दंतेवाड़ा : रक्षाबंधन से 2 दिन पहले बहन के प्रेम ने 8 लाख के इमानी नक्सली से लाल आतंक का दामन छुड़वा ही दिया. 8 लाख के इनामी नक्सली ने नक्सलवाद को अलविदा कहते हुए आत्मसमर्पण कर दिया है. कहते हैं कि रक्षाबंधन में भाई को राखी बांधने के बाद बहन अपने भाई से यह वचन लेती है कि भाई हमेशा उसकी हिफाजत करेगा. लेकिन दंतेवाड़ा में एक ऐसी भी बहन थी जो 12 सालों से भाई के कलाई में राखी बांधने को तरस रही थी. आखिरकार बहन का प्रेम ही है जो आज भाई को वापस उसके पास ले आया.
दरअसल, 2008 से नक्सली संगठन में शामिल होने के बाद मल्ला भैरमगढ़ एरिया के पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी के प्लाटून नंबर 13 का डिप्टी कमांडर के रूप में सक्रिय था. वह अपने साथ इंसास राइफल भी रखता था. साथ ही भैरमगढ़ एरिया में जितने भी नक्सली वारदातें हुई उनमें वह शामिल था. हत्या, लूटपाट, आईईडी ब्लास्ट, जैसी कई बड़ी वारदातों की मल्ला ने अगुआई की. जिस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 8 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. नक्सली मल्ला ने शनिवार को दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव और CRPF DIG के समक्ष आत्मसमर्पण किया है.
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एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि जिले में लोन वर्राटू अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों का नाम और इनाम सहित बैनर चस्पा किया गया है. मल्ला 12 साल बाद अपने घर वापस लौटा था, वापस लौटने के बाद उसकी बहन ने कहा कि आए दिन समाचार के माध्यम से यह सूचना मिलती है कि मुठभेड़ में नक्सली मारे गए हैं. जिसके बाद अपने भाई को खोने के डर से उसने मल्ला को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रोत्साहित किया.
बहन ने 12 साल बाद भाई को बांधी राखी
जिसके बाद मल्ला ने शनिवार आत्मसमर्पण किया है. समर्पण के बाद पुलिस ने भाई बहन के प्रेम को देखते हुए रक्षाबंधन के पावन अवसर पर भाई की कलाई में राखी भी बंधवाई. पुलिस ने मल्ला को समाज की मुखयधारा में जुड़ने पर बधाई भी दी है. साथ ही 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देते हुए जल्द ही पुनर्वास नीति का लाभ दिलाने का आश्वासन पुलिस ने दिया है.