. दोनों तरफ से फायरिंग के दौरान जवानों ने एक नक्सली को मार गिराया. जवानों ने घटना स्थल से नक्सली का शव भी बरामद कर लिया था. पुलिस का दावा है कि नीलावाया की घटना को नक्सली संतोष मरकाम ने अंजाम दिया था. जिसमें दूरदर्शन का एक कैमरा मैन शहीद हो गया था.

दंतेवाड़ा: पोरदेम के जंगलों (forest of pordem) में जवानों और नक्सलियों (naxalite encounter) के बीच 27 जून को मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में डीआरजी (DRG) जवानों ने पांच लाख के इनामी नक्सली संतोष मरकाम (Naxalite Santosh Markam) को मार गिराया था. इसकी पुष्टि दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव (Dantewada SP Abhishek Pallav) ने की थी. लेकिन संतोष के परिजन और ग्रामीण इस मुठभेड़ को फर्जी बता रहे हैं. उनका आरोप है कि ये मुठभेड़ नहीं हत्या है.

पुलिस पर ग्रामीणों का आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि संतोष मरकाम खेत में काम कर रहा था. तभी सर्चिंग पर निकली डीआरजी की टीम (DRG team) ने उसे पकड़ लिया. कुछ दूर जाने के बाद उसकी हत्या कर दी गई. अब पुलिस इसे मुठभेड़ बता रही है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर संतोष मरकाम नक्सली था तो उसे पकड़कर वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए थी. न कि उसका एनकाउंटर.

पुलिस प्रशासन पर परिवारवालों ने लगाए गंभीर आरोप

इस मामले को लेकर समाज सेविका सोनी सोरी (Soni Sori) ने भी पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पुलिस प्रशासन की डीआरजी टीम जब भी सर्चिंग पर निकलती है और नक्सलियों को मार गिराती है तो उसे मुठभेड़ बताती है. उनका कहना है कि अगर कोई नक्सली है तो उसे जेल में डालो. उसके खिलाफ वैधनिक कार्रवाई हो. लेकिन एनकाउंटर करना उचित नहीं है. इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सोनी सोरी ने ग्रामीणों के साथ मिलकर कलेक्टर को भी ज्ञापन सौंपा है.

दंतेवाड़ा मुठभेड़ में नीलावाया कांड का मास्टरमाइंड संतोष मरकाम ढेर, 5 लाख का था इनाम

27 जून को हुई थी घटना

DRG के जवानों और नक्सलियो के बीच 27 जून को पोरदेम के जंगलों में 1 घंटे तक मुठभेड़ चली थी. जिसमें पुलिस का दावा है कि उन्होंने 5 लाख के एक इनामी नक्सली को मार गिराया है. इसकी पुष्टि खुद एसपी अभिषेक पल्लव ने की थी.

25 से ज्यादा मामले थे दर्ज

घटनास्थल से पुलिस ने एक पिस्टल, पिट्ठू और अन्य नक्सल सामग्री बरामद की है. मृत नक्सली की शिनाख्त मलंगर एरिया कमेटी मेंबर संतोष मरकाम के रूप में हुई थी. बताया जा रहा है कि संतोष मरकाम पर 5 लाख रुपये का इनाम भी घोषित था. पुलिस के मुताबिक अरनपुर थाने में उसके खिलाफ 25 से ज्यादा मामले दर्ज थे. इसके अलावा साल 2018 के विधानसभा चुनाव के समय भी वो कोई घटनाओं में शामिल था.

नीलावाया घटना में शामिल था संतोष

एसपी के मुताबिक कोटेम और नीलावाया (Nilawaya Naxalite incident) के जंगलों में बड़े नक्सली लीडर्स के होने की सूचना पुलिस को मिली थी. सूचना मिलने के बाद डीआरजी की टीम सर्चिंग के लिए निकली हुई थी. इस दौरान जवानों का सामना नक्सलियों से हो गया. दोनों तरफ से फायरिंग के दौरान जवानों ने एक नक्सली को मार गिराया. जवानों ने घटना स्थल से नक्सली का शव भी बरामद कर लिया था. पुलिस का दावा है कि नीलावाया की घटना को नक्सली संतोष मरकाम ने अंजाम दिया था. जिसमें दूरदर्शन का एक कैमरा मैन शहीद हो गया था.

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