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दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर नक्सली ने किया आत्मसमर्पण - नक्सली ने किया आत्मसमर्पण

दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर एक नक्सली ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है.

loan varratu campaign in dantewada
दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान
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Published : Feb 18, 2022, 11:39 PM IST

दंतेवाड़ा: लोन वर्राटू अभियान यानी कि घर वापस आईये अभियान से प्रभावित होकर 1 नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है. जिले में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत कटेकल्याण एरिया कमेटी के नक्सली ने सरेंडर किया है. मार्जूम पंचायत मिलिशिया सदस्य राजू मडकाम निवासी चिकपाल स्कूलपारा के रहने वाले नक्सली ने नक्सली संगठन की खोखली विचारधारा से तंग आकर लोन वर्राटू अभियान को अपनाया. छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर समाज के मुख्यधारा में जुड़कर विकास में सहयोग करने की इच्छा व्यक्त करते हुए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया.

लोन वर्राटू अभियान के तहत आत्मसमर्पण

लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 127 इनामी नक्सली सहित कुल 518 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं.

क्या है लोन वर्राटू अभियान (What is Lone Verratu Campaign)

लोन वर्राटू गोंडी शब्द है जिसका अर्थ 'घर वापस आइए' होता है. इस अभियान से ग्रामीणों को जोड़ने पुलिस ने आत्मसमर्पण के फायदे के बैनर पोस्टर के साथ ही नक्सलियों के नामों की लिस्ट भी जिले के हर गांव पंचायत में लगाई है. ग्रामीण अपने परिवार के वे लोग जो नक्सल संगठन से जुड़े हैं उनको वापस मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुलिस के पास ला रहे हैं. यही वजह है कि लोन वर्राटू अभियान के तहत आदिवासी ग्रामीण लगातार नक्सल संगठन छोड़ मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.

लोन वर्राटू अभियान की खास बातें (Highlights of Lone Verratu Campaign)

  • इस अभियान में जो भी नक्सली सरेंडर कर रहे हैं, उनके लिए पुलिस और जिला प्रशासन उन्हें तत्काल रोजगार की व्यवस्था कर रहा है.
  • सरेंडर नक्सलियों से बिल्डिंग, स्कूल, सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण कार्य कराया जाता है, जिसे नक्सली नुकसान पहुंचा चुके होते हैं.
  • सरेंडर नक्सली अपने गांव पंचायत के विकास कार्यों में योगदान दे रहे हैं.
  • यह अभियान फिलहाल बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में ही चलाया जा रहा है और इसकी सफलता को देखते हुए अन्य जिलों में भी इस अभियान को शुरू करने की तैयारी पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही है.
  • इस अभियान के तहत सरेंडर करने वालों में एक लाख से लेकर 10 लाख के इनामी नक्सली भी शामिल हैं.
  • लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को बस्तर पुलिस अपने साथ पुलिस में भी नौकरी दे रही है और इसके लिए बकायदा उन्हें ट्रेनिंग देने के साथ ही नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे हैं एंटी नक्सल ऑपरेशन में भी शामिल कर रही है.

दंतेवाड़ा: लोन वर्राटू अभियान यानी कि घर वापस आईये अभियान से प्रभावित होकर 1 नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है. जिले में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत कटेकल्याण एरिया कमेटी के नक्सली ने सरेंडर किया है. मार्जूम पंचायत मिलिशिया सदस्य राजू मडकाम निवासी चिकपाल स्कूलपारा के रहने वाले नक्सली ने नक्सली संगठन की खोखली विचारधारा से तंग आकर लोन वर्राटू अभियान को अपनाया. छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर समाज के मुख्यधारा में जुड़कर विकास में सहयोग करने की इच्छा व्यक्त करते हुए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया.

लोन वर्राटू अभियान के तहत आत्मसमर्पण

लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 127 इनामी नक्सली सहित कुल 518 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं.

क्या है लोन वर्राटू अभियान (What is Lone Verratu Campaign)

लोन वर्राटू गोंडी शब्द है जिसका अर्थ 'घर वापस आइए' होता है. इस अभियान से ग्रामीणों को जोड़ने पुलिस ने आत्मसमर्पण के फायदे के बैनर पोस्टर के साथ ही नक्सलियों के नामों की लिस्ट भी जिले के हर गांव पंचायत में लगाई है. ग्रामीण अपने परिवार के वे लोग जो नक्सल संगठन से जुड़े हैं उनको वापस मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुलिस के पास ला रहे हैं. यही वजह है कि लोन वर्राटू अभियान के तहत आदिवासी ग्रामीण लगातार नक्सल संगठन छोड़ मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.

लोन वर्राटू अभियान की खास बातें (Highlights of Lone Verratu Campaign)

  • इस अभियान में जो भी नक्सली सरेंडर कर रहे हैं, उनके लिए पुलिस और जिला प्रशासन उन्हें तत्काल रोजगार की व्यवस्था कर रहा है.
  • सरेंडर नक्सलियों से बिल्डिंग, स्कूल, सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण कार्य कराया जाता है, जिसे नक्सली नुकसान पहुंचा चुके होते हैं.
  • सरेंडर नक्सली अपने गांव पंचायत के विकास कार्यों में योगदान दे रहे हैं.
  • यह अभियान फिलहाल बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में ही चलाया जा रहा है और इसकी सफलता को देखते हुए अन्य जिलों में भी इस अभियान को शुरू करने की तैयारी पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही है.
  • इस अभियान के तहत सरेंडर करने वालों में एक लाख से लेकर 10 लाख के इनामी नक्सली भी शामिल हैं.
  • लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को बस्तर पुलिस अपने साथ पुलिस में भी नौकरी दे रही है और इसके लिए बकायदा उन्हें ट्रेनिंग देने के साथ ही नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे हैं एंटी नक्सल ऑपरेशन में भी शामिल कर रही है.
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