दंतेवाड़ा: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन के तहत आदिवासियों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए एक नई पहल की गई है. पुलिस-प्रशासन ने मिलकर 'मनवा नवा नार' कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसका मतलब है हमारा नया गांव.
कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आदिवासियों की आजीविका मजबूत करने के लिए काम किया जा रहा है. इसके तहत गांव में ही छोटे-छोटे समूह बनाकर उन्हें रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. गांववालों को खेती-बाड़ी से संबंधित रोजगार मुहैया कराए जा रहे हैं, ताकि वे खुद आत्मनिर्भर होकर अपना जीवनयापन कर सकें.
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सब्जियों का पुलिस कैंपों में किया जाएगा इस्तेमाल
एसपी अभिषेक पल्लव और सीआरपीएफ कमांडेंट विनय सिंह ने बताया कि साग-सब्जियों की बिक्री के लिए हम सीधे सुरक्षा बेस कैंप, सीआरपीएफ, पीएफ के साथ ही आसपास के गांवों के लोगों से एग्रीमेंट करेंगे. सीआरपीएफ कैंपों में भोजन के लिए बनाई जाने वाली सब्जियों, दूध, डेयरी उत्पाद, पॉल्ट्री, फल के साथ दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं की आपूर्ति गांववासियों और स्थानीय स्व-सहायता समूहों से की जाएगी.