दंतेवाड़ा: बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर 52 शक्तिपीठों मे एक शक्तिपीठ है. मंदिर में 800 साल पुरानी दुर्लभ गणेश जी की प्रतिमा (oldest statue of lord ganesh) स्थापित है. मान्यता है कि विघ्नहर्ता गणपति से जो भी श्रद्धालु यहां सच्चे हृदय से मनोकामना मांगते हैं, वह जरूर पूरी होती है.
विधि विधान से की गई गणेश चतुर्थी की विशेष पूजा: गणेश चतुर्थी पर मां दंतेश्वरी मंदिर में स्थापित गणेश जी की पूजा आज शुभ मुहूर्त पर शुरु की गई. मंदिर में पुजारी द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना की गई. गणेश चतुर्थी होने के कारण सुबह से ही भक्तों का ताता मंदिर में लगा रहा. भक्तों ने मां दंतेश्वरी के साथ ही गणपति जी की भी पूजा अर्चना कर मनोकामना मांगी और आशीर्वाद लिया.
800 साल पुरानी है प्रतिमा: मंदिर के पुजारी हरिनाथ जिया ने ईटीवी भारत की टीम को बताया कि "दंतेश्वरी मंदिर में स्थापित गणेश जी की प्रतिमा 800 साल पुरानी है. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु गणेश चतुर्थी के दिन गणपति जी से जो भी मनोकामना मांगता है. चाहे वह संतान प्राप्ति, नौकरी चाकरी, बीमारी से छुटकारे, सभी दुख को विघ्नहर्ता हर लेते हैं. उस भक्त की मनोकामना जरूर पूरी होती है.
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जिया परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी करती आ रही पूजा: मां दंतेश्वरी शक्तिपीठ में स्थापित गणपति जी की पूजा अर्चना 11 दिन धूमधाम से की जाती है. गणेश चतुर्थी होने के कारण 11 दिनों तक मंदिर में स्थापित गणेश जी की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र बना रहता है. इस प्रतिमा की स्थापना मां दंतेश्वरी मंदिर बनने के उपरांत की गई थी. जिसकी पूजा अर्चना जिया परिवार द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी करते आ रहे हैं.
बस्तर में गणेश जी की 5 दुर्लभ प्रतिमा: मां दंतेश्वरी शक्तिपीठ में 11वीं से 13वीं शताब्दी तक की पांच से अधिक गणेश की प्रतिमाएं अलग अलग स्थानों में विराजमान हैं. जिसमें प्रमुख मां दंतेश्वरी मंदिर में गणपति जी विराजमान है. बैलाडीला की पहाड़ियों में ढोलकल पर्वत पर धरातल से 4000 फीट ऊपर गणपति जी की प्रतिमा देखी जा सकती है. बारसूर नगरी में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है. इनका संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा किया जा रहा है. इन मूर्तियों में तेल आदि अर्पित करना वर्जित है.