दन्तेवाड़ा: अनियमित कार्मचारी एक बार फिर नियमितीकरण की मांग को लेकर सड़कों पर उतर गए हैं. संविदाकर्मियों का आरोप है कि भूपेश सरकार ने सरकार बनने के साढ़े चार साल बाद भी जनघोषणा पत्र में किया हुआ वादा पूरा नहीं किया है. 54 विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारी 33 जिलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.
सरकार से वादा पूरा करने की मांग: छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ की जिला संयोजिका श्वेता सोनी ने बताया कि "सरकार ने हम संविदा कर्मचारियों को 2018 के चुनावी जनघोषण पत्र में नियमितिकरण का वादा किया था. लेकिन सरकार ने साढे़ चार साल बाद भी वादा पूरा नहीं किया है. यह गैर लोकतांत्रिक है. सरकार आने वाले अनुपूरक बजट में इस मांग को शामिल कर प्रदेश के सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित करे"
जिलेभर के कार्मचारी आंदोलनरत: ब्लॉक अध्यक्ष कुआकोंडा स्वरूप नायक ने कहा कि "इन साढ़े चार साल में सरकार की तरफ से संवादहीनता की स्थिति है. 33 जिला कलेक्टर को और कई कांग्रेस मंत्री, विधायकों और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देने के बाद भी संवाद कायम नहीं किया गया, यह लोकतंत्र में चिंताजनक और दुखद है. सरकार के खिलाफ कर्मचारियों में बेहद गुस्सा है."
कई विभागों पर पड़ेगा असर: महासंघ के कार्यकारी जिला अध्यक्ष भूपेंद्र साहू ने कहा कि "विगत साढ़े 04 वर्षों से विभिन्न आवेदन, निवेदन और मुलाकात के माध्यम से सरकार को संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग से अवगत करवाते रहे हैं. लेकिन सरकार ने इस मांग पर कोई विचार नहीं किया, बल्कि सरकार ने संवादहीनता की स्थिति बनाई हुई है. ऐसा लग रहा है मानों सरकार स्वयं संविदा कर्मचारियों को अनिश्चिकालीन आंदोलन के लिए विवश कर रही है. इनके आंदोलनरत होने से स्वास्थ्य, पंचायत, शिक्षा, महिला बाल विकास विभाग, कृषि विभाग, कलेक्टर कार्यालय आदि में काफी प्रभाव पड़ेगा."
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने दिया समर्थन: अनिश्चितकालीन हड़ताल के पहले दिन छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने अनियमित कार्मचारियों को समर्थन दिया. प्रदेश स्वास्थ्य संघ के जिला अध्यक्ष आर के जाटव ने संविदा कर्मचारियों को हड़ताल की शुभकामनाएं दी, इसके साथ ही समर्थन का विश्वास भी दिलाया.