दंतेवाड़ा: इस बार शारदीय नवरात्रि धूमधाम से मनाई जाएगी. 26 सितम्बर से शुरू होने वाले महापर्व पर दो साल बाद दंतेश्वरी मंदिर में पूरी धार्मिक आस्था और भव्यता के दर्शन होंगे. शनिवार को दंतेश्वरी टैंपल कमेटी की बैठक में ये फैसला लिया गया. बैठक में विधायक देवती कर्मा और टैंपल कमेटी के अध्यक्ष कलेक्टर विनीत नंदनवार की अध्यक्षता में साथ जन प्रतिनिधि व मंदिर के प्रधान पुजारी शामिल हुए. इस दौरान शारदीय नवरात्रि में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में चर्चा की गई. चर्चा के बाद मंदिर में तैयारियों का जायजा लिया गया. Shardiya Navratri Danteshwari Temple
15 हजार से ज्यादा ज्योति कलश: मंदिर में तेल और घी के कुल 15 हजार 51 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित कराये जायेंगे. घी के लिए 2100 रुपये और तेल के लिए 1100 रुपये निर्धारित किए गए हैं. ज्योति कलश के लिए ऑनलाइन बुकिंग की भी व्यवस्था रखी गयी है.
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दंतेश्वरी माई के वीआईपी दर्शन की सुविधा: दंतेश्वरी मंदिर में दंतेश्वरी माई के वीआईपी दर्शन की भी सुविधा है. जिसके लिए 2100 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है.
दंतेश्वरी मंदिर में नवरात्र पर सांस्कृतिक आयोजन: चैत्र नवरात्र के दौरान सांस्कृतिक आयोजन की भी तैयारी हो रही है. मंदिर परिसर को प्लास्टिक फ्री बनाने का भी विचार हुआ है. इसके साथ ही नारायण मंदिर परिसर का भी जायजा कलेक्टर विनीत नंदनवार ने ली. टेंपल कमेटी के सदस्यों से व्यवस्थाओं की जानकारी ली.
मंदिर के पुजारी हरेंद्र नाथ जिया ने बताया "कोरोना काल में 2 साल शारदीय नवरात्र में मंदिर के कपाट बंद रहे. कोरोना संक्रमण कम होते ही इस साल शारदीय नवरात्र भव्य रूप में मनाने की तैयारी है. जिसके लिए जिला प्रशासन, टेंपल कमिटी की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 15 से ज्यादा सेवा केंद्र खोले गए हैं. उनके रुकने और खाने पीने के लिए विशेष पंडाल लगाए गए है.
इस नवरात्रि हाथी पर सवार होकर आ रहीं मां दुर्गा
हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा: इस बार 26 सितंबर से 4 अक्टूबर तक नवरात्र का पर्व पूरे देश में मनाया जाएगा. हर साल तिथि और दिन के अनुसार मां दुर्गा नवरात्र में अलग अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं. इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आने वाली हैं. हाथी बल का प्रतीक माना जाता है. हाथी में एक अच्छी युद्ध कला पाई जाती है. हाथी में अहंकार नहीं पाया जाता. वह मदमस्त होकर चलता है. इस बार का फल भी भक्तों को इसी अनुसार मिलेगा. वर्तमान में भारत अन्य सभी देशों के मुकाबले उच्च शिखर पर बढ़ते हुआ नजर आ रहा है. भारत इस समय में प्रबल शक्ति बनकर उभर रहा है और विश्व गुरु बनने के पद पर है.